आतंकियों ने पुत्र की मौत का शोक मनाने आए सैन्यकर्मी की हत्या की

राज्य ब्यूरो, श्रीनगर : आतंकियों ने सोमवार को कुलगाम में अपने पुत्र की मौत का शोक मनाने आए

By JagranEdited By: Publish:Tue, 18 Sep 2018 02:23 AM (IST) Updated:Tue, 18 Sep 2018 02:23 AM (IST)
आतंकियों ने पुत्र की मौत का शोक  मनाने आए सैन्यकर्मी की हत्या की
आतंकियों ने पुत्र की मौत का शोक मनाने आए सैन्यकर्मी की हत्या की

राज्य ब्यूरो, श्रीनगर : आतंकियों ने सोमवार को कुलगाम में अपने पुत्र की मौत का शोक मनाने आए सैन्यकर्मी को उसके घर में ही मौत के घाट उतार दिया। आतंकी शोक जताने के बहाने उसके घर में दाखिल हुए थे।

जानकारी के अनुसार, दक्षिण कश्मीर में जिला कुलगाम के अंतर्गत शुरत गांव में सुबह प्रादेशिक सेना (टेरीटोरियल आर्मी) की 162वीं वाहिनी के जवान मुख्तार अहमद मलिक अपने घर की पहली मंजिल पर एक कमरे में बैठे थे। इसी दौरान कुछ लोग उसके पुत्र की मौत पर संवेदना जताने आए। मुख्तार के एक पुत्र आदिल की शुक्रवार को सड़क हादसे में मौत हो गई थी। वह अपने पुत्र की मौत के बाद ही घर आए थे। घर में घुसते ही आतंकियों ने गीलीबारी शुरू कर दी। गोलियों की आवाज सुनकर पूरे घर में अफरा-तफरी मच गई। सभी इधर-उधर भागने लगे। किसी को समझ नहीं आया कि क्या हुआ। इसी अफरा-तफरी में आतंकी भाग निकले। गोलियों की आवाज सुनकर घर में मौजूद लोग जब ऊपरी कक्ष में पहुंचे तो वहां मुख्तार अहमद खून से लथपथ पड़े थे। उन्हें तुरंत जिला अस्पताल कुलगाम ले जाया गया, जहां डॉक्टरों ने उसे मृत लाया घोषित कर दिया।

सैन्यकर्मी की हत्या की जानकारी मिलते ही सुरक्षाबल मौके पर पहुंच गए। उन्होंने उसी समय शुरत और उससे सटे इलाके की घेराबंदी करते हुए तलाशी अभियान चलाया। पुलिस ने दिवंगत के परिजनों से पूछताछ भी की, लेकिन कोई भी आतंकियों के बारे में सही जानकारी देने में समर्थ नहीं था।

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आतंकवाद का किया था त्याग

मुख्तार अहमद मलिक सेना में भर्ती होने से पहले कुलगाम का एक नामी इख्वान कमांडर था। वह मुख्तार गोला के नाम से इलाके में मशहूर था। इख्वान उन आतंकियों को कहा जाता है, जिन्होंने आतंकवाद को त्यागकर सुरक्षाबलों के साथ मिलकर कश्मीर में आतंकियों के सफाए में अहम भूमिका निभाई थी।

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