कोरोना को लेकर जारी गाइडलाइन का पालन करते हुए होंगे नवरात्र में कार्यक्रम

जागरण संवाददाता राजौरी मंगलवार से चैत्र नवरात्र आरंभ हो रहा हैं। इसके लिए मंदिरों में

By JagranEdited By: Publish:Mon, 12 Apr 2021 06:08 AM (IST) Updated:Mon, 12 Apr 2021 06:08 AM (IST)
कोरोना को लेकर जारी गाइडलाइन का पालन करते हुए होंगे नवरात्र में कार्यक्रम
कोरोना को लेकर जारी गाइडलाइन का पालन करते हुए होंगे नवरात्र में कार्यक्रम

जागरण संवाददाता, राजौरी : मंगलवार से चैत्र नवरात्र आरंभ हो रहा हैं। इसके लिए मंदिरों में तैयारियों को अंतिम रूप दिया जा रहा है। हालांकि कोरोना के चलते सभी मंदिरों में सैनिटाइजेशन का कार्य शुरू किया जा चुका है। इसके साथ ही मंदिरों में आने वाले श्रद्धालुओं को एसओपी का पालन करने को कहा जा रहा है। बिना मास्क वाले किसी भी श्रद्धालु को मंदिर में आने की अनुमति नहीं होगी। यह भी श्रद्धालुओं को मंदिर कमेटियों द्वारा बताया जा रहा है।

इस वर्ष भोली माता मंदिर जवाहर नगर में नवरात्र के दिनों में सुबह सात बजे से 9 बजे तक हवन का आयोजन होगा। इसके साथ दिन मे तीन बजे से लेकर शाम छह बजे तक देवी महिमा सत्संग का आयोजन किया जाएगा। 24 अप्रैल को भोली माता आश्रम दलौगड़ा में जागरण का आयोजन किया जाएगा और 25 अप्रैल को भंडारा आयोजित होगा।

इस संबंध में जानकारी देते हुए मंदिर कमेटी के सदस्य पुष्पेंद्र गुप्ता का कहना है कि पिछले वर्ष भी कोरोना लाकडाउन के चलते सभी कार्यक्रमों को रद कर दिया गया था। उन्होंने कहा कि इस वर्ष भी कोरोना का प्रकोप काफी तेज है, लेकिन हमने सभी श्रद्धालुओं से एसओपी का पालन करने को कहा है। बिना मास्क के कोई भी श्रद्धालु मंदिर में प्रवेश नहीं कर पाएगा। उन्होंने कहा कि श्रद्धालुओं के बैठने के लिए शारीरिक दूरी के अनुसार बैठने का प्रबंध किया जा रहा है।

वहीं, मंगलवार से चैत्र नवरात्र के आरंभ होते ही रियासी जिले के पौनी कस्बे स्थित मंदिरों में भक्तों की काफी संख्या में भीड़ उमड़ेगी। श्रद्धालु मंदिरों में सुबह पहुंच कर फूल मालाएं चढ़ाकर कंजकों को आलू और फलाहार का प्रसाद बांटेंगे। खासकर शिवखोड़ी में भोले शंकर के शिवलिग की पूजा करने के लिए श्रद्धालु काफी उत्साहित हैं। नवरात्र को लेकर शिवखोड़ी में श्रद्धालुओं के लिए पूजा में बैठने का प्रबंध किया गया है, लेकिन श्रद्धालुओं के शिवलिग पर पूजा की किसी भी तरह की सामग्री चढ़ाना वर्जित होगा। कोरोना के चलते श्रद्धालु पुजारियों के माध्यम से भोले शंकर के शिवलिग पर जल, दूध, बेल पत्र, धोती गढ़वा आदि चढ़ाने के लिए भेंट कर सकते हैं, लेकिन शिवलिग पर किसी भी तरह का पूजा का सामान नहीं चढ़ाया जाएगा।

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