गांवों में किसानों के लिए परेशानी का सबब बने बंदर

संवाद सहयोगी कालाकोट इलाके के किसान बंदरों के आतंक से काफी परेशान हैं। आलम यह है

By JagranEdited By: Publish:Sun, 30 Jun 2019 06:26 PM (IST) Updated:Mon, 01 Jul 2019 06:51 AM (IST)
गांवों में किसानों के लिए परेशानी का सबब बने बंदर
गांवों में किसानों के लिए परेशानी का सबब बने बंदर

संवाद सहयोगी, कालाकोट: इलाके के किसान बंदरों के आतंक से काफी परेशान हैं। आलम यह है कि दिन प्रतिदिन बढ़ते आतंक से किसान खेतों से कुछ भी फसल हासिल नहीं कर पा रहे हैं।

किसानों का कहना है कि खेतों में अगर किसी फसल को लगा भी देते हैं तो उसे बंदर ही नष्ट कर देते हैं। फसल का लाख पहरा देने के बावजूद भी फसल 15 से 20 प्रतिशत ही किसानों को नसीब होती है। गांव कोठियां के नंबरदार बशीर अहमद व अन्य ग्रामीण रामलाल, मुंशी खान आदि ने कहा कि गांव में पिछले आठ साल से बंदरों ने परेशान कर रखा है। फसल चाहे गेहूं मक्के की हो या फिर फलों सब्जियों की, सभी फसल को बंदर नष्ट कर देते हैं। किसानों को फसल का चौथा हिस्सा भी नसीब नहीं हो पाता। गांव में ढाई तीन सौ के करीब परिवार है, सभी बंदरों से दुखी हैं। इस वजह से किसानों ने अब मक्के की बिजाई से तौबा करने का फैसला लेते हुए पशु चारे की बिजाई करने का निर्णय लिया है।

तत्तापानी के पूर्व सरपंच सोमराज खजूरिया ने कहा कि बंदरों के बढ़ते प्रभाव से किसान वर्ग खेती से तौबा करने लगा है, किसानों की काफी भूमि बिना खेती के बंजर होने लगी है, क्योंकि बंदर हर फसल को नष्ट कर देते हैं और किसानों को खेतों से कुछ हासिल नहीं हो पाता, ऐसे में किसान वर्ग बेहद दुखी है। किसानों ने इस परेशानी को एडीसी के समक्ष भी उठाया था, जिस पर उन्होंने आश्वस्त किया था कि इस बात को गंभीरता से लिया जाएगा और जल्द ही टीम बुलाकर इन्हें पकड़वाने को सोचा जाएगा। वहीं उन्होंने कहा कि बंदर किसानों के लिए परेशानी का सबब बने हुए हैं।

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