नियंत्रण रेखा को शांति और सद्भावना में बदलें: फारूक अब्दुल्ला

जम्मू कश्मीर के पूर्व मुख्यमंत्री डॉ. फारूक अब्दुल्ला ने कहा कि हम चाहते हैं कि नियंत्रण रेखा को शांति और सद्भावना में बदल देना चाहिए।

By Sachin MishraEdited By: Publish:Sun, 08 Apr 2018 11:15 AM (IST) Updated:Sun, 08 Apr 2018 11:15 AM (IST)
नियंत्रण रेखा को शांति और सद्भावना में बदलें: फारूक अब्दुल्ला
नियंत्रण रेखा को शांति और सद्भावना में बदलें: फारूक अब्दुल्ला

जागरण संवाददाता, पुंछ। नियंत्रण रेखा को शांति और सद्भावना में बदलें ताकि जम्मू-कश्मीर के विभाजित हुए क्षेत्र में लोग बिना किसी रोक-टोक के आ-जा सकें और आपस में व्यापार भी कर सकें। जंग से किसी भी मसले का हल नहीं हो सकता। दोनों देशों को बातचीत पर जोर देना होगा तभी सीमा पर शांति कायम होगी। यह बातें पुंछ जिले की सीमावर्ती मंडी तहसील में नेकां के कार्यकर्ताओं को संबोधित करते राज्य के पूर्व मुख्यमंत्री डॉ. फारूक अब्दुल्ला ने कहीं।

उन्होंने कहा कि हम चाहते हैं कि नियंत्रण रेखा को शांति और सद्भावना में बदल देना चाहिए। उन्होंने कहा कि पाकिस्तान की इतनी हिम्मत नहीं है कि वह हमारी एक इंच भी जमीन ले सके। पाक ने वर्ष 1965 की जंग में हाजी पीर व छंब पर कब्जा कर लिया था, लेकिन बातचीत से यह हमारे पास वापस आए और अब भी बातचीत से हर मसले का हल किया जा सकता है। केंद्र सरकार को चाहिए कि वह पाक के साथ बातचीत पर जोर दे और हर मसले को हल करे। उन्होंने कहा राज्य के हालात ठीक नहीं हैं। नोटबंदी के बाद कहा गया कि घाटी में पत्थरबाजी की घटनाएं कम हुई हैं लेकिन ऐसा नहीं है।

राज्य सरकार राज्य में शांति कायम करने में पूरी तरह से विफल हो चुकी है। उन्होंने कहा कि आज धर्म व जाति के नाम पर लोग आपस में लड़ रहे हैं। समाज को विभाजित करने का प्रयास किया जा रहा है। आरक्षण समाप्त करने के लिए साजिश रची जा रही है। पार्टी के महासचिव अली मुहम्मद सागर, प्रांतीय अध्यक्ष देवेंद्र ¨सह राणा, पूर्व विधायक एजाज जान आदि नेताओं ने भी संबोधित किया।

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