गिलगित-बाल्टिस्तान को पांचवां प्रांत बनाने का विरोध

राज्य ब्यूरो, श्रीनगर : कश्मीर बनेगा पाकिस्तान का नारा देने वाले कट्टरपंथी सैयद अली शाह गिलानी ने भी

By Edited By: Publish:Thu, 14 Jan 2016 01:01 AM (IST) Updated:Thu, 14 Jan 2016 01:01 AM (IST)
गिलगित-बाल्टिस्तान को पांचवां प्रांत बनाने का विरोध

राज्य ब्यूरो, श्रीनगर : कश्मीर बनेगा पाकिस्तान का नारा देने वाले कट्टरपंथी सैयद अली शाह गिलानी ने भी बुधवार को गिलगित-बाल्टिस्तान को पाकिस्तान का पांचवां प्रांत बनाए जाने का कड़ा विरोध किया है।

उन्होंने पाकिस्तान के प्रधानमंत्री नवाज शरीफ से कहा कि ऐसा करने से जम्मू-कश्मीर समस्या का स्वरूप प्रभावित होगा और यह हिन्दुस्तान को कश्मीर पर अपना कब्जा वैध साबित करने में मददगार साबित होगा।

गौरतलब है कि पाकिस्तान के कब्जे वाले जम्मू-कश्मीर क्षेत्र को पाकिस्तान व अलगाववादी संगठन आजाद जम्मू-कश्मीर करार देता है। गिलगित-बाल्टिस्तान इसका एक हिस्सा है और पाकिस्तान सरकार इसे 14 जनवरी को अपना पांचवा प्रांत घोषित करने जा रहा है।

जम्मू-कश्मीर लिबरेशन फ्रंट के चेयरमैन मुहम्मद यासीन मलिक पहले ही पाकिस्तान के इस कदम का विरोध जता चुके हैं। ऑल पार्टी हुर्रियत कांफ्रेंस के कट्टरपंथी गुट के चेयरमैन सैयद अली शाह गिलानी ने भी पाकिस्तान के इस कदम का विरोध किया है।

गिलानी ने कहा कि एलओसी के दोनों तरफ भारत और पाकिस्तान के कब्जे वाला जम्मू-कश्मीर एक ही राज्य है। यह एक विवादित क्षेत्र है और यहां के लोग अपने हक के लिए लड़ रहे हैं। इस क्षेत्र के किसी भी हिस्से को लेकर दोनों मुल्क अपने तौर पर कोई फैसला नहीं ले सकता। यह गैर कानूनी और अंतरराष्ट्रीय नियमों का उल्लंघन है। यह संयुक्त राष्ट्र द्वारा कश्मीर समस्या के समाधान के संदर्भ में पारित प्रस्तावों के भी खिलाफ है।

उन्होंने कहा कि गिलगित-बाल्टिस्तान जम्मू-कश्मीर का अटूट अंग है। इसके किसी भी क्षेत्र के संदर्भ में पाकिस्तान द्वारा अपने तौर पर फैसला लेना, जम्मू-कश्मीर के लोगों से विश्वासघात है। अगर गिलगित-बाल्टिस्तान को पाकिस्तान अपना पांचवा प्रांत बनाता है तो फिर जम्मू-कश्मीर पर भारत अपने कब्जे को वैध बना लेगा।

उन्होंने कहा कि लखनपुर से लेकर गिलगित-बाल्टिस्तान तक जम्मू-कश्मीर के किसी भी क्षेत्र पर दोनों मुल्क फैसला नहीं ले सकते। यह तभी संभव है जब जम्मू-कश्मीर में संयुक्त राष्ट्र की सिफारिशों के अनुरूप जनमत संग्रह कराया जाए।

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