J&K: जमात-ए-इस्लामी, अलगाववादियों के खिलाफ नहीं होने दी कार्रवाई: महबूबा मुफ्ती

भाजपा राष्ट्रीय जांच एजेंसी के माध्यम से अलगाववादियों को दबाने का प्रयास करना चाहती थी। मगर उन्होंने अपने कार्यकाल में ऐसी कार्रवाई की इजाजत नहीं दी।

By Rahul SharmaEdited By: Publish:Wed, 13 Mar 2019 04:39 PM (IST) Updated:Wed, 13 Mar 2019 04:39 PM (IST)
J&K: जमात-ए-इस्लामी, अलगाववादियों के खिलाफ नहीं होने दी कार्रवाई: महबूबा मुफ्ती
J&K: जमात-ए-इस्लामी, अलगाववादियों के खिलाफ नहीं होने दी कार्रवाई: महबूबा मुफ्ती

जम्मू, राज्य ब्यूरो। पूर्व मुख्यमंत्री और पीडीपी की अध्यक्षा महबूबा मुफ्ती ने बुधवार काे दावा किया कि राज्य में गठबंधन सरकार के समय भाजपा जमात-ए-इस्लामी पर प्रतिबंध लगाना चाहती थी और हुर्रियत के खिलाफ कार्रवाई करना चाहती थी। परंतु उन्होंने अपनी सरकार में ऐसा नहीं होने दिया।

बांडीपोरा जिले में पार्टी कार्यकर्ताओं के सम्मेलन काे संबोधित करते हुए महबूबा मुफ्ती ने कहा कि भाजपा राष्ट्रीय जांच एजेंसी के माध्यम से अलगाववादियों को दबाने का प्रयास करना चाहती थी। मगर उन्होंने अपने कार्यकाल में ऐसी कार्रवाई की इजाजत नहीं दी। उन्होंने यह भी दावा कि भाजपा हुर्रियत के चेयरमैन मीरवाइज उमर फारूक और सैयद अली शाह गिलानी के खिलाफ भी राष्ट्रीय जांच एजेंसी द्वारा छापे मरवाना चाहती थी। परंतु उन्होंने ऐसी किसी भी कार्रवाई की विरोध किया था। उन्होंने कहा कि यह नेशनल कांफ्रेंस और कांग्रेस सरकार के कार्यकाल के दौरान कश्मीर में पोटा और एनआइए ने अपने पैर पसारे।

उन्होंने यह भी कहा कि उन्होंने भाजपा को एक महीने के लिए कश्मीर में संघर्ष विराम के लिए विवश किया परंतु आतंकवादियों ने इसे सफल नहीं दिया। उन्होंने कहा कि वह चाहती थीं कि अलगाववादियों के साथ बातचीत हो। साल 2016 में कश्मीर में संसदीय समिति भी आई थी। परंतु अलगाववादियों ने अपने दरवाजे बंद कर दिए थे। केंद्र सरकार ने दिनेश्वर शर्मा को वार्ताकार नियुक्त किया। मगर अलगाववादियों ने इसका भी विरोध किया और उनका समर्थन नहीं किया।

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