आंधी से मक्के की 50 फीसदी फसल हुई बर्बाद

मोगला क्षेत्र के किसानों ने अपनी मेहनत के बल पर मक्के की जिस फसल को तैयार किया था वह अंजाम तक नहीं पहुंच सकी। आंधी से पचास-साठ प्रतिशत फसल टूट कर खेत में धराशाई हो गई। यह किसान के लिए गंभीर चिंता का विषय है।

By JagranEdited By: Publish:Fri, 31 Jul 2020 08:52 AM (IST) Updated:Fri, 31 Jul 2020 08:52 AM (IST)
आंधी से मक्के की 50 फीसदी फसल हुई बर्बाद
आंधी से मक्के की 50 फीसदी फसल हुई बर्बाद

संवाद सहयोगी, कालाकोट : मोगला क्षेत्र के किसानों ने अपनी मेहनत के बल पर मक्के की जिस फसल को तैयार किया था, वह अंजाम तक नहीं पहुंच सकी। आंधी से पचास-साठ प्रतिशत फसल टूट कर खेत में धराशाई हो गई। यह किसान के लिए गंभीर चिंता का विषय है।

सरपंच मास्टर केवल शर्मा ने बताया कि मोगला क्षेत्र के गांव सियालसुई, गुलाबगढ़, धनोरा, केशगढ, अखर, गोल, मरोट, कलवाना, खियुन, कल्यार आदि गांव में मक्के की फसल आंधी से तहस-नहस हो गई और किसानों का काफी नुकसान हुआ है। उन्होंने बताया कि किसान बर्बाद फसल को लेकर काफी सदमे में हैं। प्रशासन से यही गुहार है कि वह किसानों की बर्बाद फसल का आकलन कर उन्हें उचित मुआवजा देकर राहत प्रदान करें।

भाजपा मंडल प्रधान मोगला विजय कुमार ने भी अपनी टीम के साथ मोगला की छह पंचायतों का दौरा कर फसल नुकसान का जायजा लिया। उन्होंने प्रशासन से भी गुहार लगाई है कि नुकसान की रिपोर्ट बनाकर किसानों को मुआवजा दिया जाए। मंडल प्रधान के साथ इस दौरे में किसान मोर्चा के अध्यक्ष गुलशन कुमार, महासचिव संजीव कुमार, अंचल सिंह, जगपाल, गणेश कुमार आदि टीम के सदस्य उनके साथ मौजूद रहे।

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एक और गरीब परिवार का आशियाना उड़ा फोटो 1 के साथा संवाद सहयोगी, कालाकोट : बारिश ग्रामीणों पर आफत बनकर टूट रही है। इस बारिश के चलते ग्रामीणों का सुख चैन सब छीन चुका है। लगातार बारिश और आंधी के चलते एक और कच्चे मकान गिर रहे हैं, वहीं कच्चे मकानों पर पड़ी टीन छत भी उड़ रही है। इससे ग्रामीणों को सिर ढकने की चिंता भी सताने लगी है। त्रियाठ वार्ड नंबर चार गवाड़ में श्याम लाल के मकान की छत आंधी में उड़ गई। इस दौरान श्याम लाल के घर में पड़े सामान का काफी नुकसान हुआ। वहीं शाम लाल के साथ-साथ वार्ड नंबर पांच में भी दो दिन पहले तीन से चार मकानों की छत उड़ गई थी और वह परिवार भी काफी परेशानी में है।

सरपंच सीमा देवी ने कहा कि जिन गरीब परिवारों के मकानों की छत आंधी से उड़ी है, वह परिवार काफी परेशानी में है। उनकी माली हालत भी ठीक नहीं है। लिहाजा प्रशासन से मांग है कि वह इन परिवारों की सुध लें और इन परिवारों को टेंट आदि मुहैया करवाए जाएं।

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