कश्मीर में बुना जा रहा नया सियासी समीकरण

राम माधव ने जम्मू कश्मीर अपनी पार्टी (जेकेएपी) के भी कुछ वरिष्ठ नेताओं से बैठक की है लेकिन बेग और फैसल की मुलाकात को प्रदेश की भविष्य की सियासत और निकट भविष्य में विधानसभा चुनावों के लिए शुरू की गई कवायद के साथ जोड़कर देखा जा रहा है।

By JagranEdited By: Publish:Sat, 29 Aug 2020 08:23 AM (IST) Updated:Sat, 29 Aug 2020 08:23 AM (IST)
कश्मीर में बुना जा रहा नया सियासी समीकरण
कश्मीर में बुना जा रहा नया सियासी समीकरण

राज्य ब्यूरो, श्रीनगर: कश्मीर की सियासत में तेजी से बदल रहे सियासी घटनाक्रम के बीच नए समीकरण तलाशे जा रहे हैं। कश्मीर केंद्रित दलों द्वारा गुपकार घोषणापत्र का राग फिर से अलापने के बीच अब सियासत छोड़ चुके पूर्व नौकरशाह डॉ. शाह फैसल और पीपुल्स डेमोक्रेटिक पार्टी (पीडीपी) के संरक्षक मुजफ्फर हुसैन बेग से भाजपा के राष्ट्रीय महासचिव राम माधव की मुलाकात ने सभी को चौंका दिया है। हालाकि, राम माधव ने जम्मू कश्मीर अपनी पार्टी (जेकेएपी) के भी कुछ वरिष्ठ नेताओं से बैठक की है, लेकिन बेग और फैसल की मुलाकात को प्रदेश की भविष्य की सियासत और निकट भविष्य में विधानसभा चुनावों के लिए शुरू की गई कवायद के साथ जोड़कर देखा जा रहा है।

दरअसल, नेशनल काफ्रेंस, पीडीपी, काग्रेस, माकपा, पीपुल्स काफ्रेंस और अवामी नेशनल काफ्रेंस ने एक बार फिर जम्मू कश्मीर में पाच अगस्त 2019 से पूर्व की संवैधानिक स्थिति की बहाली की मांग के गुपकार घोषणा पत्र को साझा राजनीतिक एजेंडा बताया है। इससे प्रदेश के सियासी समीकरण भी बदलते नजर आ रहे हैं। गुपकार घोषणा के बहाने ये दल अलगाववाद के प्रति सहानुभूति वाले वर्ग को अपने साथ जोड़कर सियासत को आगे बढ़ाने के प्रयास में हैं। इस सबके बीच राम माधव का दो दिवसीय कश्मीर दौरे सियासी गलबहियों को और हवा दे दी है। इस दौरे को भाजपा भले ही पूर्व नियोजित बता रही हो, लेकिन इसे इसी सियासी घटनाक्रम से जोड़कर देखा जा रहा है।

भाजपा और कश्मीर की सियासत पर नजर रखने वालों के मुताबिक जेकेएपी के दो वरिष्ठ नेता गुलाम हसन मीर और उस्मान मजीद का राममाधव से मिलना हैरान नहीं करता, क्योंकि जेकेएपी मौजूदा हालात में भाजपा की बी-पार्टी समझी जा रही है। हैरानी डॉ. शाह फैसल और मुजफ्फर हुसैन बेग से मुलाकात से होती है। फैसल इस मुलाकात पर दोपहर तक चुप रहे हैं। भाजपा भी चुप है। फैसल अगर राममाधव से मिलते हैं तो वह उनके साथ जम्मू कश्मीर की सियासत पर ही चर्चा करेंगे। बेशक उन्होंने जम्मू कश्मीर पीपुल्स मूवमेंट से नाता तोड़ा है, लेकिन वह खुद को कश्मीर की सियासत से पूरी तरह अलग नहीं रख सकते। वह कश्मीर के बुद्धिजीवियों और युवाओं का एक बड़ा वर्ग अपने साथ जोड़कर कोई ऐसा संगठन बना सकते हैं जो भाजपा के एजेंडे के मुताबिक कश्मीर मे गैर सियासी तरीके से काम करे। सम्मानजनक स्थिति खोज रहे बेग

पीडीपी के संरक्षक मुजफ्फर हुसैन बेग से राममाधव की मुलाकात विशुद्ध सियासी मुलाकात है। इस मुलाकात का कोई आधिकारिक ब्यौरा नहीं है, लेकिन सभी जानते हैं कि बेग अपने लिए एक सम्मानजनक स्थिति चाहते हैं। वह प्रदेश में जल्द विधानसभा चुनाव कराने में केंद्र के मददगार साबित हो सकते हैं। गुपकार घोषणापत्र में शामिल पीडीपी में अगर बेग अपना रास्ता पीडीपी अध्यक्ष महबूबा मुफ्ती से अलग करते हैं तो गुपकार घोषणा का एजेंडा किसी हद तक कमजोर होगा। मियां अल्ताफ ने राममाधव से मिलने से किया इन्कार

