नए सिरे से परिसीमन होने पर कई प्रत्याशियों का बिगड़ा चुनावी खेल

राकेश शर्मा कठुआ जिला परिषद चुनाव को लेकर किए गए नए सिरे से परिसीमन किए जाने की वजह से

By JagranEdited By: Publish:Thu, 29 Oct 2020 12:54 AM (IST) Updated:Thu, 29 Oct 2020 06:04 AM (IST)
नए सिरे से परिसीमन होने पर कई प्रत्याशियों का बिगड़ा चुनावी खेल
नए सिरे से परिसीमन होने पर कई प्रत्याशियों का बिगड़ा चुनावी खेल

राकेश शर्मा, कठुआ: जिला परिषद चुनाव को लेकर किए गए नए सिरे से परिसीमन किए जाने की वजह से कई प्रत्याशियों का चुनावी खेल बिगड़ गया। जो उम्मीदवार जिला परिषद का सदस्य बनने का सपना देख रहा था, उसके सपने भी टूटते भी नजर आ रहे हैं। कुछ चुनाव हलकों में जहां महिला के लिए आरक्षित किया गया है, वहां चुनाव से पहले से कोई भी महिला चुनाव लड़ने के लिए तैयार नहीं थी, लेकिन अब वहां सिर्फ महिला के लिए ही आरक्षित कर दिए जाने की वजह से अचानक उम्मीदवार तय करना पड़ेगा यानि चुनाव न लड़ने के लिए तैयार उम्मीदवारों को अब वहां सीट भरने के लिए मैदान में उतारना ही पड़ेगा।

हालांकि, बनी बीडीसी चुनाव हलके में ऐसा ही हुआ है, वहां पर किसी को भी महिला उम्मीदवार के लिए आरक्षित करने की उम्मीद नहीं थी और वहां चुनाव लड़ने वाले पुरुष उम्मीदवार तैयारी कर रहे थे, लेकिन अब अचानक वहां महिला के लिए आरक्षित कर दिया गया। ऐसा ही जिला के सबसे चर्चित बरनोटी जिप चुनाव हलके के मामले में हुआ है, वहां पर चुनाव लड़ने के लिए दर्जनों उम्मीदवार तैयार थे, लेकिन अब वहां भी दलित महिला के लिए आरक्षित करने से कई उम्मीदवारों का बना बनाया खेल ही बिगड़ गया। ऐसा ही हाल मढ़ीन और नगरी के साथ हुआ है, वहां भी कई उम्मीदवार चुनाव के लिए तैयार हो चुके थे, लेकिन दोनों मुख्य चुनाव हलकों को दलित उम्मीदवार के लिए आरक्षित कर दिए जाने से कई प्रत्याशियों की चुनाव लड़ने की इच्छा पर पानी फिर गया है। ऐसा भी नहीं है कि जहां पर आरक्षित हलके किए गए हैं, वहां उम्मीदवार नहीं है, वहां भी उम्मीदवार हैं और होंगे, लेकिन जो कतार में चुनाव लड़ने के लिए लगे थे, वे हट गए हैं और जो कतार में नहीं थे, उन्हें मौका मिल गया है। कोट्स----

जिला प्रशासन लोगों के बिना राय लिए चुनाव हलके गठित कर दिया। आरक्षित भी कार्यालय में बैठ कर करने की नीतियों की निदा करते हैं। अधिकारी किसी भी क्षेत्र को दूसरों के साथ जोड़ने और आरक्षित करने के लिए किसी भी स्थानीय लोगों की राय तक नहीं ले रहे हैं, जबकि आब्जेक्शन भी दिए गए, लेकिन उसे स्वीकार नहीं किया गया। ये तो चुनाव थोपने वाली बात है, कोई पूछने वाला नहीं है, सरकार अपनी मर्जी कर रही है, विकास परिषद में गिनती नहीं, वहां अच्छे सुलझे और अनुभवी उम्मीदवार की जरुरत है।

- अशोक कुमार शर्मा, प्रधान, पंच एसोसिएशन मढ़ीन ब्लॉक। कोट्स---

डुग्गन ब्लॉक की छह पंचायतों को मल्हार जिला परिषद के चुनाव हलके से जोड़ने का कोई तुक नहीं बनता है, जबकि उनकी दूरी बनी ब्लॉक से मात्र 12 किलोमीटर है, लेकिन मल्हार ब्लॉक की 15 किलोमीटर वह भी पैदल रास्ता है। इसके कारण कोई तुक नहीं बनता है। इसके लिए आपत्तियां भी दर्ज कराई गईं, लेकिन कोई सुनाई नहीं हुई, अगर सुनवाई नहीं करनी थी या प्रशासन को अपनी मर्जी से ही सब कुछ करना था तो आपत्तियां क्यों मांग गई, डीसी ने बनी दौरे के दौरान पूछने पर आबादी के हिसाब से जोड़ने की बात करके मामले को वहीं निपटा दिया।

-नीलम कुमारी, चेयरमैन, बीडीसी डुग्गन ब्लॉक।

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