अलगाववादियों का ईदगाह चलो मार्च नाकाम

राज्य ब्यूरो, श्रीनगर : प्रशासनिक पाबंदियों के चलते रविवार को बेशक ग्रीष्मकालीन राजधानी में सामान्य

By JagranEdited By: Publish:Mon, 22 May 2017 01:34 AM (IST) Updated:Mon, 22 May 2017 01:34 AM (IST)
अलगाववादियों का ईदगाह 
चलो मार्च नाकाम
अलगाववादियों का ईदगाह चलो मार्च नाकाम

राज्य ब्यूरो, श्रीनगर : प्रशासनिक पाबंदियों के चलते रविवार को बेशक ग्रीष्मकालीन राजधानी में सामान्य जनजीवन प्रभावित रहा, लेकिन न अलगाववादियों का ईदगाह चलो मार्च हो पाया और न वादी में कहीं हिंसा भड़की। सूर्यास्त के बाद डाउन-टाउन के कुछ हिस्सों में नारेबाजी करते हुए कुछ युवक हिंसा पर जरूर उतरे, लेकिन सुरक्षाबलों ने हल्का बल प्रयोग कर उन्हें खदेड़ दिया।

इस बीच, उदारवादी हुर्रियत कांफ्रेंस के प्रमुख मीरवाइज मौलवी उमर फारूक, कट्टरपंथी सईद अली शाह गिलानी, नईम खान, शब्बीर शाह, यासीन मलिक, हिलाल वार, शाहिद उल इस्लाम समेत सभी प्रमुख अलगाववादी नेता अपने घरों में नजरबंद रहे।

गौरतलब है कि हुर्रियत कांफ्रेंस ने ईदगाह चलो मार्च का आह्वान करते हुए रैली का आह्वान किया था। अलगाववादियों ने यह रैली अवामी एक्शन कमेटी के संस्थापक स्वर्गीय मीरवाइज मौलवी फारूक अहमद और पीपुल्स कांफ्रेंस के संस्थापक चेयरमैन अब्दुल गनी लोन की बरसी के उपलक्ष्य में किया था। हुर्रियत प्रमुख मीरवाइज मौलवी उमर के पिता को 21 मई 1990 को हिज्ब के आतंकियों ने कत्ल किया था, जबकि अब्दुल गनी लोन 21 मई 2002 को दिवंगत मीरवाइज मौलवी फारूक अहमद की बरसी में हिस्सा लेते हुए आतंकियों की गोली का शिकार हुए थे।

अलगाववादियों द्वारा प्रायोजित ईदगाह मार्च के दौरान प्रशासन को ग्रीष्मकालीन राजधानी में बड़े पैमाने पर हिंसा भड़कने और वादी के हालात बिगड़ने की आशंका थी। आतंकियों द्वारा अलगाववादियों की रैली में किसी बड़ी वारदात को अंजाम देकर उसका जिम्मा सुरक्षाबलों के माथे मढ़ने की साजिश रचने की सूचना खुफिया तंत्र ने दी थी।

हालात की समीक्षा करने के बाद प्रशासन ने शनिवार को ही डाउन-टाउन के पांच थाना क्षेत्रों नौहट्टा, महराजगंज, खानयार, रैनावारी और सफाकदल के क्षेत्र में रविवार को क‌र्फ्यू जारी रखने का एलान कर दिया था। आज पूरे डाउन-टाउन में प्रशासनिक पाबंदियों का असर नजर आया। सभी सड़कें पूरी तरह सील थीं। ईदगाह की तरफ जाने जाने वाली सभी सड़कों को कंटीले तारों से बंद कर दिया गया था। पूरे क्षेत्र में पुलिस व सीआरपीएफ के जवानों को तैनात किया गया था।

सुबह कुछ लोगों ने राजौरीकदल और ईदगाह इलाके में जमा होने का प्रयास किया, लेकिन सुरक्षाबलों ने उन्हें खदेड़ दिया। डाउन-टाउन में प्रशासनिक पाबंदियों का असर श्रीनगर के अन्य हिस्सों में ही नहीं वादी के अन्य कस्बों में भी नजर आया। लालचौक और उससे सटे इलाकों में सभी दुकानें और व्यापारिक प्रतिष्ठान पूरी तरह बंद रहे। लालचौक में संडे मार्केट भी आंशिक तौर पर ही सजा। वाहनों की आवाजाही दिनभर प्रभावित रही।

सोपोर, बारामुला, कुपवाड़ा व अनंतनाग में भी सामान्य जनजीवन पर अलगाववादियों के बंद और ईदगाह चलो मार्च के आह्वान का असर नजर आया। पुलिस प्रवक्ता के अनुसार, दिनभर स्थिति लगभग शांत रही, लेकिन शाम को डाउन-टाउन के कुछ हिस्सों में उस समय पथराव हुआ, जब सुरक्षाबल अपनी बैरकों में लौट रहे थे। बाद में सुरक्षाकर्मियों ने हल्का बल प्रयोग कर शरारती तत्वों को खदेड़ दिया।

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