हर कश्मीरी पत्थरबाज या आतंकी नहीं, कुछ राजनीतिक घरानों ने कश्मीर को तबाह किया, यह भी गलत

उन्होंने इस पर कड़ा एतराज जताया कि कुछ राजनीतिक घरानों और खानदानों ने कश्मीर को तबाह किया है। इल्तिजा ने कहा कि यह विचार पूरी तरह गलत है।

By Rahul SharmaEdited By: Publish:Sat, 21 Sep 2019 11:04 AM (IST) Updated:Sat, 21 Sep 2019 11:04 AM (IST)
हर कश्मीरी पत्थरबाज या आतंकी नहीं, कुछ राजनीतिक घरानों ने कश्मीर को तबाह किया, यह भी गलत
हर कश्मीरी पत्थरबाज या आतंकी नहीं, कुछ राजनीतिक घरानों ने कश्मीर को तबाह किया, यह भी गलत

श्रीनगर, प्रेट्र : पीपुल्स डेमोक्रेटिक पार्टी की अध्यक्षा और पूर्व मुख्यमंत्री महबूबा मुफ्ती की बेटी इल्तिजा मुफ्ती ने शुक्रवार को अपनी मां समेत विभिन्न राजनीतिक नेताओं को हिरासत में रखने के लिए केंद्र सरकार को आड़े हाथ लिया। उन्होंने कहा कि प्रत्येक कश्मीरी को पत्थरबाज या आतंकी समझना अनुचित है। हम भी दूसरों की तरह ही कुछ ख्वाहिशें और उमंगें रखते हैं। कश्मीर में पांच अगस्त के बाद से आपातकाल जैसे हालात हैं।

इल्तिजा शुक्रवार को मुंबई में इंडिया टुडे समूह की ओर से आयोजित इंडिया टुडे कनक्लेव में राज्य के मौजूदा हालात पर बोल रही थी। उन्होंने इस पर कड़ा एतराज जताया कि कुछ राजनीतिक घरानों और खानदानों ने कश्मीर को तबाह किया है। इल्तिजा ने कहा कि यह विचार पूरी तरह गलत है। बार-बार इसका जिक्र कर लोगों के दिमाग में यह बात बैठाई गई क्योंकि यह सरकार के हितों को साधता था।

मॉब लिंलिंग में किसी को हिरासत में लिया गया

इल्तिजा ने कहा कि डॉ. फारूक अब्दुल्ला, उमर अब्दुल्ला और महबूबा मुफ्ती समेत तीन पूर्व मुख्यमंत्रियों समेत बड़ी संख्या में राजनीतिक नेताओं को हिरासत में रखा गया है। सरकार कहती है कि एहतियात के तौर पर उन्हें हिरासत में लिया गया है ताकि हालात खराब न हों। यहां उन्मादी भीड़ (मॉब लिंचिंग) लोगों को पीट-पीट कर मौत के घाट उतार देती है। मैं पूछती हूं कि मॉब ङ्क्षलङ्क्षचग की इतनी घटनाएं हो रही हैं, क्या एहतियात के तौर पर किसी को हिरासत में लिया गया है।

जिसके पिता ने टू नेशन थ्योरी को रिजेक्ट किया, उसे ही गिरफ्तार कर लिया

इल्तिजा ने कहा हरियाणा को दुष्कर्म की राजधानी भी कहते हैं। क्या आप मुझे बताएंगे कि किसी हरियाणवी व्यक्ति यह मानकर कि वह दुष्कर्म कर सकता है, एहतियातन हिरासत में लिया जाएगा। फिर मेरी मां को क्यों? फारूक अब्दुल्ला को हिरासत में लेने पर इल्तिजा ने कहा कि जिस शख्स के पिता ने टू नेशन थ्योरी को रिजेक्ट कर दिया था, उसे ही गिरफ्तार कर लिया गया।

कश्मीरियों को विश्वास में लिए बिना इतना बड़ा फैसला ले लिया गया

अनुच्छेद 370 के मुद्दे पर इल्तिजा ने कहा इतना बड़ा फैसला कश्मीरियों को विश्वास में लिए बिना ले लिया गया। कश्मीर में जब पर्यटन का मुख्य सीजन था तभी पर्यटकों को वापस बुला लिया गया। बड़ी संख्या में सेना के जवानों को तैनात कर दिया गया फिर अनुच्छेद 370 हटाने का फैसला ले लिया गया। कहा गया कि यह कश्मीर के हित में है। इसका कश्मीर के विकास से कोई लेनादेना नहीं है। वर्ष 2014 में कहा गया था कि अच्छे दिन आएंगे, क्या अच्छे दिन आ गए?

उत्तर प्रदेश व बिहार की तुलना में जम्मू कश्मीर में बेहतर हालत

इल्तिजा ने कहा कि उत्तर प्रदेश और बिहार जैसे राज्यों में सामाजिक-आॢथक स्थिति बहुत बुरी है। इनकी तुलना में जम्मू कश्मीर कहीं ज्यादा बेहतर है। आप बिहार और उत्तर प्रदेश में पिछड़ेपन की व्याख्या कैसे करेंगे। जम्मू कश्मीर में महिलाएं देश के अन्य राज्यों की तुलना में कहीं ज्यादा सशक्त हैं।

मीडिया सही स्थिति नहीं दिखा रहा

मीडिया पर भी सवाल उठाते हुए इल्तिजा ने कहा कि कश्मीर के हालात को लेकर मीडिया सही स्थिति नहीं दिखा रहा है। कश्मीर में 90 लाख लोग परेशानियों का सामना कर रहे हैं। जब चंद्रयान फेल हुआ तो देश के लोग भावनात्मक और दुखी हो गए, लेकिन कश्मीर के हालत पर नहीं। ऐसा क्यों है। कश्मीर को सही करना है तो कश्मीरियों को विश्वास में लेना होगा।

अटल बिहारी वाजपेयी के रोडमैप का क्या हुआ

पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी का जिक्र करते हुए इल्तिजा ने कहा कि जम्मू कश्मीर के लोग अगर राष्ट्रीय स्तर पर किसी नेता की इच्जत करते हैं तो वह अटल बिहारी वाजपेयी हैं। वाजपेयी ने कश्मीर मसले के हल का एक रोडमैप बनाया था, लेकिन उस रोडमैप का क्या हुआ? इल्तिजा ने कहा कि प्रशासनिक पाबंदियों पर कहा कि क्या जम्मू कश्मीर भारत का अभिन्न अंग है या एक उपनिवेश।  

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