छह वर्ष के इंतजार के बाद भी स्कूल का काम अधूरा

संवाद सहयोगी बसोहली सभी सरकारी काम कछुआ चाल से होते हैं। इसका जीवित उदाहरण गां

By JagranEdited By: Publish:Tue, 23 Apr 2019 07:08 PM (IST) Updated:Tue, 23 Apr 2019 07:08 PM (IST)
छह वर्ष के इंतजार के बाद भी स्कूल का काम अधूरा
छह वर्ष के इंतजार के बाद भी स्कूल का काम अधूरा

संवाद सहयोगी, बसोहली : सभी सरकारी काम कछुआ चाल से होते हैं। इसका जीवित उदाहरण गांव द्रमण में देखा जा सकता है। गांव को हाई स्कूल का दर्जा मिला और गांव के ही मिडिल स्कूल में हाई स्कूल की बिल्डिंग का काम शुरू हुआ। छह साल के इंतजार के बावजूद आज भी स्कूल का काम अधूरा है। बिल्डिंग तो तैयार हो गई मगर इसमें सफेदी आदि नहीं करवाई गई जिस कारण मिडिल स्कूल की ही बिल्डिंग में आज तक हाई स्कूल का काम चलाया जा रहा है जिस कारण कई बार बारिश में दो कक्षाओं के छात्रों को एक ही कमरे में बिठाया जाता है।

गांव की सरपंच मधु बाला, नायब सरपंच मंगल सिंह, केवल कृष्ण, संजना देवी, बिंद्रो देवी आदि ने बताया कि स्कूल की पुरानी बिल्डिंग में कमरे सीमित होने के कारण छात्र हर रोज परेशान होते हैं। नई बिल्डिंग का किसी भी प्रकार का कोई लाभ छात्रों को नहीं मिला है। उनका कहना है कि 212 में जब विधायक जगदीश राज सपोलिया थे इस बिल्डिंग का काम शुरू हुआ और आज तक इसे पूरा करने के प्रति किसी भी विभाग ने रुचि नहीं दिखाई। इसके पूरा होने से सभी विषयों की अलग अलग कक्षाएं चलाई जा सकती थीं और छात्रों के अलावा स्कूल के स्टाफ को भी लाइब्रेरी, लेबोरेटरी, स्टाफ रूम, छात्रों का वेटिंग रूम आदि की सुविधा मिल पाती है। उन्होंने बिल्डिंग के काम को पूरा करने के लिए गुहार लगाई है।

कोट--

जितना फंड उपलब्ध था उतने का काम हमने करवा दिया है। अब और फंड अगर विभाग प्रदान करता है तो इसे पूरा कर दिया जाएगा।

-संजय पठानिया ठेकेदार

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