आइएसआइ का 'रेड वेव' षड्यंत्र है कश्मीर में टारगेट किलिंग

आपरेशन रेड वेव का षड्यंत्र करीब तीन वर्ष पहले रचा गया है। इसके लिए आइएसआइ ने कश्मीर में सक्रिय अपने तथाकथित बुद्धिजीवी एजेंटों तथाकथित मानवाधिकारवादियों और आतंकियों व उनके ओवरग्राउंड वर्करों के जरिए हर जिले और कस्बे में ऐसे लोगों की सूची तैयार कराई जो प्रत्यक्ष-परोक्ष रूप से कश्मीर मुद्दे पर पाकिस्तानी एजेंडे आजादी और जिहाद को नुकसान पहुंचा रहे हैं या वादी में सुरक्षाबलों का सहयोग कर रहे हों या फिर आम लोगों को मुख्यधारा के साथ जोड़ने में किसी भी तरीके से सहयोग कर रहे हों।

By JagranEdited By: Publish:Thu, 18 Aug 2022 01:46 AM (IST) Updated:Thu, 18 Aug 2022 01:46 AM (IST)
आइएसआइ का 'रेड वेव' षड्यंत्र है कश्मीर में टारगेट किलिंग
आइएसआइ का 'रेड वेव' षड्यंत्र है कश्मीर में टारगेट किलिंग

राज्य ब्यूरो, श्रीनगर: शोपियां के चोटीगाम में कश्मीरी हिदू सुनील कुमार की हत्या वादी में हर घर तिरंगा अभियान की सफलता से हताश आतंकियों की सिर्फ खीझ नहीं है, बल्कि यह पाकिस्तानी खुफिया एजेंसी आइएसआइ के आपरेशन रेड वेव का हिस्सा है। जिस तरीके से आतंकियों ने मंगलवार को सुनील कुमार व उसके चचेरे भाई पीतांबर कुमार को उनके पड़ोसी मुस्लिमों से अलग कर निशाना बनाया, वह इसी षड्यंत्र की तरफ संकेत करता है। आशंका है कि आने वाले दिनों में कश्मीर में लक्षित हत्याओं का सिलसिला तेज हो सकता है।

आपरेशन रेड वेव का षड्यंत्र करीब तीन वर्ष पहले रचा गया है। इसके लिए आइएसआइ ने कश्मीर में सक्रिय अपने तथाकथित बुद्धिजीवी एजेंटों, तथाकथित मानवाधिकारवादियों और आतंकियों व उनके ओवरग्राउंड वर्करों के जरिए हर जिले और कस्बे में ऐसे लोगों की सूची तैयार कराई जो प्रत्यक्ष-परोक्ष रूप से कश्मीर मुद्दे पर पाकिस्तानी एजेंडे, आजादी और जिहाद को नुकसान पहुंचा रहे हैं या वादी में सुरक्षाबलों का सहयोग कर रहे हों या फिर आम लोगों को मुख्यधारा के साथ जोड़ने में किसी भी तरीके से सहयोग कर रहे हों। इस सूची में पुलिसकर्मियों, मुख्यधारा की राजनीति से जुड़े कार्यकर्ता, मीडियाकर्मी व अन्य वर्गो के लोग शामिल हैं। इन लोगों को आतंकी संगठनों द्वारा निशाना बनाया जाएगा। सूत्रों ने बताया कि रेड वेव का मकसद कश्मीर में नियमित अंतराल पर अल्पसंख्यकों और यहां रोजी रोटी कमाने आए दूसरे राज्यों के लोगों की हत्या कर न सिर्फ कश्मीर में बल्कि देश के अन्य भागों में भी डर पैदा करना है। देश के विभिन्न हिस्सों में जम्मू कश्मीर के मुस्लिमों के प्रति नफरत का माहौल पैदा किया जाए, जिससे कश्मीरी मुस्लिम किसी तरह से मुख्यधारा से विमुख हो पाकिस्तानी एजेंडे का समर्थन करे। टारगेट किलिंग के पीछे उसकी चाल राष्ट्रवादी लोगों को कश्मीर से पलायन कराना है। सूत्रों ने बताया कि आपरेशन रेड वेव सिर्फ खूनखराबे तक सीमित नहीं है। इसके षड्यंत्रकारियों ने अपने प्रत्येक कृत्य को सही साबित करने और आम कश्मीरियों के बीच अपने लिए सहानुभूति पैदा करने का सामान भी जुटाया है। इसके तहत आतंकी जब भी किसी भी टारगेट किलिग करेंगे तो वह इंटरनेट मीडिया व प्रचार के अन्य माध्यमों के जरिए आम कश्मीरियों को यह समझाने का प्रयास करेंगे कि जिसका कत्ल किया गया है, वह इस्लाम और कश्मीर का दुश्मन था। जम्मू कश्मीर पुलिस से जुड़े अधिकारियों ने बताया कि वादी में इस वर्ष अब तक टारगेट किलिंग की सभी वारदातों और उसके बाद आतंकी संगठनों द्वारा इंटरनेट मीडिया के दुरुपयोग का पूरा आकलन किया गया है। इस षड्यंत्र को विफल करने की एक प्रभावी कार्ययोजना तैयार की गई है। इस वर्ष प्रमुख टारगेट किलिंग

