कश्मीर में उम्मीदों को तोड़ रहा मानसून

बारिश इतनी नहीं हुई है कि जमीन की प्यास बुझ सके। मंगलवार को उम्मीद बंधी की झमाझम बारिश हो जाएगी लेकिन यह भी टूट गई। कुछ देर में ही बारिश का सिलसिला थम गया और चटक धूप निकल आई।

By JagranEdited By: Publish:Wed, 19 Aug 2020 08:29 AM (IST) Updated:Wed, 19 Aug 2020 08:29 AM (IST)
कश्मीर में उम्मीदों को तोड़ रहा मानसून
कश्मीर में उम्मीदों को तोड़ रहा मानसून

संवाद सहयोगी, श्रीनगर: इस वर्ष मानसून कश्मीर में अब तक मेहरबान नहीं रहा है। प्रशासन भले ही इसे नकार रहा हो, लेकिन पूरी वादी में सूखे जैसी स्थिति है। इसीलिए ही प्रशासन भविष्य की चिंताओं से निपटने के लिए तैयारी करने लगा है। बारिश इतनी नहीं हुई है कि जमीन की प्यास बुझ सके। मंगलवार को उम्मीद बंधी की झमाझम बारिश हो जाएगी, लेकिन यह भी टूट गई। कुछ देर में ही बारिश का सिलसिला थम गया और चटक धूप निकल आई। श्रीनगर में महज 0.3 मिलीमीटर बारिश हुई। मौमस विभाग ने अगले चंद दिनों में भी मौसम में कोई खास परिवर्तन के आसार नहीं जताए हैं।

कश्मीर में इस बार गर्मी ने कई रिकार्ड तोड़े हैं। 17 अगस्त को कश्मीर में अधिकतम तापमान 35.7 डिग्री सेल्सियस रिकार्ड हुआ जो बीते 40 वर्षो में सबसे अधिक है। बारिश न होने से किसान चिंतित हैं। धान की फसल लगभग खत्म हो रही है। सेब और बादाम पेड़ों में भी रौनक कम है। मौसम विभाग के निदेशक सोनम लोट्स ने कहा कि अगले चंद दिनों तक मौसम में कोई खास तब्दीली नहीं आएगी। अलबत्ता 21 और 22 अगस्त को ऊपरी इलाकों में हल्की बारिश हो सकती है। शुष्क मौसम के बीच गर्मी का प्रकोप जारी रहेगा। बारिश से अब कोई फायदा नहीं

किसानों का कहना है कि अब अगर खूब बारिश हो भी जाती है तो इसका कोई फायदा नहीं। जो कुछ नुकसान होना था, वह हो चुका है। जमीन पूरी तरह से सूख चुकी है। दरारें पड़ गई हैं। मवेशियों को खिला रहे धान की फसल

बड़गाम, गांदरबल, कुपवाड़ा, बारामुला में किसान सिंचाई के लिए बारिश पर ही निर्भर हैं। बारिश न होने से धान की फसल सूख चुकी है। इसलिए किसान इसे अपने मवेशियों को खिला रहे हैं। बारिश के लिए होगी नमाज

कश्मीर में लोग बारिश के लिए दुआ मांग रहे हैं। श्रीनगर की ऐतिहासिक जामिया मस्जिद में शुक्रवार को बारिश के लिए एक विशेष नमाज और दुआ की जाएगी। सूखे से निपटने को प्रशासन की तैयारी

कश्मीर में बीते तीन माह में नाममात्र की बारिश से निकट भविष्य में सूखे की आशका से निपटने लिए प्रशासन तैयारी में जुट गया है। गत दिवस ही मंडलायुक्त कश्मीर पाडुरंग के पोले ने अधिकारियों से बैठक में कहा कि बेशक इस समय सूखे जैसी स्थिति नहीं है, लेकिन ऐसी स्थिति से निपटने के लिए अभी से तैयारी करनी चाहिए। अगर कुछ समय और बारिश नहीं हुई तो जल संकट और सिंचाई के लिए पानी की कमी हो सकती है। इसलिए सिंचाई के लिए सामुदायिक और निजी बोरवेल से खेतों में पानी सुनिश्चित करना होगा। कम बारिश से पेड़ों, वन्य जीव, मछली उत्पादन पर असर से भी प्रशासन चिंतित है।

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