पुल का निर्माण न शुरू होने से लोगों में रोष

हीरानगर कस्बे के वार्ड नंबर तीन में बहने वाले नाले पर पुल का नींव पत्थर रखने के सात माह बाद भी निर्माण कार्य शुरू नहीं होने से स्थानीय लोगों में रोष व्याप्त है। कस्बावासियों का कहना है कि चुनाव जीतने के लिए विकास कार्यों के नींव पत्थर तो आनन फानन में रख दिया जाता है लेकिन बाद में उस काम शुरू नहीं होते।

By JagranEdited By: Publish:Tue, 22 Oct 2019 10:25 PM (IST) Updated:Wed, 23 Oct 2019 06:32 AM (IST)
पुल का निर्माण न शुरू होने से लोगों में रोष
पुल का निर्माण न शुरू होने से लोगों में रोष

संवाद सहयोगी, हीरानगर : कस्बे के वार्ड नंबर तीन में बहने वाले नाले पर पुल का नींव पत्थर रखने के सात माह बाद भी निर्माण कार्य शुरू नहीं होने से स्थानीय लोगों में रोष व्याप्त है। कस्बावासियों का कहना है कि चुनाव जीतने के लिए विकास कार्यों के नींव पत्थर तो आनन फानन में रख दिया जाता है, लेकिन बाद में उस काम शुरू नहीं होते।

जानकारी अनुसार हीरानगर के लोग नाले पर नया पुल बनाने की लंबे अरसे से मांग करते आ रहे थे, जिसे देखते हुए केंद्रीय मंत्री डॉ. जितेंद्र सिंह ने चुनाव से पहले नाले पर पुल बनाने के लिए आठ माह पूर्व नींव पत्थर रखा था, उनके साथ राज्यपाल के सलाहकार केके शर्मा भी थे। नाले पर दो करोड़ की लागत से 40 मीटर लंबा पुल बनना था, निर्माण कार्य जेके पीसीसी को करवाना जो कि आज तक शुरू नहीं हुआ, जबकि उस समय काम एक माह के अंदर शुरू करने का आदेश दिया गया था। कोट्स--

कस्बे में बहने वाले नाले पर पुराना पुल तंग है, जिस पर दो वाहन एक साथ नहीं गुजर सकते। कई बार जल्दबाजी में हादसे हो जाते हैं, अब मुख्य मार्ग भी पांच सालों से चौड़ा हो चुका है, जिस पर डबल पुल की जरूरत है। नींव पत्थर तो रख दिया है, काम शुरू नहीं हुआ, संबंधित विभाग को जल्द करवाना चाहिए, इसकी प्रशासनिक अधिकारियों से कई बार मांग कर चुके हैं।

-गुरदयाल। कोट्स--

कस्बे के साथ-साथ सीमावर्ती गांवों के लोग भी हीरानगर से गुजरते हैं, मार्ग चौड़ा होने के बाद वाहनो की आवाजाही बढ़ गई है, मगर पुल तंग होने की वजह से लोगों को परेशानी होती है। मार्च माह में केंद्रीय मंत्री ने पुल का नींव पत्थर तो रख दिया, लेकिन फंड मंजूर नहीं हुआ, जिस कारण काम शुरू नहीं हुआ। अगर फंड नहीं था तो नींव पत्थर रखने की क्या जरूरत थी।

-जुगल किशोर। कोट्स--

चुनाव से पहले मंत्री बड़े-बड़े वादे कर देते हैं जो बाद में पूरे नहीं होते। जब मंत्री ने पुल का नींव पत्थर रखा था तो लोगों में उम्मीद जागी थी कि जल्द समस्या का समाधान हो जाएगा, लेकिन ऐसा नहीं हुआ। अब तो बरसात भी हो चुकी है, अगर फंड मंजूर हुआ है तो संबंधित विभाग को पुल का निर्माण कार्य जल्द शुरू करवाना चाहिए, ताकि लोगों को सुविधा मिल सके।

-सोमराज वर्मा। अधिकारिक कोट्स---

कस्बे के मुख्य मार्ग पर बहने वाले नाले पर चालीस मीटर लंबा पुल बनाने के लिए दो करोड़ का प्रोजेक्ट बनाया गया था, जिस का टैंडर भी लगाया गया था, लेकिन फंड मंजूर नहीं हुआ। इस कारण काम भी शुरू नहीं हो पाया, अगर जल्द मंजूरी मिल जाती है तो निर्माण कार्य शुरू करवा देंगे।

-गिरधारी लाल, एक्सईएन, जेके पब्लिक कंस्ट्रक्शन कॉरपोरेशन।

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