जुमे पर बंद रही घाटी

राज्य ब्यूरो, श्रीनगर : कश्मीर में एक सप्ताह बाद शुक्रवार को अलगाववादियों के सिलसिलेवार बंद का व्या

By Edited By: Publish:Sat, 03 Dec 2016 02:18 AM (IST) Updated:Sat, 03 Dec 2016 02:18 AM (IST)
जुमे पर बंद रही घाटी

राज्य ब्यूरो, श्रीनगर : कश्मीर में एक सप्ताह बाद शुक्रवार को अलगाववादियों के सिलसिलेवार बंद का व्यापक असर देखने को मिला। कई इलाकों में पुलिस को ¨हसा पर उतरी भीड़ पर काबू पाने के लिए बल प्रयोग भी करना पड़ा।

गौरतलब है कि कश्मीर में आठ जुलाई की शाम को आतंकी कमांडर बुरहान के मारे जाने के बाद अलगाववादियों ने नौ जुलाई की सुबह से राष्ट्रविरोधी प्रदर्शनों के साथ सिलसिलेवार बंद का दौर शुरू कर रखा है। शुक्रवार को बंद का 147वंा दिन था। बीते एक पखवाड़े के दौरान चार दिन अलगाववादियों ने दो-दो दिन की बंद में राहत दी है। आम लोगों ने बंद की नाफरमानी कई दिनों से शुरू कर रखी है। शाम चार बजे के बाद बंद में राहत के चलते सामान्य जनजीवन पूरी तरह बहाल हो रहा है। शुक्रवार को सभी दुकानें और व्यापारिक प्रतिष्ठान पूरा दिन बंद रहे। सड़कों पर निजी वाहनों की संख्या बहुत कम रही। सिर्फ सरकारी कार्यालय और बैंक खुले। गली- बाजारों में लोगों की भीड़ नाममात्र ही रही। एक स्थानीयवासी मुहम्मद सुभान ने कहा कि हुर्रियत वालों ने कई जगह रैलियों का एलान किया है। लोगों को लगता है कि ¨हसा भड़क सकती है, इसलिए लोग कम ही घरों से निकले हैं। पुलिस ने अलगाववादियों के जुलूस के आह्वान को देखते हुए श्रीनगर समेत वादी के सभी इलाकों में सुरक्षा कड़ी कर रखी थी। नमाज-ए-जुमा के संपन्न होने के साथ ही सुभान की बात सच होने लगी। विभिन्न इलाकों में राष्ट्रविरोधी नारेबाजी करते युवकों की रैलियां शुरू हो गई जो कुछ ही देर में ¨हसक हो उठी। श्रीनगर के डाउन-टाउन के अलावा छन्नपोरा, नटीपोरा और माच्छुवा में ही नहीं सोपोर और पल्हालन पट्टन में भी पुलिस को ¨हसा पर उतरे युवकों को काबू करने के लिए लाठियों के अलावा आंसू गैस और पावा शैल का सहारा लेना पड़ा। दोपहर बाद शुरू हुई झड़पें देर शाम गए खबर के लिखे जाने तक जारी थी। पुलिस ने इनमें किसी के जख्मी होने की पुष्टि नहीं की है। सूत्रों ने बताया कि छह लोग झड़पों में जख्मी हैं।

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