Jammu And Kashmir : Kashmir में रजिस्ट्रेशन के लिए नई व्यवस्था बनाए जाने से खुश नहीं भाजपा

राज्य में अचल संपत्ति की बिक्री गिफ्ट गिरवी व लीज के दस्तावेजों की रजिस्ट्रेशन के लिए नई व्यवस्था बनाए जाने से प्रदेश भारतीय जनता पार्टी खुश नहीं है।

By Preeti jhaEdited By: Publish:Tue, 29 Oct 2019 09:41 AM (IST) Updated:Tue, 29 Oct 2019 09:41 AM (IST)
Jammu And Kashmir : Kashmir में रजिस्ट्रेशन के लिए नई व्यवस्था बनाए जाने से खुश नहीं भाजपा
Jammu And Kashmir : Kashmir में रजिस्ट्रेशन के लिए नई व्यवस्था बनाए जाने से खुश नहीं भाजपा

जम्मू, राज्य ब्यूरो। राज्य में अचल संपत्ति की बिक्री, गिफ्ट, गिरवी व लीज के दस्तावेजों की रजिस्ट्रेशन के लिए नई व्यवस्था बनाए जाने से प्रदेश भारतीय जनता पार्टी खुश नहीं है। राज्य में अचल संपत्ति की बिक्री, गिफ्ट, गिरवी व लीज के दस्तावेजों की रजिस्ट्रेशन के लिए नई व्यवस्था बनाए जाने से प्रदेश भारतीय जनता पार्टी खुश नहीं है। राज्य में अचल संपत्ति की बिक्री, गिफ्ट, गिरवी व लीज के दस्तावेजों की रजिस्ट्रेशन के लिए नई व्यवस्था बनाए जाने से प्रदेश भारतीय जनता पार्टी खुश नहीं है।

प्रदेश भाजपा अध्यक्ष रविन्द्र रैना ने सोमवार को राज्यपाल सत्यपाल मलिक को पत्र लिखकर जम्मू कश्मीर में रजिस्ट्रेशन की पुरानी व्यवस्था को न बदलने का आग्रह किया है। जम्मू कश्मीर में राज्य प्रशासनिक परिषद (एसएसी) ने राजस्व विभाग से नया विभाग बनाकर इसे रजिस्ट्रेशन की जिम्मेदारी सौंपने का फैसला किया है। पहले न्यायालय में रजिस्ट्रेशन होती थी। अब नए व्यवस्था के खिलाफ विरोध शुरू हो गया है।

रविन्द्र रैना ने राज्यपाल से आग्रह किया है कि रजिस्ट्रेशन जैसे पहले होती थी, भविष्य में भी वैसे ही हो। न्यायालय के बजाए राजस्व अधिकारियों द्वारा कागजात की रजिस्ट्रेशन करने से समस्याएं पैदा होंगी। आम लोग जमीनी रिकॉर्ड संबंधी मसलों को लेकर राजस्व विभाग के कामकाज करने के तरीके से पहले ही नाखुश हैं। ऐसे में राज्यपाल रजिस्ट्रेशन के तरीके पर यथास्थिति बरकरार रखने के निर्देश जारी करें।

रैना ने पत्र में लिखा है कि रजिस्ट्रेशन में कई कानूनी पहलू होते हैं और न्यायालय इसके लिए उचित है। तहसीलदारों के रजिस्ट्रेशन करने से समस्याएं पैदा हो सकती हैं। राजस्व विभाग के भूमि संबंधी कागजात के रखरखाव में कई प्रकार की खामियां सामने आई हैं। इसके कारण ही प्रदेश में वन भूमि पर भूमाफिया का कब्जा हुआ है। न्यायालय से ये अधिकार लेने के लिए कोई कानूनी कारण भी नहीं है। 

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