Kashmir Situation: जन-गण-मन गा रहे किशोर, अब बारूद की गंध नहीं; राष्ट्रगान की मीठी धुन

वाकई नया कश्मीर बदल रहा है। यहां की फिजाओं में अब बारूद की गंध और बंदूक का खौफ नहीं बल्कि स्कूलों में सुबह की प्रार्थना सभा में राष्ट्रगान की मीठी धुन सुनाई दे रही है।

By Preeti jhaEdited By: Publish:Fri, 03 Jan 2020 08:54 AM (IST) Updated:Fri, 03 Jan 2020 08:54 AM (IST)
Kashmir Situation: जन-गण-मन गा रहे किशोर, अब बारूद की गंध नहीं; राष्ट्रगान की मीठी धुन
Kashmir Situation: जन-गण-मन गा रहे किशोर, अब बारूद की गंध नहीं; राष्ट्रगान की मीठी धुन

श्रीनगर, नवीन नवाज। वाकई, नया कश्मीर बदल रहा है। यहां की फिजाओं में अब बारूद की गंध और बंदूक का खौफ नहीं बल्कि स्कूलों में सुबह की प्रार्थना सभा में राष्ट्रगान की मीठी धुन सुनाई दे रही है। कश्मीर के एक स्कूल में जन-गण-मन गाते किशारों का वीडियो सोशल मीडिया पर लगातार वायरल हो रहा है। यह बदलाव पाक परस्त आतंकियों और अलगाववादियों के मुंह पर करारे तमाचे के साथ इस बात का सूचक भी है कि कश्मीर की नई पीढ़ी अनुच्छेद 370 हटने के बाद केंद्र शासित जम्मू कश्मीर को दिल से अपना चुकी है।

पीएमओ में राज्यमंत्री डॉ. जितेंद्र सिंह ने भी राष्ट्रगान गा रहे कश्मीरी छात्रों का वीडियो सोशल मीडिया पर शेयर किया है। दैनिक जागरण से बातचीत में डॉ. सिंह ने कहा कि यह वीडियो कश्मीर के एक वरिष्ठ शिक्षाविद्ध ने शेयर किया है। यह वीडियो बदलते कश्मीर, बदलते भारत का प्रतीक है, जहां अलगाववाद और जिहाद का नारा देने वाले अपनी दुकान बंद कर भाग रहे हैं।

कश्मीर घाटी में पांच अगस्त 2019 के बाद बहुत कुछ बदल गया है। सड़कों पर पथराव करने वाले व जिहादी और अलगाववादी नारे लगाने वालों की भीड़ गायब हो चुकी है। मासूमों का खून बहाने वाले अब अपनी जान बचाने के लिए भागते फिर रहे हैं। हालात सामान्य हैं और कश्मीर के युवाओं का इसमें अहम योगदान है।

यह असली कश्मीर है :

इरशाद अहमद नामक एक स्थानीय युवक ने कहा कि सोशल मीडिया पर वायरल राष्ट्रगान गाते किशोरों का वीडियो अपने आप में बहुत कुछ कह रहा है। 1989 में जब मैं नौवीं कक्षा में था तो हमारे स्कूल में राष्ट्रगान होता था, लेकिन बाद में यह सुबह की सभा में बंद हो गया। यहां किसी समारोह में जब राष्ट्रगान बजता था तो कई लोग चाहकर भी इसके सम्मान में खड़े नहीं होते थे, उन्हें डर लगता था कि उन्हें इस्लाम का दुश्मन करार देकर आतंकी मौत के घाट उतार देंगे। इसके अलावा राष्ट्रविरोधी तत्वों द्वारा भी निशाना बनाए जाने का डर सताता था। आप इस वीडियो को असली कश्मीर कह सकते हैं। मैंने भी यह वीडियो देखा है, इसमें आप खुद देखेंगे कि अध्यापकों और बच्चों पर कोई दबाव या डर नहीं है।

कभी राष्ट्रगान नहीं गाने देते थे आतंकी :

वर्ष 1989 में जब कश्मीर में आतंकी ¨हसा का दौर शुरू हुआ तो आतंकी संगठन स्कूलों में राष्ट्रगान गाने पर धमकी देते थे। राष्ट्रगान बजाने पर कई जगह स्कूल प्रबंधकों को प्रताडि़त किया जाता था। अगर कोई राष्ट्रगान बजाता या उसके सम्मान में खड़ा होता था तो उसे अलगाववादी इस्लाम व कश्मीर का दुश्मन करार देते थे। सिर्फ कुछ एक स्कूलों में ही सुबह की प्रार्थनासभा में राष्ट्रगान होता था। 

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