आतंकियों ने हुíरयत नेता को मौत के घाट उतारा

राज्य ब्यूरो, श्रीनगर : आतंकियों को कश्मीर का रक्षक बताने वाले हुर्रियत नेता तारिक अहमद गन

By JagranEdited By: Publish:Fri, 12 Oct 2018 02:42 AM (IST) Updated:Fri, 12 Oct 2018 02:42 AM (IST)
आतंकियों ने हुíरयत नेता को मौत के घाट उतारा
आतंकियों ने हुíरयत नेता को मौत के घाट उतारा

राज्य ब्यूरो, श्रीनगर : आतंकियों को कश्मीर का रक्षक बताने वाले हुर्रियत नेता तारिक अहमद गनई को मेमंदर (शोपियां) में आतंकियों ने ही गोली मारकर मौत के घाट उतार दिया। तारिक खुद भी वर्ष 1996 तक दक्षिण कश्मीर में सक्रिय नामी आतंकियों में शामिल रहा है। उसकी हत्या के बाद आतंकियों के एक दस्ते ने उसके जनाजे में शामिल होकर हवा में गोलियां चलाई। इसके बाद आतंकी वहां से निकल गए।

जानकारी के अनुसार, शोपियां के मेमेंदर गांव का रहने वाला तारिक अहमद गनई दोपहर करीब बारह बजे घर से अपने बाग के लिए निकला। रास्ते में ही आतंकियों ने उसका रास्ता रोक लिया। आतंकियों ने उसे बचाव का कोई मौका दिए बगैर प्वाइंट ब्लैक रेंज से गोली मारी दी। इसके बाद आतंकी वहां से फरार हो गए।

संबंधित अधिकारियों ने बताया कि मौलवी तारिक अहमद एक पूर्व आतंकी था। वह 1996 तक शोपियां में सक्रिय रहे नामी आतंकियों में गिना जाता था। पकड़े जाने के बाद वह कुछ समय तक जेल में रहा और रिहा होने के बाद अलगाववादी सियासत का हिस्सा बन गया। वह हुर्रियत कांफ्रेंस के कट्टरपंथी गुट के प्रमुख घटक जम्मू कश्मीर मुस्लिम लीग का जिला प्रधान और हुर्रियत की शोपियां इकाई का प्रधान भी था। वह जेल में बंद मुस्लिम लीग के चेयरमैन मसर्रत आलम के करीबियों में एक था। तारिक गनई को वर्ष 2016 में राष्ट्रविरोधी गतिविधियों में संलिप्तता के आरोप में पकड़ा गया था। करीब दो माह पहले ही वह जेल से रिहा हुआ था।

chat bot
आपका साथी