जिले में बारिश व ओलावृष्टि, बनी में बिजली सप्लाई ठप

हालांकि अभी ऐसा मौसम कोरोना जैसे खतरनाक वायरस से लड़ने के लिए भी ठीक नहीं है और न ही गेहूं की पकने के लिए तैयार हो रही फसल के लिएलेकिन मौसम वैज्ञानिकों के अनुसार 31 मार्च से 7 मार्च तक मौसम बीच-बीच में खराब होने के पुर्वानुमान के चलते बारिश शुरू हो गई है। जिला में सुबह से ही आस

By JagranEdited By: Publish:Wed, 01 Apr 2020 12:08 AM (IST) Updated:Wed, 01 Apr 2020 12:08 AM (IST)
जिले में बारिश व ओलावृष्टि, बनी में बिजली सप्लाई ठप
जिले में बारिश व ओलावृष्टि, बनी में बिजली सप्लाई ठप

जागरण टीम, कठुआ/बनी: मौसम एक बार फिर मंगलवार को बिगड़ गया। हालांकि, अभी ऐसा मौसम कोरोना जैसे खतरनाक वायरस से लड़ने के लिए भी ठीक नहीं है और न ही गेहूं की पकने के लिए तैयार फसल के लिए, लेकिन मौसम वैज्ञानिकों के अनुसार 31 मार्च से 7 मार्च तक मौसम बीच-बीच में बारिश होते रहेगी।

जिले में मंगलवार सुबह से ही आसमान पर बादल छाये हुए थे। इसके चलते शाम को पहाड़ों पर तेज और मैदानी इलाकों में हल्की बारिश शुरू हो गई। इससे न्यूनतम एवं अधिकतम तापमान में मामूली गिरावट दर्ज किया गया। आलम यह है कि सुबह शाम मौसम में ठंडापन आ गया है। बारिश से बचने के लिए लोग शहर में छाता का सहारा लिए।

उधर, बनी में एक दिन मौसम साफ रहने के बाद मंगलवार को फिर पूरे आसमान पर सुबह से ही घने बादल छाए रहे, लेकिन शाम पांच बजे मूसलधार बारिश होने लगी। इसके कारण न सिर्फ लोगों को अपने घर के अंदर बैठने को मजबूर होना पड़ा, ब्लकि राहगीर जो अपने काम के लिए आगे पीछे गए हुए थे, उन्हें भी रास्ते में ही किसी पेड़ या किसी घर के अंदर ही खड़ा होना पड़ा। इलाके में भारी बारिश के साथ-साथ ओलावृष्टि भी हुई। बिजली सप्लाई पूरी तरह गुल हो गई, ओलावृष्टि के कारण सरसों की फसल को भी मामूली नुकसान पहुंचा है, हालांकि, सड़क मार्ग खुले थे, लेकिन बिजली सप्लाई सभी गांव में ठप हो गई। लगातार हो रही बारिश के कारण सबसे ज्यादा किसानों को माल मवेशियों के चारे की समस्या का सामना करना पड़ रहा है, क्योंकि जिन गांवों में सड़क नहीं है, वह गर्मी के समय घास सुखा कर मवेशियों के लिए रखते थे, लेकिन लगातार बारिश के कारण अब घास भी खत्म होता जा रहा है, माल मवेशियों को घर से बाहर चराने के लिए भी नहीं भेज पा रहे हैं। इसके कारण इन्हें समस्या आ रही है।

किसान चतर सिंह, मूलराज, करतार सिंह का कहना है कि इन बारिश के कारण मवेशियों को बाहर चराने में समस्या आ रही है। उधर, तहसील के गांव बुलड़ी में हुए भूस्खलन के चलते पानी से चलने वाली चक्की को भारी नुकसान पहुंचा है। पूरी तरह से चक्की के कारोबार पर निर्भर मिट्ठू राम के परिवार की गुजर बसर थी। दरअसल चक्की वाली जगह के साथ ही हनसा- भूलड़ी पीएमजीएसवाई रोड के कटिग के कार्य भी चल रहा है। इसके कारण भूस्खलन हुआ, इससे ना सिर्फ पानी से चलने वाली चक्की, ब्लकि आसपास की भूमि को भी बुरी तरह नुकसान पहुंचा। ब्लॉक डुगन की बीडीसी चेयरमैन नीलम कुमारी ने दौरा कर सरकार से चक्की मालिक को मुआवजा देने की मांग की है।

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