Encounter Jammu Kashmir: TRF के खुफिया तंत्र का हिस्सा थे कुलगाम में मारे गए दोनों आतंकी, संगठन ने ली जिम्मेदारी

दक्षिण कश्मीर के कुलगाम ज़िले के वानपोरा इलाके में आतंकवादियों और सुरक्षा बलों के बीच मुठभेड़।दो आतंकी ढेर। पुलिस सेना और CRPF की एक संयुक्त टीम ऑपरेशन को अंजाम दे रही है।

By Preeti jhaEdited By: Publish:Sat, 30 May 2020 08:52 AM (IST) Updated:Sat, 30 May 2020 03:12 PM (IST)
Encounter Jammu Kashmir: TRF के खुफिया तंत्र का हिस्सा थे कुलगाम में मारे गए दोनों आतंकी, संगठन ने ली जिम्मेदारी
Encounter Jammu Kashmir: TRF के खुफिया तंत्र का हिस्सा थे कुलगाम में मारे गए दोनों आतंकी, संगठन ने ली जिम्मेदारी

श्रीनगर, जेएनएन । जम्मू-कश्मीर के जिला कुलगाम के वानपोरा इलाके में सुरक्षाबलों सुरक्षाबलों द्वारा मार गिराए गए दोनों आतंकी द रजिस्टेंट्स फ्रंट (TRF) के खुफिया तंत्र के सदस्य थे। उनकी पहचान जाहिर करते हुए संगठन ने इस संबंध में स्वयं बयान जारी करते हुए यह माना कि ये दोनो आतंकी उनके साथ जुड़े थे। मारे गए दोनों स्थानीय आतंकवादियों की पहचान परवेज उर्फ मोइज और शाकिर उर्फ जरार के तौर पर हुई है। हालांकि जम्मू-कश्मीर पुलिस ने टीआरएफ के इस दावे पर किसी तरह की प्रतिक्रिया देने से इंकार किया है।

आज शनिवार सुबह पुलिस, सेना और सीआरपीएफ की एक संयुक्त टीम ने इस ऑपरेशन को अंजाम दिया था। करीब आधे घंटे के भीतर ही दोनों आतंकियों को मार गिराया गया। हालांकि मुठभेड़ में बाधा डालने आैर आतंकियों को भगाने के इरादे से शरारती तत्वों ने इस दौरान सुरक्षाबलों पर पथराव भी किया परंतु एक साथ दोनों का सामना करते हुए जवानों ने दोनों आतंकियों को मार ढेर कर दिया।

शवाें को अपने कब्जे में लेने के बाद आतंकियों की पहचान करने के लिए पुलिस ने एक आतंकी के परिजनों को भी बुलाया था। मुठभेड़ स्थल से हथियार व ग्रेनेड भी बरामद हुए हैं। 

कश्मीर में अशांति का वातावरण बनाने के लिए आतंकवादी अपनी नापाक हरकतों से बाज नहीं आ रहे हैं।  वह आये दिन ऐसी घटना को अंज़ाम दे रहे हैं, लेकिन भारतीय सैनिक उनको मुंहतोड़ जवाब दे रहे हैं। जम्मू-कश्मीर के कुलगाम ज़िले के वानपोरा इलाके में आज शनिवार सुबह आतंकियों के देखे जाने की सूचना के बाद सुरक्षाबलों ने तलाशी अभियान चलाया। पुलिस, सेना और CRPF की एक संयुक्त टीम वानपोरा इलाके में पहुंची आैर सर्च ऑपरेशन शुरू कर दिया।

सुरक्षाबलों ने आतंकियों से सरेंडर करने के लिए कहा, लेकिन आतंकियों ने सुरक्षाबलों पर फायरिंग शुरू कर दी। मुठभेड़ के कुछ ही देर बाद कुछ शरारती तत्वों ने आतंकवादियों को भगाने के इरादे से सुरक्षाबलों पर पथराव शुरू कर दिया। हालांकि जवान की एक टीम पहले से ही इसके लिए तैयार दी। शरारती तत्वों को मुठभेड़ स्थल से दूर खदेड़ने के साथ जवानों ने करीब आधे घंटे के भीतर ही दोनों आतंकवादियों को मार गिराया। उसके बाद मुठभेड़ स्थल की तलाशी लेने पर दोनों आतंकियों के शवों को कब्जे में लेने के साथ उन्होंने उनके हथियार व गोलाबारूद भी बरामद किए। बताया जा रहा है कि एक आतंकी के परिवार को पहचान के लिए बुलाया गया है। पूरी तरह पुष्टि होने के बाद ही आतंकियों की पहचान जाहिर की जाएगी। फिलहाल मुठभेड़ समाप्त हो गर्इ है।

इससे पहले गुरुवार को दक्षिणी कश्मीर के पुलवामा जिले में सुरक्षाबलों के काफिले पर जैश-ए-मोहम्मद व हिजबुल मुजाहिदीन की फिदायीन हमले की साजिश को सुरक्षा बलों ने नाकाम कर दिया। राजपोरा इलाके के आयगुंड में 45 किलो आईईडी से लदी सेंट्रो कार को इंटरसेप्ट कर उसे निष्क्रिय कर दिया। आतंकियों ने कार पर फर्जी नंबर प्लेट रखी थी। यह नंबर प्लेट कठुआ जिले में बीएसएफ के एक जवान के नाम की मोटरसाइकिल की थी। हालांकि, आतंकी अंधेरे का फायदा उठाते हुए भाग निकलने में सफल रहे। पूरे इलाके में तलाशी अभियान चलाया गया।  

पुलिस को पहले से सूचना थी कि आतंकी संगठन जैश-ए-मोहम्मद और हिजबुल मुजहिदीन के आतंकी एक साथ मिलकर किसी बड़े फिदायीन हमले को अंजाम देने की फिराक में हैं। जानकारी यह भी थी कि आतंकी वर्ष 2019 में पुलवामा इलाके में सीआरपीएफ के काफिले पर किए गए आत्मघाती हमले की तर्ज पर हमले को अंजाम देने की साजिश में हैं। आतंकवादी एक बार फिर पुलवामा को दहलाना चाहते थे। उन्होंने एक कार में विस्फोटक रखा था, लेकिन उनके नापाक मंसूबे कामयाब नहीं हो पाए। समय रहते भारतीय जांबाजों ने IED को नष्ट कर दिया।

पुलवामा के राजपोरा के अयानगुंड एरिया में एक कार में आईईडी (IED) रखा हुआ था। सूत्रों का कहना है कि कार में आतंकवादी भी मौजूद था, लेकिन घेराबंदी और गोलीबारी को देखते हुए वह भाग गया था। पुलिस को चार-पांच दिन पहले आईईडी ले जाने वाले वाहन के मूवमेंट के बारे में सूचना मिला थी। इसके बाद 44 आरआर, पुलिस और सीआरपीएफ ने संयुक्त अभियान चलाकर एक सैंट्रो कार से विस्फोटक बरामद किया। इसके बाद बम निरोधक दस्ते को तुरंत मौके पर बुलाया गया और इस दस्ते ने आईईडी को निष्क्रिय कर दिया। देश इस समय कोरोना महामारी से लड़ने के साथ ही आतंक के वायरस से भी लड़ रहा है।

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