कथा सुनने के लिए उमड़ ही श्रद्धालुओं की भीड़

संवाद सहयोगी पुंछ कथा के पांचवें दिन नौशहरा के रामेश्वर धाम वार्ड नंबर 13 छपरा में श्री

By JagranEdited By: Publish:Thu, 05 May 2022 06:59 AM (IST) Updated:Thu, 05 May 2022 06:59 AM (IST)
कथा सुनने के लिए उमड़ ही श्रद्धालुओं की भीड़
कथा सुनने के लिए उमड़ ही श्रद्धालुओं की भीड़

संवाद सहयोगी, पुंछ : कथा के पांचवें दिन नौशहरा के रामेश्वर धाम वार्ड नंबर 13 छपरा में श्रीमद् भागवत ज्ञान गंगा में हजारों लोगों ने डुबकियां लगाई, परंतु भगवान आने से पहले हमें अवश्य अवगत करा देते हैं। मेघ गरज रहे थे, बरसात हो रही थी, जैसे ही कथा में भगवान को प्रकट होना था इंद्रदेव प्रसन्न हो गए, बिजली चली गई। साक्षात ऐसा प्रतीत हो रहा था कि मथुरा में कंस के कारागार में जो परिस्थितियां थीं, वही परिस्थितियां श्रीमद् भागवत कथा के इस पंडाल में देखने को मिलीं। इंद्रदेव भी प्रसन्न थे। इन परिस्थितियों में भी काफी अधिक लोगों का आगमन हुआ।

कथा व्यास महामंडलेश्वर स्वामी रामेश्वरानंद सरस्वती ने बहुत सुंदर प्रसंगों को सुनाया। चार वर्ष की अवस्था में ध्रुव जी ने प्रभु को प्राप्त किया। प्रह्लाद ने प्रभु को प्राप्त किया। भगवान को पाने के लिए संसार के बंधनों से मुक्त होना पड़ता है और हर कण-कण में उस परमात्मा को देखना पड़ता है। राज माता कुंती ने प्रभु से दुख मांगे। कहा कि प्रभु जिस वैभव में आप नहीं हैं, वह वैभव मुझे नहीं चाहिए।

विकारों को मिटाते हुए कर्म प्रधान कर्मो को प्रदान करते हुए कार्य करने वाले व्यक्ति को ही भगवान मिलते हैं। समाज में रहकर समाज की सेवा, दरिद्र नारायण की सेवा, दुखियों की सेवा करने से मन की शांति के साथ साथ भक्ति भी हो जाती है एवं अंतिम समय में धन-संपत्ति परिवार कुछ भी काम नहीं आता। मुंह से निकली हरि कथा, हाथ से किया हुआ दान, पैरों से चले हुए तीर्थ और सेवा ही काम आता है। इस अवसर पर काफी संख्या में श्रद्धालुओं की भीड़ मौजूद थी।

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