आशूरा जुलूस में 13 मातमी घायल

संवाद सहयोगी, श्रीनगर : शिया मातमियों की ओर से शुक्रवार को आशूरा जलूस निकालने की कोशिश

By JagranEdited By: Publish:Sat, 22 Sep 2018 12:45 AM (IST) Updated:Sat, 22 Sep 2018 12:45 AM (IST)
आशूरा जुलूस में 13 मातमी घायल
आशूरा जुलूस में 13 मातमी घायल

संवाद सहयोगी, श्रीनगर : शिया मातमियों की ओर से शुक्रवार को आशूरा जलूस निकालने की कोशिश को बलपूर्वक नाकाम बनाते हुए पुलिस ने करीब 16 मातमियों को हिरासत में ले लिया। पुलिस की कार्रवाई में 13 मातमी भी घायल हो गए।

गौरतलब है कि सुरक्षा कारणों के चलते आठ मुहर्रम की तरह शुक्रवार 10 मुहर्रम जुलूस पर 22 वर्षों से प्रतिबंध चला आ रहा है। जलूस को रोकने के लिए प्रशासन ने जिला श्रीनगर के सात थाना क्षेत्रों रेनावाड़ी, नौहट्टा, खानयार, सफाकदल, कोठीबाग तथा महाराजगंज में प्रशासनिक पाबंदियां लगाई थी। इन इलाकों को सील कर दिया गया था। प्रशासनिक पाबंदियों के चलते ट्रैफिक के रूटों में भी परिवर्तन किया गया था। इसके बावजूद कई जगहों से शिया मातमियों ने जुलूस निकाल लालचौक का रूख करने की कोशिश की। पुलिस ने उनकी कोशिशों को बलपूर्वक नाकाम बना दिया। इस बीच दिनभर पुलिस को मशक्कत करनी पड़ी।

बुधवार सुबह शिया मातमियों ने शहीदगंज से जुलूस निकाल लालचौक की तरफ आने की कोशिश की, लेकिन डलगेट चौक में पुलिस ने उन्हें आगे बढ़ने की अनुमति नहीं दी। जब मातमियों ने पुलिस का घेराव तोड़ आगे बढ़ने की कोशिश की तो पुलिस ने उन्हें खदेड़ने के लिए लाठीचार्ज किया और उन पर आंसू गैस के गोले बरसाए। उधर, गुरु बाजार इलाके में भी शिया मातमियों ने पुलिस का नाका तोड़ लालचौक की तरफ जाने की कोशिश को बलपूर्वक नाकाम बना दिया। हब्बाकदल इलाके में भी शिया मातमी पुलिस का घेराव तोड़ हजरत हुसैन व करबला के नारे लगा लालचौक की तरफ बढ़ने की कोशिश करने लगे, लेकिन जहांगीर चौक के निकट पहुंचने पर पुलिस ने उनका लाठीचार्ज कर और आंसू गैस के गोले दाग खदेड़ दिया। दिनभर लालचौक समेत कई इलाकों में पुलिस व शिया मातमी एक दूसरे से भिड़ते रहे। पुलिस के साथ भिडं़त में करीब 16 मातमी हिरासत में लिए गए, जबकि 13 घायल हो गए।

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जनजीवन अस्तव्यस्त रहा

वादी में शुक्रवार को अलगाववादियों की बंद का आह्वान तो नहीं था, लेकिन आशूरा के जुलूसों को रोकने के लिए प्रशासन ने श्रीनगर के डाउन-टाउन समेत अधिकांश संवेदनशील इलाकों में लगाई गई प्रशासनिक पाबंदियों के चलते न केवल इन इलाकों बल्कि इनसे सटे अधिकांश इलाकों में जनजीवन अस्तव्यस्त होकर रह गया।

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