चक देसा में शहीद चंद्रशेखर आजाद को किया याद

चंद्रशेखर आजाद के शहीदी दिवस के अवसर पर सांस्कृतिक संध्या का आयोजनचंद्रशेखर आजाद के शहीदी दिवस के अवसर पर सांस्कृतिक संध्या का आयोजनचंद्रशेखर आजाद के शहीदी दिवस

By JagranEdited By: Publish:Sat, 29 Feb 2020 12:37 AM (IST) Updated:Sat, 29 Feb 2020 06:22 AM (IST)
चक देसा में शहीद चंद्रशेखर आजाद को किया याद
चक देसा में शहीद चंद्रशेखर आजाद को किया याद

संवाद सहयोगी, कठुआ: शहर से सटे गांव चक देसा सिंह में डोगरी कला केंद्र ने क्रांतिकारी शहीद चंद्रशेखर आजाद के शहीदी दिवस के अवसर पर सांस्कृतिक संध्या का आयोजन किया गया। इस मौके पर केंद्र से जुड़े कलाकारों ने क्रांतिकारी गीतों व कव्वालियों के माध्यम से चंद्रशेखर आजाद के जीवन और उनकी विचारधारा पर प्रकाश डाला।

कार्यक्रम में कलाकारों ने अपनी प्रस्तुतियों के माध्यम से बताया कि 23 जुलाई 1906 में जन्में अमर शहीद चंद्रशेखर आजाद इस मातृभूमि के लिए केवल 25 वर्ष की आयु में शहीद हो गए। उनका बलिदान का उद्देश्य भारत को अंग्रेजी हुकूमत से आजाद करवाने के साथ-साथ आजादी के बाद एक ऐसा वतन बनाना भी था, जिसमें गरीबी, भुखमरी, बेरोजगारी, शोषण, जातिवाद आदि का नामोनिशान तक ना हो। उनका सपना था कि समाज में सभी इंसान मिलजुल कर बराबरी की तरह रहे, किसी का भी शोषण नहीं करें। देश की आजादी के 73 वर्ष के पश्चात भी देश में लगभग 9 हजार बच्चे कुपोषित हैं। मजदूरों, किसानों का शोषण लगातार जारी है, बेरोजगारी अपनी सीमा पार कर चुकी है, फिर भी सरकार सीएए जैसे कानून पास कर धर्म के नाम पर राजनीति कर रही है।

इस मौके पर केंद्र के प्रधान धीरज बिस्मिल ने कहा कि ऐसे समय में कलाकारों, कलमकारो व सभी न्याय पसंद व्यक्तियों का फर्ज बनता है कि अपने हुनर के माध्यम से लोक एकता का पैगाम देकर शहीदों को सच्ची श्रद्धांजलि दें। इस अवसर पर राजेश कोहली, दिलशेर हंस, शक्ति, घुंघरू, किशोर, शाम आलम, सुरेश कुमार, अंजू कुमारी, दीक्षा, राजवीर सिह, अश्वनी कुमार, शंभू कुमार, राम मोहन, शक्ति बच्चन आदि उपस्थित रहे।

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