'जम्मू-कश्मीर में सब सामान्य नहीं, जमीनी हकीकत टीवी पर दिखने वाली वास्तविकता से अलग है'- गुलाम नबी आजाद

गुलाम नबी आजाद ने कहा कि राजनीतिक सरकार के अभाव में जम्मू-कश्मीर कठिन दौर से गुजर रहा है और बेरोजगारी खतरनाक मोड़ ले रही है। उन्होंने कहा कि चुनाव में देरी क्यों हो रही है इसका कारण सरकार ही जानती है।

By Jagran NewsEdited By: Publish:Sat, 27 May 2023 10:20 PM (IST) Updated:Sat, 27 May 2023 10:20 PM (IST)
'जम्मू-कश्मीर में सब सामान्य नहीं, जमीनी हकीकत टीवी पर दिखने वाली वास्तविकता से अलग है'- गुलाम नबी आजाद
गुलाम नबी आजाद ने कहा कि जमीनी हकीकत टीवी पर दिखने वाली वास्तविकता से अलग है।

राजौरी, जागरण संवाददाता। पूर्व मुख्यमंत्री और डेमोक्रेटिक प्रोग्रेसिव आजाद पार्टी के अध्यक्ष गुलाम नबी आजाद ने शनिवार को कहा कि सरकार द्वारा किए गए वादे के अनुसार जम्मू-कश्मीर को राज्य का दर्जा वापस मिलेगा। हालांकि, उन्होंने यह भी कहा कि जम्मू-कश्मीर की जमीनी हकीकत टेलीविजन पर दिखाई जाने वाली वास्तविकता से अलग है।

राजौरी में अपने दौरे के आखिरी दिन मीडियाकर्मियों से बातचीत करते हुए आजाद ने कहा कि पहले और वर्तमान जम्मू-कश्मीर के बीच एक बड़ा अंतर है। जम्मू-कश्मीर को उसका राज्य का दर्जा वापस मिल जाएगा और मैंने इस मामले को संसद के पटल से लगभग एक दर्जन बार उठाया है।

'यहां लोग गंभीर समस्याओं में हैं'

उन्होंने कहा कि जम्मू-कश्मीर की वास्तविकता टेलीविजन पर दिखाई जाने वाली वास्तविकताओं से काफी अलग है। जम्मू-कश्मीर की जमीनी हकीकत टीवी पर दिखाए जाने वाले दावों से काफी अलग है। यहां लोग गंभीर समस्याओं में हैं और इसका मूल कारण जनता द्वारा चुनी गई सरकार का न होना है।

उन्होंने कहा, "एक बात सभी को स्पष्ट कर देनी चाहिए कि नौकरशाही कभी भी लोगों द्वारा चुनी गई सरकार का विकल्प नहीं हो सकती और केवल एक जनता द्वारा निर्वाचित प्रतिनिधि ही आम आदमी के दर्द को जान और महसूस कर सकता है।"

'सरकारी बंगलों में पर्दे, चादरें और कंबल तक गायब हैं'

आजाद ने आगे कहा कि जम्मू-कश्मीर में लोग कई तरह की समस्याओं का सामना कर रहे हैं जिनमें सरकारी स्कूलों में शिक्षकों की कमी, स्वास्थ्य संस्थानों में डॉक्टरों की भारी कमी, खासकर ग्रामीण इलाकों में, सड़कों की खराब स्थिति शामिल हैं। मुझे यह जानकर हैरानी होती है कि मेरे मुख्यमंत्री रहने के दौरान बनी कुछ सड़कों की एक बार भी मरम्मत नहीं हुई है। आप विश्वास नहीं कर सकते कि सरकारी बंगलों से पर्दे, चादरें, बिस्तर के गद्दे, रजाई, कंबल तक गायब हैं और यह खेदजनक स्थिति है।

आजाद ने कहा कि राजनीतिक सरकार के अभाव में जम्मू-कश्मीर कठिन दौर से गुजर रहा है और बेरोजगारी खतरनाक मोड़ ले रही है। एलजी प्रशासन के प्रदर्शन के बारे में आजाद ने कहा कि जम्मू-कश्मीर के एलजी कुशलता से काम कर रहे हैं, लेकिन उन्होंने टीम नहीं बनाई है जैसे एक मुख्यमंत्री के पास मंत्रियों की टीम होती है और एक एलजी तब तक ज्यादा कुछ नहीं कर सकता जब तक कि उसके पास टीम न हो।

चुनाव में देरी पर ये बोले आजाद

भारत सरकार को जम्मू-कश्मीर में चुनावों में देरी के कारणों के बारे में पता होना चाहिए, लेकिन मुझे लगता है कि सरकार जम्मू-कश्मीर में अनौपचारिक तरीके से शासन करना चाहती है, जिसके लिए चुनावों में देरी हो रही है और आम आदमी को परेशानी हो रही है।

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