खरना के साथ ही छठव्रतियों का 36 घटे का निर्जला उपवास शुरू
संवाद सहयोगी कठुआ वीरवार शाम को छठव्रतियों ने खरना का प्रसाद ग्रहण किया। इसके साथ ही छठव्रतियो
संवाद सहयोगी, कठुआ: वीरवार शाम को छठव्रतियों ने खरना का प्रसाद ग्रहण किया। इसके साथ ही छठव्रतियों का 36 घटे का निर्जला उपवास भी शुरू हो गया है। उधर, लोक आस्था के इस महापर्व को लेकर छठ घाट की साफ-सफाई कर दी गई है, ताकि छठ व्रतियों को किसी तरह की कोई परेशानी का सामना नहीं करना पड़े।
दरअसल, बुधवार को नहाय खाय के साथ ही चार दिवसीय सूर्योपासना के पर्व भक्तिपूर्ण माहौल में प्रारम्भ हो गया था। लोक आस्था के महान पर्व छठ पूजा को लेकर बाजारों में काफी चहल पहल है। अर्घ्य देने हेतु श्रद्धालुओं द्वारा फल एवं पूजन सामग्रियों की खरीदारी की प्रक्रिया शुरू हो गई है। वीरवार को खरना का प्रसाद ग्रहण किया गया। शुक्रवार को अस्ताचल गामी भगवान भुवन-भाष्कर को पहला अर्घ्य दिया जाएगा।
जिले में रह रहे हजारों की संख्या में पूर्वाचल समाज के लोगों द्वारा मनाए जाने वाली छठ पूजा को लेकर शहर के वार्ड नंबर 14 स्थित नहर के किनारे पूजा की तैयारिया पूरी कर ली गई है। इन कार्यो को की व्यवस्था पूरी तरह से चिनाब टेक्सटाइल मिल्स कठुआ प्रबंधन द्वारा की जाती है। चिनाब टेक्सटाइल मिल के कार्यकारी अध्यक्ष उमेश गुप्ता ने बताया कि कोरोना महामारी के चलते छठ पूजा स्थगित नहीं की जाएगी, लेकिन वहा पर शारीरिक दूरी का पूरा ध्यान रखा जाएगा। मास्क व सैनिटाइजर की पूरी व्यवस्था रहेगी। इस दिन छठवर्ती दिन भर उपवास करने के बाद पान व सुपारी हाथ में लेकर भगवान भास्कर को अर्घ्य देगी।
वीरवार को छठवर्ती के घरों में गुड़, अरवा चावल व दूध से मिश्रित रसिया बनाए गए और देर शाम को रसिया को केले के पत्ते पर मिट्टी के ढकनी में रखकर मा षष्ठी को भोग लगाया गया। माना जाता है कि मा षष्ठी एकात व शात रहने पर ही भोग ग्रहण करती हैं, इसलिए मा षष्ठी को एकात में ही भोग लगाया गया।