गोमांस व हेलीकॉप्टर शुल्क पर जमकर हंगामा

राज्य ब्यूरो, श्रीनगर : गोमांस पर प्रतिबंध और माता वैष्णो देवी में हेलीकॉप्टर सेवा शुल्क को लेकर सोम

By Edited By: Publish:Tue, 06 Oct 2015 01:29 AM (IST) Updated:Tue, 06 Oct 2015 01:29 AM (IST)
गोमांस व हेलीकॉप्टर शुल्क पर जमकर हंगामा

राज्य ब्यूरो, श्रीनगर : गोमांस पर प्रतिबंध और माता वैष्णो देवी में हेलीकॉप्टर सेवा शुल्क को लेकर सोमवार को विधानसभा में जमकर हंगामा हुआ। उत्तेजित नेशनल कांफ्रेंस व कांग्रेस के विधायक स्पीकर का माइक छीनने का प्रयास करते हुए सचिव के मेज पर जा चढ़े। कागज उछाले गए, मेज बजाए गए और आरएसएस सरकार हाय-हाय, मोदी-मुफ्ती सरकार हाय-हाय, नागपुर का एजेंडा नहीं चलेगा की जमकर नारेबाजी की गई। इस दौरान नेशनल कांफ्रेंस के सदस्यों की धक्का-मुक्की में एक मार्शल जख्मी भी हो गया। अंतत: नेकां के दो सदस्यों को सदन से बाहर ले जाने के बाद कार्यवाही पूरे दिन के लिए स्थगित कर दी गई। सदन में अराजकता ऐसे फैली थी, जैसे किसी स्कूल में छुट्टी होने पर शरारती बच्चे अपनी किताबें उछालते हुए डेस्क फेंककर एक-दूसरे से उलझते हैं।

विधानसभा के शरदकालीन सत्र के दूसरे दिन सुबह सदन में जैसे ही स्पीकर ने अपना आसन ग्रहण किया, नेकां और कांग्रेस के साथ-साथ माकपा व पीडीएफ के सदस्य और निर्दलीय विधायक इंजीनियर रशीद भी अपनी सीट पर खड़े होकर गोमांस प्रतिबंध, हेलीकॉप्टर सेवा शुल्क पर अपने बिलों व स्थगना प्रस्तावों के बारे में पूछने लगे। नेकां और कांग्रेस के विधायकों ने हाथों में बैनर उठाए थे। किसी पर गोमांस पर प्रतिबंध हटाने की मांग लिखी थी तो किसी पर बाढ़ एवं राहत कार्याें के बारे में पूछा गया था। हेलीकॉप्टर सेवा शुल्क हटाने की मांग का बैनर भी था।

स्पीकर ने विपक्ष के सदस्यों की तरफ ध्यान दिए बिना प्रश्नकाल शुरू कराया। इससे विपक्ष भड़क गया और नारेबाजी शुरू हो गई। कोई मेज बजाने लगा तो कई कागज फाड़कर हवा में उछालने लगा। नेकां विधायक अल्ताफ वानी और अब्दुल मजीद लारमी अपनी सीटों से उठकर सीधे स्पीकर के आसन के सामने वेल में पहुंच गए। उनके पीछे-पीछे नेकां व कांग्रेस के विधायक भी आ गए। माकपा के तारीगामी और पीडीएफ के मुहम्मद यासीन ने भी वेल में प्रवेश कर लिया। निर्दलीय विधायक रशीद भी आ गए और उनकी भाजपा विधायक रविंद्र रैना से तकरार शुरू हो गई।

