मुआवजे की आस में नहीं उठाया मकान का मलबा

संवाद सहयोगी, नौशहरा : तीन सप्ताह पहले बारिश से क्षेत्र में सैकड़ों लोगों के मकान गिर गए थे। सरकार स

By Edited By: Publish:Tue, 30 Sep 2014 01:00 AM (IST) Updated:Tue, 30 Sep 2014 01:00 AM (IST)
मुआवजे की आस में नहीं 
उठाया मकान का मलबा

संवाद सहयोगी, नौशहरा : तीन सप्ताह पहले बारिश से क्षेत्र में सैकड़ों लोगों के मकान गिर गए थे। सरकार से मुआवजे की आस में आज तक इन लोगों ने अपने मकानों का मलबा तक नहीं उठाया है। लोगों को खुले आसमान तले जीवन व्यतीत करना पड़ रहा है।

स्थानीय निवासी तिलक राज ने बताया कि उसका मकान बारिश के दौरान गिर गया था। उस समय से अब तक से वह खुले आसमान तले अपने परिवार के साथ जीवन गुजार रहा है। उसने बताया कि वह आज भी इस आस में है कि शायद सरकार का कोई कर्मी आकर मुआवजा देगा, जिसके बाद वह मलबा उठाएगा। अगर उसने पहले मलबा उठा लिया तो उसे शायद मुआवजा न मिले। वहीं, गांव चौकी हंडन की निवासी बब्ली देवी पत्नी दीवान चंद ने बताया कि उसका पूरा मकान बारिश के कारण गिर चुका है। अभी तक न तो कोई पटवारी उसके पास पहुंचा है और न ही उसे कोई सहायता मिली है। वह लोगों के घरों में काम कर अपने परिवार का पेट भर रही है। वहीं, ऐसे सैकड़ों परिवार और भी हैं, जो खुले आसमान तले जीवन गुजार रहे हैं। पीड़ितों ने नौशहरा प्रशासन से कई बार मदद की गुहार भी लगा चुके हैं। वहीं, इस संबंध में तहसीलदार नौशहरा मुहम्मद नवाज चौधरी ने बताया कि हम ने सभी पटवार हलकों के पटवारियों को नुकसान की रिपोर्ट तैयार करने के लिए कहा है। वहीं, नुकसान के मुआवजे के लिए फॉर्म भी निकाला गया है, जिसमें लोग अपने टूटे मकान की फोटो, राशन कार्ड, वोटर कार्ड एवं अपना खाता नंबर भर कर तहसील कार्यालय में जमा करवाएं, टीम उनके घर जाएगी। टीम ने पूरे क्षेत्र का सर्वे पूरा कर लिया है। अब लोग मलबे को उठा सकते हैं। जब हमारे पास मुआवजे का पैसा आएगा लोगों को जारी कर दिया जाएगा।

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