उज्ज मल्टीपर्पज परियोजना से बहुरेंगे दिन

राकेश शर्मा, कठुआ राज्यपाल शासन में दस साल पहले मंजूर उज्ज मल्टी पर्पज प्रोजेक्ट की डीपीआर

By JagranEdited By: Publish:Fri, 20 Jul 2018 01:29 AM (IST) Updated:Fri, 20 Jul 2018 01:29 AM (IST)
उज्ज मल्टीपर्पज परियोजना  से बहुरेंगे दिन
उज्ज मल्टीपर्पज परियोजना से बहुरेंगे दिन

राकेश शर्मा, कठुआ

राज्यपाल शासन में दस साल पहले मंजूर उज्ज मल्टी पर्पज प्रोजेक्ट की डीपीआर को मंजूरी मिलने से लोगों में खुशी की लहर है। इस बहुउद्देश्यीय परियोजना के निर्माण से सिंचाई और बिजली आपूर्ति की समस्या से निजात मिलेगी। आजादी के बाद पहली बार इस तरह की परियोजना से क्षेत्रवासियों की तकदीर बदलेगी। युवाओं को रोजगार के अवसर मिलेंगे। बंजर भूमि तर होने से समृद्धि का दौर शुरू होगा।

हैरानी की बात है कि 10 साल इंतजार के बाद राज्यपाल ने इस परियोजना को एक माह में ही मंजूरी दिला दी, जबकि दो सरकारें आई और उपमुख्यमंत्री रह चुके डॉ. निर्मल सिंह भी इसी क्षेत्र का प्रतिनिधित्व करते रहे लेकिन परियोजना को मंजूरी नहीं दिला सके।

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कंडी क्षेत्र के लोगों

के भी बहुरेंगे दिन

उज्ज मल्टी पर्पज परियोजना से सिर्फ बिलावर के लोग ही लाभान्वित नहीं होंगे बल्कि कठुआ जिले के कंडी क्षेत्र जुथाना, धन्नी व घाटी क्षेत्र के लोगों के दिन भी बहुरेंगे। अब तक हर क्षेत्र में पिछड़ा कठुआ के कंडी क्षेत्र परियोजना के निर्माण से कई तरह की सुविधाएं पाएगा। कंडी क्षेत्र सड़क संपर्क से जुड़ेंगे। क्षेत्र में विकास कार्य होंगे।

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डीपीआर की मंजूरी से खुशी की लहर

डीपीआर को मंजूरी से बिलावर सहित कठुआ जिले के कंडी क्षेत्र के लोगों में खुशी का माहौल है। वहीं, पिछले एक दशक से प्रभावित ग्रामीण चिंतित हैं। ठीक उसी तरह जैसे वर्ष 1990 में बसोहली के किनारे रावी दरिया पर रंजीत सागर डैम बनने से लोग प्रभावित हुए थे। भले ही उन्हें मुआवजा मिला, लेकिन जो दर्द बसोहली के लोगों ने अपने घर उजड़ने का झेला है, उसे वही जानते हैं। उचित मुआवजे के लिए लोगों को काफी जद्दोजहद करनी पड़ी थी।

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डीपीआर की मंजूरी दुर्भाग्यपूर्ण

परियोजना की डीपीआर की मंजूरी को लेकर जिला में खुशी की लहर है, लेकिन प्रभावित लोग इसे दुर्भाग्यपूर्ण बता रहे हैं।

उज्ज मल्टी पर्पज कोआर्डिनेशन कमेटी के संयोजक एसपी शर्मा ने कहा कि परियोजना से बिलावर का विकास नहीं बल्कि विनाश है। सरकार को गुमराह किया जा रहा है। उज्ज में परियोजना के लिए इतना पानी नहीं है। आंकड़े प्रस्तुत कर लोगों को गुमराह किया जा रहा है। उनकी कमेटी परियोजना के निर्माण के विरोध में आंदोलन शुरू करेगी।

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नई डीपीआर में तीन हजार आबादी कम होगी प्रभावित

सरकारी आंकड़ों के अनुसार 4750 करोड़ की उज्ज मल्टी पर्पज परियोजना की नई डीपीआर से 31300 हेक्टेयर भूमि पर सिंचाई होने का दावा किया गया है। परियोजना की डीपीआर में कुल 11498 आबादी प्रभावित होने की बजाय अब 8684 आबादी प्रभावित होगी। परियोजना में पहले 41 वर्ग किलोमीटर शामिल था, लेकिन अब 35.5 वर्ग किलोमीटर ही होगा। ऐसा सरकार ने कम से कम लोगों के प्रभावित होने के लिए किया है। डैम की उंचाई सात मीटर कम हुई है। केंद्र सरकार इस परियोजना में 90 और राज्य सरकार 10 फीसद फंड उपलब्ध कराएगी। इसमें 186 मेगावाट बिजली उत्पादन की क्षमता है और राज्य को कुल 20 फीसद बिजली आपूर्ति होगी।

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परियोजना के निर्माण से

यह पंचायतें होंगी प्रभावित

उज्ज परियोजना से बिलावर की 12 पंचायतें प्रभावित होंगी। इसमें पल्लन पंचायत का बरेल का हिस्सा, किशनपुर डुगाड़ा अप्पर, लोअर, बरोटा, ठेंठू, अगलीतार, टेड़, धर्मकोट, सियालना व दान जसदार पंचायतें समाएगी।

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बिलावर के एसडीएम जोगेंद्र सिंह राय बताते हैं कि अभी उनके पास सिर्फ डीपीआर मंजूर होने की सूचना है। इससे आगे क्या है। अभी कोई सूचना नहीं है।

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