नौ जनवरी- दक्षिण कश्मीर के अनंतनाग में पुलिस कांस्टेबल अली मोहम्मद गनई अपने घर के बाहर आतंकी हमले में वीरगति को प्राप्त

दो मार्च-कुलपोरा सरंदरु कुलगाम में आतंकियों ने पंच मोहम्मद याकूब डार की हत्या की

छह मार्च- अमीराकदल में आतंकियों के ग्रेनेड हमले में दो नागरिक मोहम्मद असलम व राफिया जान को अपनी जान गंवानी पड़ी

नौ मार्च- खनमोह श्रीनगर में पीडीपी से संबंधित सरपंच समीर बट को आतंकियों ने मौत के घाट उतारा

11 मार्च- अडूरा कुलगाम में सरपंच शब्बीर अहमद की हत्या

21 मार्च- गोटीपोरा बड़गाम में तजम्मुल मोहिउद्दीन नामक नागरिक की उसके घर के बाहर हत्या

27 मार्च- चाडबुग बड़गाम में एसपीओ की उसके भाई उमर अहमद डार समेत हत्या

13 अप्रैल- काकरन कुलगाम में सतीश कुमार सिंह नामक एक डोगरा राजपूत की हत्या

15 अप्रैल- पट्टन बारामुला में सरपंच मंजूर बांगरु की हत्या

सात मई- अली जान मार्ग, श्रीनगर में पुलिसकर्मी गुलाम हसन डार वीरगति को प्राप्त

12 मई- चाडूरा में तहसीलदार कार्यालय में कश्मीरी हिदू राहुल भट्ट की हत्या

13 मई- गुडरु पुलवामा में पुलिस कांस्टेबल अपने घर के बाहर आतंकी हमले में वीरगति को प्राप्त

15 मई- बारामुला में शराब की दुकान पर काम करने वाले रंजीत सिंह की हत्या

24 मई-सौरा श्रीनगर में पुलिसकर्मी सैफुल्लाह कादरी अपने घर के बाहर आतंकी हमले में वीरगति को प्राप्त

26 मई- टीवी कलाकार अमरीना बट की हुशुरु बड़गाम में उसके घर में हत्या

31 मई- गोपालपोरा कुलगाम में स्कूल अध्यापिका रजनी बाला की हत्या

दो जून- अरेह मोहनपोरा कुलगाम में राजस्थान निवासी विजय कुमार की बैंक के भीतर हत्या

दो जून- मागरेपोरा बड़गाम में बिहार के एक श्रमिक दिलखुश की हत्या

17 जून- संबूरा पांपोर में सब इंस्पेक्टर फारूक अहमद मीर अपने घर के पास आतंकियों के हमले में वीरगति को प्राप्त

चार अगस्त- दक्षिण कश्मीर के गडूरा पुलवामा में आतंकियों के ग्रेनेड हमले में बिहार के श्रमिक मुमताज अहमद की मौत

12 अगस्त- बांडीपोरा में बिहार के श्रमिक अमरेज की हत्या

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