आरिफ की हत्या आतंकी समर्थकों के लिए सबक

नवीन नवाज, श्रीनगर दक्षिण कश्मीर में आतंकियों के समर्थन में उतरने वालों के लिए खुडवनी के

By JagranEdited By: Publish:Thu, 09 Aug 2018 08:51 PM (IST) Updated:Thu, 09 Aug 2018 08:51 PM (IST)
आरिफ की हत्या आतंकी 
समर्थकों के लिए सबक
आरिफ की हत्या आतंकी समर्थकों के लिए सबक

नवीन नवाज, श्रीनगर

दक्षिण कश्मीर में आतंकियों के समर्थन में उतरने वालों के लिए खुडवनी के रहने वाले आरिफ अहमद सोफी की हत्या एक सबक है। आरिफ ने हमेशा अपने इलाके में आतंकियों के हक में नारे लगाए। उनके लिए सुरक्षाबलों पर पथराव भी किया, लेकिन जिन्हें वह अपना मानता था, उन्होंने ही उसे अगवा कर मौत के घाट उतार दिया। उसके बुजुर्ग मां-बाप और छोटे बच्चों को बेसहारा कर दिया।

आरिफ के पिता फैयाज अपने बेटे की लाश को देखकर समझ नहीं पा रहे कि आखिर उसकी हत्या क्यों की गई। सांत्वना देने जो आ रहा था, वह उससे पूछ रहे थे कि मेरे बेटे को जिहादियों ने क्यों कत्ल किया। मेरा बेटा तो हमेशा उनका साथ देता था, उसने कभी सुरक्षाबलों के लिए मुखबिरी नहीं की।

बुधवार को लश्कर-ए-तैयबा के आतंकियों ने जिला कुलगाम अंतर्गत हावूरा से मेहराजुदीन डार पुत्र गुलाम मोहम्मद डार और खुडवनी से आरिफ अहमद सोफी पुत्र फैयाज अहमद सोफी को अगवा कर लिया। आतंकियों ने दोनों को यातनाएं देने के बाद छोड़ा था। आरिफ को श्रीनगर अस्पताल में दाखिल कराया गया, जहां आधी रात उसने दम तोड़ दिया। सूत्रों की मानें तो आतंकियों ने आरिफ की पसलियों को तोड़ दिया था। उसकी किडनी भी पंक्चर हो चुकी थी। उसके परिवार में अब उसके बुजुर्ग मां-बाप, बीवी, एक बेटी, एक दो वर्षीय बेटे के अलावा दो भाई और एक बहन रह गई है।

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जनाजे में सैकड़ों लोग पहुंचे

खुडवनी में वीरवार को जब आरिफ का शव लाया गया तो पूरे इलाके में शोक की लहर दौड़ गई। उसे खुडवनी स्थित उसके पैतृक कब्रिस्तान में दफनाया गया। उसके जनाजे में सैकड़ों लोग शामिल हुए। खुडवनी में मुखबिरी के संदेह में मौत के घाट उतारे गए किसी युवक के जनाजे में सैकड़ों लोगों की मौजूदगी यह साबित करती थी कि मरने वाला आतंकी संगठनों का करीबी था। राष्ट्र विरोधी प्रदर्शनों में सक्रिय होकर भाग लेने वाला था।

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मेरे बेटे के साथ ऐसा सुलूक क्यों

आरिफ के जनाजे में कोई नारेबाजी तो नहीं हुई, लेकिन उसके पिता फैयाज अहमद ने कहा कि मेरे बेटे ने कभी सुरक्षाबलों के लिए काम नहीं किया। अगर किया है तो उसका सुबूत दो, मैं कभी उसकी मौत का गम नहीं करूंगा। मुजाहिदों (कश्मीर में स्थानीय लोग आतंकियों को मुजाहिद कहते हैं) को मेरे बेटे की हत्या का कारण बताना होगा। मेरा बेटा तो जिहादियों का समर्थक था फिर उसके साथ यह सुलूक क्यों।

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खुडवनी आतंकियों का मजबूत गढ़

खुडवनी आतंकियों के मजबूत किलों में एक है। इस इलाके में पिछले छह माह में सुरक्षाबलों ने करीब दो दर्जन से ज्यादा बार आतंकियों को पकड़ने के लिए घेराबंदी कर तलाशी अभियान (कासो) चलाया। हर बार उन्हें लोगों के तीव्र प्रतिरोध का सामना करते हुए घेराबंदी हटानी पड़ी। 11 अप्रैल को लश्कर के तीन आतंकियों को सुरक्षाबलों ने घेर लिया था। मुठभेड़ शुरू हो गई, लेकिन पथराव की आड़ में तीनों आतंकी बच निकले। इस दौरान चार नागरिक और एक सैन्यकर्मी मारा गया था। हालात को देखते हुए इस अभियान को स्थगित कर दिया गया था। इसके बाद 22 जुलाई को पहली बार खुडवनी में सुरक्षाबलों को तीन आतंकियों को मार गिराने में सफलता मिली थी। यह वही इलाका है, जहां आतंकी अबु कासिम के शव को दफनाने के लिए दो गांवों के बीच मारपीट हो गई थी।

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कश्मीरियों और कश्मीरियत

के कातिल हैं आतंकी

पुलिस अधिकारियों का कहना है कि जब आरिफ और मेहराज को अगवा किया गया तो लोगों ने कोई शिकायत दर्ज नहीं कराई। उन्हें लगता था कि ये आतंकियों के समर्थक हैं। इसलिए कुछ नहीं होगा। हमने अपने स्तर पर मामला दर्ज कर छानबीन शुरू की थी, लेकिन आरिफ की मौत के बाद हम उम्मीद करते हैं कि लोगों को समझ आ गया होगा कि जिन्हें वह अपना हितैषी समझते हैं वह सिर्फ कश्मीरियों और कश्मीरियत के कातिल हैं।

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