भगवान की भक्ति सोच बदलने के लिए करो

महाराज की असीम कृपा से चल रहे 10

By JagranEdited By: Publish:Mon, 14 Oct 2019 10:25 PM (IST) Updated:Tue, 15 Oct 2019 06:16 AM (IST)
भगवान की भक्ति सोच बदलने के लिए करो
भगवान की भक्ति सोच बदलने के लिए करो

संवाद सहयोगी, हीरानगर: तरनाह नदी के किनारे श्री द्वारिका नाथ जी महाराज की कृपा से चल रहे 108 कुण्डीय गो गोपाल महायज्ञ के छठे दिन काफी संख्या में लोगों ने उपस्थिति दर्ज करवाते हुए यज्ञशाला की प्रक्रिमा ली। इस यज्ञ में दर्शन के लिए सुरेश शर्मा, बुआ दित्ता जी महाराज, संजय कृष्ण, घनश्याम शर्मा, खेमराज शर्मा ने हरिनाम का गुणगान किया।

रोजाना की तरह सुबह 11 बजे यज्ञशाला परिसर में श्री गंगाधर जी महाराज ने राष्ट्रीय ध्वज तिरंगा का ध्वजारोहण कर राष्ट्रीय गान गाया। इस यज्ञ में विधिपूर्वक पूजन किया, जिसके बाद दुर्गा सप्तशती व गोपाल सहनाम का पाठ कर हवन किया गया। यह हवन आचार्य चुन्नी लाल, आचार्य तरसेम शर्मा, आचार्य फूल कुमार आदि द्वारा करवाया गया। वहीं यज्ञशाला के दूसरी तरफ बने पंडाल में चल रही सभा को संबोधित करते हुए श्री गंगाधर जी महाराज ने बताया कि मनुष्य को भगवान की भक्ति अपनी किस्मत बदलने के लिए नहीं, बल्कि अपनी कृपण सोच को बदलने के लिए करनी चाहिए। हम लोग जब सत्संग में बैठे होते है तो हम सामाजिक व्यसनों से दूर रहते है।

भगवान की कथा इसलिए सुनी जाती है कि हमें उनसे ईश्वर की पसंद न पसंद का पता चले और हम अपने आप में परिवर्तन लाकर भगवान की प्राप्ति का रास्ते खोज सके जो हमारे जीवन का मूल उद्देश्य है। इस दौरान साध्वी भुवनेश्वरी देवी का स्वागत करते हुए उन्होंने उनका धन्यवाद कर अभिवादन किया और कहा कि इस यज्ञ में ऐसी महान विभूतियों के चरण पड़ना हमारे यज्ञ की सफलता का बखान करते हैं।

वहीं सुरेश जी ने यज्ञ की बधाई देते हुए संगत का मार्गदर्शन किया और अपनी कथा में बताया कि महायज्ञों के आयोजन का उद्देश्य समाज में परिवर्तन लाने का है। अगर श्री गो गोपाल महायज्ञ के अयोजन से समाज में कोई बदलाव आता है तो यह पूरी तरह से सफल हो जाएगा।

chat bot
आपका साथी