अमित शाह से मिलीं महबूबा, मोदी से भी मुलाकात संभव

राज्य ब्यूरो, श्रीनगर : जम्मू-कश्मीर में सरकार के गठन को लेकर बने गतिरोध के बीच वीरवार को आखिर पीडीप

By Edited By: Publish:Fri, 18 Mar 2016 02:18 AM (IST) Updated:Fri, 18 Mar 2016 02:18 AM (IST)
अमित शाह से मिलीं महबूबा, मोदी से भी मुलाकात संभव

राज्य ब्यूरो, श्रीनगर : जम्मू-कश्मीर में सरकार के गठन को लेकर बने गतिरोध के बीच वीरवार को आखिर पीडीपी अध्यक्ष महबूबा मुफ्ती ने दिल्ली में भाजपा अध्यक्ष अमित शाह से मुलाकात की। हालांकि सरकार के गठन पर दोनों दलों ने कोई एलान नहीं किया है, लेकिन पीडीपी प्रमुख के कुछ और दिनों तक दिल्ली में रुकने व जल्द ही उनकी प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से मुलाकात की संभावना ने राज्य में भाजपा-पीडीपी गठबंधन के पुन: सरकार बनाने की संभावना को मजबूती दी है। बताया जा रहा है कि सबकुछ अनुकूल रहा तो होली से पहले संभवत 21 या 22 मार्च को महबूबा बतौर मुख्यमंत्री शपथ ले सकती हैं।

महबूबा गत मंगलवार को अचानक दिल्ली पहुंचीं थी। बताया जाता है कि उन्हें दिल्ली में पिछले एक पखवाड़े से डेरा डाले पीडीपी के तीन वरिष्ठ नेताओं ने भाजपा आलाकमान के साथ हुई बातचीत के आधार पर बुलाया था। महबूबा को वीरवार वापस जम्मू पहुंचना था, क्योंकि शुक्रवार को उनका राजौरी-पुंछ का दौरा शुरू होने वाला था, लेकिन भाजपा अध्यक्ष अमित शाह के साथ मुलाकात के बाद उन्होंने अपना राजौरी दौरा भी स्थगित कर दिया है।

सूत्रों ने बताया कि अमित शाह और महबूबा की मुलाकात सुबह करीब दस बजे हुई। पीडीपी के वरिष्ठ नेता व पूर्व वित्तमंत्री डॉ. हसीब द्राबु भी उनके साथ थे। करीब आधे घंटे तक भाजपा-पीडीपी नेताओं के बीच वार्ता चली। महबूबा बिना सुरक्षा दस्ते के ही एक कार में भाजपा प्रमुख से मिलने गई थीं। इस मुलाकात के बारे में संपर्क किए जाने पर महबूबा और हसीब द्राबु ने किसी तरह की प्रतिक्रिया से इन्कार किया।

बता दें कि गत सात जनवरी को तत्कालीन मुख्यमंत्री मुफ्ती मुहम्मद सईद के निधन के एक दिन बाद राज्यपाल एनएन वोहरा ने राज्य में राज्यपाल शासन लागू कर दिया था। इस बीच, भाजपा ने सरकार के गठन में देरी व राज्यपाल शासन के लिए महबूबा को जिम्मेदार ठहराते हुए यकीन दिलाया था कि पार्टी एजेंडा ऑफ एलायंस पर अडिग है। दूसरी तरफ पीडीपी प्रमुख ने तब तक सत्ता न संभालने का एलान कर रखा है, जब तक केंद्र उन्हें एजेंडा ऑफ एलायंस पर कोई पक्का आश्वासन नहीं देता। अलबत्ता, दोनों दलों के बीच जमी बर्फ गत सप्ताह दिल्ली में भाजपा-पीडीपी नेताओं के बीच हुई बातचीत में पिघलना शुरू हुई। उसके बाद गत सोमवार को वित्तमंत्री अरुण जेटली द्वारा संसद में जम्मू-कश्मीर की हर मदद का यकीन दिलाया और राज्यपाल एनएन वोहरा को भी कथित तौर पर सूचित किया गया कि वह ऐसा कोई फैसला न लें, जिससे सरकार के गठन में रुकावट आए। इसके बाद ही राज्यपाल ने राज्य के बजट की मंजूरी के लिए बुलाई बैठक को स्थगित किया था। इसके साथ ही केंद्र के निर्देश पर जम्मू-कश्मीर में तैनात सैन्य कमांडरों ने जहां राज्यपाल के साथ मुलाकात में 686 एकड़ जमीन खाली करने का यकीन दिलाया। इससे पूर्व राज्यपाल ने नफसा के तहत रियासत में राशन कोटा भी बढ़ाया। यह सभी महबूबा मुफ्ती की शर्ताें के अनुरूप ही था।

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