वतन की हिफाजत के लिए कश्मीरी युवाओं में जुनून

राज्य ब्यूरो श्रीनगर कश्मीर का युवा देश के लिए कुछ करने के लिए निकल पड़ा है। भारतीय सेना का हिस्सा बन वतन की हिफाजत के लिए उनके सिर पर जुनून सवार है। पहले कुपवाड़ा फिर बांडीपोरा और अब बारामुला में सैन्य भर्ती रैली में युवाओं का बड़ी संख्या में शामिल होना नए कश्मीर में बदलाव के संकेत हैं।

By JagranEdited By: Publish:Sat, 19 Oct 2019 08:29 AM (IST) Updated:Tue, 22 Oct 2019 06:31 AM (IST)
वतन की हिफाजत के लिए  कश्मीरी युवाओं में जुनून
वतन की हिफाजत के लिए कश्मीरी युवाओं में जुनून

राज्य ब्यूरो, श्रीनगर : कश्मीर का युवा देश के लिए कुछ करने के लिए निकल पड़ा है। भारतीय सेना का हिस्सा बन वतन की हिफाजत के लिए उनके सिर पर जुनून सवार है। पहले कुपवाड़ा फिर बांडीपोरा और अब बारामुला में सैन्य भर्ती रैली में युवाओं का बड़ी संख्या में शामिल होना नए कश्मीर में बदलाव के संकेत हैं।

बीते एक पखवाड़े के दौरान सेना की भर्ती रैली में युवाओं का जोश देखते ही बन रहा है। यही कारण है कि रक्षा मंत्रालय ने उत्तरी कश्मीर में नियंत्रण रेखा से सटे जिला बारामुला में भी स्थानीय युवकों के लिए भर्ती रैली आयोजित की, जिसमें उम्मीद से अधिक युवा भर्ती होने के लिए पहुंचे। बारामुला के गंठमुला में सेना की चिनार कोर के बैनर तले जैकलाई की 161 इनफैंटरी टीए बटालियन ने भर्ती रैली आयोजित की है।

रक्षा मंत्रालय के प्रवक्ता कर्नल राजेश कालिया ने बताया कि हमें उम्मीद नहीं थी कि यहां भी सैकड़ों लड़कों की भीड़ देखने को मिलेगी। दो हजार युवक भर्ती होने के लिए आए हैं। इन युवकों के शैक्षिक दस्तावेजों की जांच के बाद उनके शारीरिक दमखम को परखा गया है। इसमें सफल युवकों को मेडिकल जांच से गुजरना होगा। उसके बाद लिखित परीक्षा के लिए बुलाया जाएगा। इसमें सफल रहने वालों को मेरिट के आधार पर भर्ती किया जाएगा।

भर्ती होने आए युवकों में शामिल गुलशन ने आइटीआइ में डिप्लोमा प्राप्त किया है। उसने कहा कि भर्ती रैली में जनरल ड्यूटी सिपाही के अलावा ट्रेडसमैन और क्लर्क की भर्ती भी होगी। मुझे ट्रेडसमैन में नौकरी मिल जाएगी। उसने कहा कि मैंने दो साल पहले जनरल ड्यूटी सिपाही बनने के लिए प्रयास किया था। उस समय मैं कामयाब नहीं हो पाया था, फिर मुझे पता चला कि ट्रेडसमैन भी भर्ती किए जाते हैं। इसके बाद मैंने डिप्लोमा किया। इस बार मुझे मौका मिल जाएगा क्योंकि मेरे वर्ग में बहुत कम लड़के हैं।

अशरफ नामक एक युवक ने कहा कि उसका बड़ा भाई भी फौज में है। मैं अपने भाई को देखकर ही फौजी बनने के लिए प्रेरित हुआ हूं। अगर फौजी सरहद पर खड़ा होकर वतन की हिफाजत करता है तो पूरी फौज एक फौजी के घर और उसके परिवार का पूरा ध्यान रखती है। इससे बेहतर कोई दूसरा पेशा नहीं है। कश्मीर में फौज के खिलाफ अलगाववादियों और जिहादियों के फरमान पर उसने कहा कि कश्मीर और कश्मीरियों का दुश्मन कौन है, यह सभी जानते हैं।

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