Kashmir: देवी शारदा के मंदिर के चार द्वार चारों पीठों का करते हैं प्रतिनिधित्व, मई में होगी प्राण प्रतिष्ठा

ज्ञान की देवी शारदा के नवनिर्मित मंदिर में परंपरागत तौर पर चार द्वार बनाए गए हैं। यह मंदिर उत्तरी कश्मीर में किशनगंगा नदी किनारे टिटवाल में स्थित है। यह चारों द्वार चार पीठों का प्रतिनिधित्व करते हैं।(मंदिर के उद्घाटन पर साधु संत और सेव शारदा समिति के अध्यक्ष रविंद्र पंडिता)

By Jagran NewsEdited By: Publish:Sat, 25 Mar 2023 11:02 AM (IST) Updated:Sat, 25 Mar 2023 11:02 AM (IST)
Kashmir: देवी शारदा के मंदिर के चार द्वार चारों पीठों का करते हैं प्रतिनिधित्व, मई में होगी प्राण प्रतिष्ठा
मई में होगी देवी शारदा की प्राण प्रतिष्ठा

राज्य ब्यूरो, श्रीनगर: उत्तरी कश्मीर में किशनगंगा नदी किनारे टिटवाल (कुपवाड़ा) में ज्ञान की देवी शारदा के नवनिर्मित मंदिर में परंपरागत तौर पर चार द्वार बनाए गए हैं। यह चारों द्वार चार पीठों का प्रतिनिधित्व करते हैं। चारों पीठों के शंकराचार्य के प्रतिनिधि न केवल मंदिर के उद्घाटन अवसर पर उपस्थित रहे वरन मंदिर के द्वार खोलकर एकता और अखंडता का संदेश भी दिया। मंदिर का बुधवार को केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने वर्चुअल उद्घाटन किया था। मंदिर में स्थापित देवी शारदा की पंचधातु से निर्मित मूर्ति की प्राण प्रतिष्ठा का समारोह स्वामी अविमुक्तेश्वरानन्द सरस्वती के सान्निध्य में मई में होगा।

किशनगंगा नदी में स्नान के बाद होती थी यात्रा आरंभ

यहां बता दें कि शारदा देवी का सनातन मंदिर गुलाम कश्मीर में शारदा कस्बे के पास पहाड़ी पर स्थित है और विभाजन के बाद इसे खंडित कर दिया गया है। आदि शंकराचार्य भी कश्मीर भ्रमण के दौरान मां शारदा देवी के दर्शन के लिए शारदा पीठ आए थे और उन्होंने चार पीठों के साथ ही कश्मीर स्थित सर्वज्ञपीठ में भगवती श्रीशारदा देवी की पूजा की थी। अब नियंत्रण रेखा के किनारे किशनगंगा नदी के तट पर नए मंदिर की स्थापना की गई है। 1947 से पूर्व यहां यज्ञशाला हुआ करती थी। शारदा पीठ जाने वाले श्रद्धालु यहां विश्म के बाद किशनगंगा नदी में स्नान के बाद यात्रा आरंभ करते थे।

खोला गया पूर्व द्वार

ज्योर्तिपीठ उत्तराखंड के स्वामी अविमुक्तेश्वरानंद सरस्वती के प्रतिनिधि के रूप में ब्रह्मचारी मुकुन्दानंद ने उत्तरी द्वार, पश्चिमाम्नाय द्वारकाशारदापीठ के स्वामी सदानंद सरस्वती के प्रतिनिधि के रूप में ब्रह्मचारी विष्णुप्रियानंद ने मंदिर के पश्चिमी द्वार, दक्षिणाम्नाय शृंगेरीशारदा पीठाधीश्वर के स्वामी भारती तीर्थ और स्वामी विधुशेखर भारती के प्रतिनिधि के रूप में शृंगेरीमठ के मुख्यकार्याधिकारी वीआर गौरीशंकर दक्षिण का द्वार खोला। जगन्नाथ पुरी स्थित गोवर्धन पीठ के शंकराचार्य के प्रतिनिधि की अनुपस्थिति में सेव शारदा कमेटी के रविंद्र पंडिता और वीआर गौरीशंकर ने पूर्व का द्वार खोला।

सेव शारदा समिति कर रही थी संघर्ष

कश्मीरी हिंदू रविंद्र पंडिता ने अपने साथियों संग मिलकर सेवा शारदा समिति का गठन किया था। उन्होंने टिटवाल में 2021 में शारदा मंदिर की स्थापना का प्रयास किया जो अब पूरा हुआ है। मंदिर में स्थापित मां शारदा देवी की पंचधातु की मूर्ति शृंगेरी पीठ ने प्रदान की है। सनातन परंपरा के मुताबिक, 22 मार्च को नवसंवत्सर पर मां शारदा देवी का नवनिर्मित मंदिर श्रद्धालुओं के लिए खोला गया।

सेव शारदा समिति के अध्यक्ष रविंद्र पंडिता ने बताया कि आदि शंकराचार्य ने सभी चार पीठों का क्षेत्राधिकार तय किया है। कश्मीर ज्योतिर्मठ के अधीन आता है। ज्योर्तिमठ के मीडिया प्रभारी डाक्टर शैलेंद्र योगी उर्फ योगी राज सरकार के मुताबिक, टिटवाल में नवनिर्मित मां शारदा के मंदिर में मूर्ति की प्राण प्रतिष्ठा का समारोह मई में होगा और उसमें स्वामी अविमुक्तेश्वरानंद सरस्वती शामिल रहेंगे। 

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