वन में आग लगने पर तुरंत मिलेगी जानकारी

राज्य ब्यूरो, श्रीनगर : वन में आग लगने की सूचना अब तत्काल मिलेगी। आग को बुझाने की कार्रवाई भ

By JagranEdited By: Publish:Wed, 03 Oct 2018 09:26 PM (IST) Updated:Wed, 03 Oct 2018 09:26 PM (IST)
वन में आग लगने पर तुरंत मिलेगी जानकारी
वन में आग लगने पर तुरंत मिलेगी जानकारी

राज्य ब्यूरो, श्रीनगर : वन में आग लगने की सूचना अब तत्काल मिलेगी। आग को बुझाने की कार्रवाई भी त्वरित होगी। इसे संभव बनाने के लिए इंडियन इंस्टीट्यूट ऑफ रिमोट सें¨सग (आइआइआरएस) देहरादून ने राज्य वन विभाग की ओर से उपलब्ध कराई गई जानकारी और अन्य तकनीकी मदद से फॉरेस्ट फायर अलर्ट मोबाइल एप तैयार किया है।

राज्यपाल के सलाहकार के विजय कुमार ने इस एप का बुधवार को ई-उद्घाटन किया है। फायर अलर्ट एप के उद्घाटन समारोह में प्रिंसिपल चीफ कंजरवेटर ऑफ फॉरेस्ट (पीसीसीएफ) जेएंडके सुरेश चुग, मुख्य वन्य जीव संरक्षक रवि केसर, चेयरमैन पीसीबी सिद्धार्थ कुमार, निदेशक भू एवं जल संरक्षण पीके ¨सह, निदेशक आइआइआरएस देहरादून प्रकाश चौहान और आइआइआरएस के अधिकारी भी मौजूद थे।

आइआइआरएस देहरादून के अधिकारी ने फारेस्ट फायर रिपोíटंग मोबाइल एप्लीकेशन की जानकारी देते हुए बताया कि यह मोबाईल ऐप इस्तेमाल करने में आसान है। इसे आसानी से  स्मार्ट फोन में संचालित किया जा सकता है। फील्ड स्टाफ को उपलब्ध करवाया जाएगा। जैसे ही फील्ड स्टाफ का कोई अधिकारी या कर्मी किसी जगह जंगल में आग की घटना को देखेगा, वह तुरंत उसकी जानकारी इस एप में फायर की¨पग मोबाइल लोकेशन फीचर डालेगा और यह सारी जानकारी आग वाले इलाके की स्थिति और अन्य ब्योरे सेटलाइट के जरिए अधिकारियों तक पहुंच जाएंगे। वह उसी समय आग पर काबू पाने के लिए कार्रवाई करेंगे।

इसके अलावा एप के माध्यम से पंजीकृत जानकारी प्रत्येक वन संभाग के लिए संग्रहित की जाएगी। यह संभागों द्वारा अधिक प्रभावी वन अग्नि प्रबंधन योजना तैयार करने के लिए डेटा बेस के रूप में कार्य करेगी, जिसमें प्रत्येक डीएफओ अपने डेस्कटॉप से अधिक आग प्रभावित क्षेत्रों को देख सकता है।

इस मौके पर पीसीसीएफ जम्मू व कश्मीर सुरेश चुग ने कहा कि वन विभाग ने ऐप का क्षेत्रीय परीक्षण किया है और अंतिम ऐप इंटरफेस बनाने में प्रासंगिक बदलाव किए हैं ताकि जितना संभव हो उसे अधिक अनुकूल बनाया जा सके

 विजय कुमार ने आइआइआरएस के अधिकारियों से राज्य में लोगों तक पहुंचने के कार्यक्रम और अन्य योग्य संस्थानों में लाइव एंड इंटरएक्टिव कार्यक्रम का विस्तार करने को कहा।

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