इस्लाम छोटी उम्र में मौत को गले लगाने की इजाजत नहीं देता

राज्य ब्यूरो, श्रीनगर : मुख्यमंत्री महबूबा मुफ्ती ने शोपियां में मुठभेड़ के बाद भड़की ¨हसा में पांच यु

By JagranEdited By: Publish:Tue, 08 May 2018 01:56 AM (IST) Updated:Tue, 08 May 2018 01:56 AM (IST)
इस्लाम छोटी उम्र में मौत को गले लगाने की इजाजत नहीं देता
इस्लाम छोटी उम्र में मौत को गले लगाने की इजाजत नहीं देता

राज्य ब्यूरो, श्रीनगर : मुख्यमंत्री महबूबा मुफ्ती ने शोपियां में मुठभेड़ के बाद भड़की ¨हसा में पांच युवकों की मौत पर दुख जताते हुए कहा कि इस्लाम हमें छोटी उम्र में ही मौत को गले लगाने की इजाजत नहीं देता। अभिभावकों को चाहिए कि वह अपने बच्चों को समझाएं, उन्हें ¨हसा से दूर रखें। उन्होंने कहा कि मेरी राज्य के लोगों, देश के नागरिकों और देश की हुकूमत से गुजारिश है कि बीच का कोई रास्ता निकालकर इस खून खराबे को रोकें।

छह माह बाद सोमवार को ग्रीष्मकालीन राजधानी श्रीनगर में नागरिक सचिवालय पुन: बहाल होने पर पत्रकारों से बातचीत में महबूबा ने कहा कि आज जब यहां दरबार खुला है तो एक तकलीफदेह हालात में हम कार्यालय आए हैं, क्योंकि कल जो शोपियां में पांच नागरिकों की मौत हो हुई वह अत्यंत दुखद है। यह खून खराबा बंद होना चाहिए। मेरी आपके माध्यम से सभी से गुजारिश है कि हमें मिलकर कोई न कोई बीच का रास्ता निकालकर इस खून खराबे को रोकना होगा। यही इस वक्त की जरूरत है।

महबूबा ने कहा कि ¨हसा का शिकार गरीब का बच्चा ही हो रहा है। पत्थर है तो गरीब के बच्चे के हाथ में और बंदूक है तो गरीब के बच्चे के हाथ में। मारा जा रहा है तो गरीब का बच्चा। यह सब रुकना चाहिए। यह दुर्भाग्यपूर्ण है कि इस ¨हसा के सबसे ज्यादा पीड़ित समाज के सबसे निचले स्तर के लोग हैं। उन्होंने कहा कि मेरी अभिभावकों से भी अपील है कि वह अपने बच्चों को समझाएं, उन्हें ¨हसा से दूर रखें और यहां हालात सामान्य बनाने में हमारा साथ दें। उन्होंने कहा कि अल्लाह ने हम सभी को इस जमीन पर एक अच्छी ¨जदगी जीने के लिए भेजा है। इस्लाम हमें छोटी उम्र में मौत को गले लगाने की इजाजत नहीं देता, यह बच्चों को समझाना चाहिए। उन्होंने देश के राष्ट्रीय नेतृत्व को जम्मू-कश्मीर को हत्याओं के इस दुष्चक्र से बाहर लाने के लिए राजनीतिक पहल और राजनीतिक हस्तक्षेप करने को भी कहा।

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