राज्य ब्यूरो, श्रीनगर : भाजपा के राष्ट्रीय महासचिव राम माधव की कश्मीर यात्रा से स्थानीय सियासत तेज हो चुकी है। नेशनल कांफ्रेंस के वरिष्ठ नेता मियां अल्ताफ ने शुक्रवार को दावा किया कि राममाधव ने उनसे मिलने का प्रयास किया था, लेकिन उन्होंने इन्कार कर दिया। वीरवार से श्रीनगर के दो दिवसीय दौरे पर राममाधव ने पीडीपी संरक्षक मुजफ्फर हुसैन बेग के अलावा जम्मू कश्मीर अपनी पार्टी के गुलाम हसन मीर, उस्मान मजीद और पूर्व नौकरशाह डॉ. शाह फैसल से मुलाकात की है। राममाधव की कश्मीर में गैर भाजपा नेताओं से मुलाकात को जम्मू कश्मीर में नए राजनीतिक मंच को तैयार करने की कवायद के साथ जोड़कर देखा जा रहा है।

नेशनल कांफ्रेंस के वरिष्ठ नेता और पूर्व मंत्री मियां अल्ताफ ने बताया कि राममाधव मुझसे मिलने घर पर आना चाहते थे। भाजपा नेता खालिद जहांगीर ने फोन कर राममाधव के बारे में बताया था। मैंने साफ मना कर दिया कि मुझे उनसे कोई मुलाकात नहीं करनी है। मैंने खालिद को फोन से लिखित संदेश भेजा। मियां ने कहा कि मैं नहीं चाहता कि बाद में किसी तरह विवाद पैदा हो इसलिए मैंने खुद ही सार्वजनिक किया है। मैं भाजपा के मंसूबों को समझता हूं। हमारा उनकी सियासत से सरोकार नहीं है। भाजपा नेता खालिद जहांगीर ने मियां अल्ताफ के साथ हुई बातचीत की पुष्टि करते हुए बताया कि राममाधव गांदरबल आ रहे थे। इसलिए मैंने अल्ताफ से कहाकि अगर वह चाहें तो मुलाकात कर सकते हैं। उन्होंने इन्कार कर दिया। हमारा कोई छिपा एजेंडा नहीं है। मियां अब जिसतरह से इस मामले को पेश कर रहे हैं उनकी मंशा का समझा जा सकता है। चुनाव तैयारियों पर भाजपा की मुहिम शुरू

राज्य ब्यूरो, जम्मू : प्रदेश कार्यकारिणी की बैठक के बाद भाजपा ने जनाधार बढ़ाने की मुहिम तेज कर दी है। प्रदेश भाजपा अध्यक्ष रविंद्र रैना ने शुक्रवार से कठुआ जिले का दो दिवसीय दौरा कर आगे की रणनीति तय करने के लिए पार्टी नेताओं व कार्यकर्ताओं के साथ बैठकें शुरू की हैं।

रैना ने शुक्रवार को कठुआ में बैठकें कीं। वह शनिवार को जिले के बिलावर व बसोहली इलाकों का दौरा कर पार्टी नेताओं व कार्यकर्ताओं से मिलेंगे। इसके बाद राजौरी व पुंछ जिलों का भी दौरा करेंगे। इन जिलों में नियंत्रण रेखा से सटे इलाकों में पाकिस्तान की गोलाबारी से लोगों को दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है। प्रदेश भाजपा लोगों के मसलों को जिला प्रशासन से भी उठाएगी। रैना से पहले भाजपा सांसद जुगल किशोर शर्मा भी इन जिलों का दौरा कर विकास कार्यो को तेजी देने के लिए उठाए जा रहे कदमों का जायजा ले चुके हैं। रैना ने बताया कि पार्टी नेता लोगों व प्रशासन के बीच पुल की भूमिका निभाते हुए अपनी जिम्मेदारी निभाएंगे। जिलों के दौरे को लेकर जल्द ही शेड्यूल तय किया जाएगा।

इस बीच संगठन महामंत्री अशोक कौल वीरवार से कश्मीर में पार्टी गतिविधियों को तेजी देने के लिए श्रीनगर में हैं। जिलों के दौरे कर पार्टी गतिविधियों को तेजी देने की रणनीति जम्मू में 25 अगस्त को प्रदेश कार्यकारिणी की बैठक में बनी थी।

प्रधानमंत्री ने जम्मू कश्मीर में परिसीमन के बाद विधानसभा चुनाव करवाने की घोषणा की है। ऐसे में अब पार्टी विधानसभा चुनाव के लिए जनाधार मजबूत करने के लिए बड़े पैमाने पर लोगों के बीच जाने की तैयारी में है। ऐसे में नेताओं व कार्यकर्ताओं को स्पष्ट निर्देश हैं कि वे प्रशासन से लोगों की मुश्किलों को दूर करवाने के साथ केंद्र प्रायोजित योजनाओं से उन्हें सशक्त बनाने में पूरा सहयोग दें। जम्मू कश्मीर में अनुच्छेद 370 हटाने समेत केंद्र सरकार की उपलब्धियों को भी उजागर करें।

chat bot
आपका साथी