हंगामा शांत न होते देख स्पीकर ने सदन स्थगित कर दिया। कुछ देर बाद जब दोबारा कार्रवाई शुरू हुई तो स्पीकर ने बिलों पर चर्चा को खारिज करते हुए कहा कि मामला अदालत में है। हंगामा दोबारा शुरू हुआ और कार्यवाही भी स्थगित हो गई। लगभग एक घंटे बाद सदन दोबारा लगा, लेकिन सदन में अराजकता पहले से ज्यादा फैल गई। कांग्रेस और नेकां के उत्तेजित सदस्यों ने विधानसभा सचिव की मेज पर कब्जा कर लिया। वह उस पर सवार हो गए। कुछ सदस्यों ने स्पीकर का माइन छीनने का भी प्रयास किया। इस दौरान लारमी और अल्ताफ वानी के साथ कांग्रेस विधायक उस्मान मजीद भी मेज पर खड़े होकर नारेबाजी करने लगे। मार्शलों के साथ उनकी धक्का-मुक्की भी पहले से ज्यादा तेज हो गई।

स्थिति को काबू करने के लिए स्पीकर ने मार्शलों को अब्दुल मजीद लारमी, गांदरबल के विधायक इश्फाक जब्बार, कांग्रेस के उस्मान मजीद को सदन से बाहर ले जाने का निर्देश दिया, लेकिन उन्हें बाहर ले जाने में एक मार्शल को चोट भी आ गई। किसी भी तरह से व्यवस्था बहाल न होते देख स्पीकर ने सदन को पूरे दिन के लिए स्थगित कर दिया।

सदन में गूंजे नारे

- आरएसएस-स्पीकर, हाय-हाय।

-भाजपा-स्पीकर, हाय-हाय।

-नागपुर का एजेंडा नहीं चलेगा।

-आरएसएस का एजेंडा नहीं चलेगा।

-मोदी-मुफ्ती, हाय-हाय।

-आरएसएस का जो यार है गद्दार है गद्दार है।

-निकम्मी सरकार-हाय हाय

उमर-मुफ्ती रहे शांत :

सदन में जब हंगामा हो रहा था तो मुख्यमंत्री मुफ्ती मुहम्मद सईद और पूर्व मुख्यमंत्री उमर अब्दुल्ला दोनों ही वहां एक-दूसरे के सामने अपनी-अपनी सीटों पर मौजूद थे, लेकिन दोनों ही चुप रहे। ना उमर ने हंगामा कर रहे अपने सदस्यों को रोका और न मुफ्ती ने हंगामा शांत करने के लिए कोई पहल की। अलबत्ता, उन्होंने अपने एक सहयोगी से कागज मंगवाकर कुछ लिखा।

सचिव को कुर्सी छोड़ भागना पड़ा :

विधानसभा सचिव मुहम्मद रमजान को अपनी कुर्सी छोड़कर स्पीकर के आसन की तरफ भागना पड़ा जब वेल में आकर हंगामा कर रहे नेकां और कांग्रेस के सदस्यों ने स्पीकर के आगे लगे माइक को उखाड़ने का प्रयास किया। मार्शल उन्हें रोकने का प्रयास कर रहे थे और वह सचिव की कुर्सी के ऊपर आ गए। सचिव ने फुर्ती से कुर्सी छोड़ी और निकल गए। इस दौरान उनकी कुर्सी टूट गई, जिसकी मरम्मत सदन की कार्यवाही के स्थगित रहते हुए की गई।

मुझे संघ कार्यकर्ता होने पर गर्व है: स्पीकर

राज्य विधानसभा में स्पीकर कवींद्र गुप्ता और नेकां विधायक देवेंद्र सिंह राणा के बीच जमकर तकरार हुई। शोरोगुल के बीच देवेंद्र राणा ने स्पीकर पर पक्षपात करने का आरोप लगाते हुए कहा कि वह राजनीतिक दुराग्रह से काम ले रहे हैं। वह आरएसएस के एजेंट की तरह काम कर रहे हैं। नारेबाजी और शोरोगुल के बीच हालांकि स्पष्ट कुछ भी नहीं सुनाई दे रहा था, लेकिन स्पीकर यह कहते हुए सुने गए कि मुझे सिखाने की जरूरत नहीं है। मुझे मेरी जिम्मेदारी पता है। मैं संघ का कार्यकत्र्ता हूं , मेरा उससे संबंध है, इसका मुझे गर्व है। लेकिन मै यहां स्पीकर की हैसियत से हूं और निष्पक्ष होकर काम कर रहा हूं।

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