कर्मचारी हड़ताल करते रहे, लोग परेशान होते रहे

संवाद सहयोगी, सुंदरबनी : आईसीडीएस प्रोजेक्ट के तहत काम कर रही आंगनबाड़ी वर्कर्स व हेल्पर की हड़ताल

By JagranEdited By: Publish:Tue, 15 May 2018 06:25 PM (IST) Updated:Tue, 15 May 2018 06:25 PM (IST)
कर्मचारी हड़ताल करते रहे, लोग परेशान होते रहे
कर्मचारी हड़ताल करते रहे, लोग परेशान होते रहे

संवाद सहयोगी, सुंदरबनी :

आईसीडीएस प्रोजेक्ट के तहत काम कर रही आंगनबाड़ी वर्कर्स व हेल्पर की हड़ताल तीन माह से लगातार जारी है। इसके साथ ही दो अन्य विभागों के कर्मचारियों के भी हड़ताल पर चले जाने से सुंदरबनी में लोगों को दिक्कत हो रही है। राजस्व विभाग के पटवारी और पीएचई विभाग में पिछले एक दशक से कार्यरत अस्थायी कर्मचारियों ने भी 72 घंटे की काम छोड़ हड़ताल का ऐलान किया है। कर्मियों का कहना है कि जब तक सरकार उनकी मांगों को मान नहीं लेती तब तक यह हड़ताल जारी रहेगी।

उधर आंगनबाड़ी वर्कर्स ने सरकार को चेतावनी दी है कि यदि जल्द ही उनकी मांगों को पूरा नहीं किया गया तो वह हड़ताल की आगामी रणनीति बनाने पर विचार कर रही है और परिवार सहित धरना प्रदर्शन करेगी।

पीएचई अस्थाई कर्मचारी यूनियन के बैनर तले 72 घंटे की काम छोड़ हड़ताल पर बैठे कर्मियों ने पीएचई विभाग के परिसर में धरना दिया। कर्मचारियों को संबोधित करते यूनियन के प्रधान अशोक कुमार ने कहा कि मैकेनिकल विभाग के कर्मियों को 50 माह से वेतन नहीं दिया गया। वहीं विभाग में काम करने वाले सैकड़ों अस्थायी कर्मचारियों को बकाया वेतन नहीं मिला जिससे वह आर्थिक तंगी से जूझ रहे। उन्होंने कहा कि अभी तो 72 घंटे की हड़ताल की घोषणा की गई है यदि सरकार ने जल्द मांगों को नहीं माना तो वह अनिश्चितकालीन हड़ताल पर चले जाएंगे और पानी की सप्लाई पूरी तरह से ठप रखेंगे। उन्होंने मांग की कि सरकार उन्हें जल्द से जल्द स्थायी करे और बकाया वेतन भी जारी करे।

दूसरी और राजस्व विभाग में काम करने वाले पटवारी भी मंगलवार को दूसरे दिन पूरी तरह से हड़ताल पर रहे। पटवार एसोसिएशन के बैनर तले पटवारियों ने तहसीलदार के आवास के बाहर धरना प्रदर्शन किया। पटवारियों को संबोधित करते पटवार एसोसिएशन के ब्लॉक प्रधान संजीव कुमार ने कहा कि सरकार उनकी अनदेखी कर रही है। उन्होंने कहा कि सीधे तौर पर नायब तहसीलदार की नियुक्ति को रद्द किया जाए और अन्य वेतन विसंगतियों को भी दूर किया जाए। इससे पटवारियों पर काम का बोझ कम जाएगा।

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