हल्दी, एलोवेरा की खेती की तरफ किसानों का बढ़ा रुझान

सीमावर्ती क्षेत्र के किसान अपनी आमदनी बढ़ाने के लिए पारंपरिक फसलों के साथ ही हल्दी एलोवेरा स्ट्राबेरी लेमन ग्रास की खेती भी करने लगे हैं। इसके लिए कृषि बागवानी विभाग भी किसानों को जागरूक कर रहा है। कंडी क्षेत्र में जहा बंदर फसलों को नुकसान पहुंचाते हैं। वहा किसान एलोवेरा लेमन ग्रास लगा रहे हैं।

By JagranEdited By: Publish:Sat, 23 Oct 2021 07:30 AM (IST) Updated:Sat, 23 Oct 2021 07:30 AM (IST)
हल्दी, एलोवेरा की खेती की तरफ किसानों का बढ़ा रुझान
हल्दी, एलोवेरा की खेती की तरफ किसानों का बढ़ा रुझान

संवाद सहयोगी, हीरानगर : सीमावर्ती क्षेत्र के किसान अपनी आमदनी बढ़ाने के लिए पारंपरिक फसलों के साथ ही हल्दी, एलोवेरा, स्ट्राबेरी, लेमन ग्रास की खेती भी करने लगे हैं। इसके लिए कृषि, बागवानी विभाग भी किसानों को जागरूक कर रहा है। कंडी क्षेत्र में जहा बंदर फसलों को नुकसान पहुंचाते हैं। वहा किसान एलोवेरा, लेमन ग्रास लगा रहे हैं।

सीमावर्ती क्षेत्र में किसानों ने ट्रायल के तौर अपनी थोड़ी थोड़ी जमीन में हल्दी लगानी शुरू कर दी है। हीरानगर, मढीन दो तहसीलों में करीब करीब किसानों ने हल्दी लगाई है और कृषि विभाग ने उन्हें 50 फीसदी सब्सिडी पर बीज मुहैया करवाया है। पानसर पंचायत में पहली बार हल्दी की खेती करने वाले किसान दौलत राम, सुभाष चन्द्र का कहना है कि धान गेहूं की फसलें लगाने पर अब काफी खर्चा आता है। एक तो मजदूरों पर निर्भर रहना पड़ता है, जो समय पर नहीं मिलते। अगर उत्पादन हो भी जाए तो अनाज का उचित दाम नहीं मिलता। यही वजह है कि किसानों की आमदनी नहीं बढ रही। उन्होंने कहा कि वह हल्दी इस लिए लगाना चाहते हैं कि इसे जानवर नहीं खाते। दूसरा इसे खुद भी लगा सकते हैं और जमीन भी हल्दी के लिए उपयोगी है। पहले वह घरों की जरूरत के लिए हल्दी लगाते थे, लेकिन अब कृषि विभाग ने हल्दी लगाने की सलाह दी है तो खेती कर रहे हैं। अगर विभाग मार्केटिंग की व्यवस्था कर दे तो बड़े पैमाने पर हल्दी की खेती हो सकती है।

हल्दी की खेती के लिए हीरानगर की जमीन उपयोगी : एसडीओ

कृषि विभाग के एसडीओ प्रदीप शर्मा ने कहा कि हीरानगर, मढीन तहसीलों में इस बार दस एकड़ में हल्दी लगवाई गई है। किसानों को सब्सिडी पर बीज मुहैया करवाया गया था। किसानों को अपनी आमदनी बढ़ाने के लिए अन्य फसलें भी लगानी चाहिए। हीरानगर क्षेत्र की जमीन हल्दी की खेती के लिए उपयोगी है। एक क्विंटल हल्दी से किसान 5 से 6 हजार रुपये कमा सकते हैं। विभाग हल्दी बेचने में किसानों की मदद करेगा।

बासमती धान के लिए भी खोला जाए खरीद केंद्र : किसान

संवाद सहयोगी, हीरानगर : धान खरीद के लिए मढीन के बलासा खू में खोली गई मंडी में खरीद का काम तेज से चल रहा है। किसानों ने अब बासमती धान की खरीद के लिए भी अलग से मंडी खोलने की माग की है। एफसीआइ के इंस्पेक्टर सुमित कौल के अनुसार बलासा खू मंडी में अभी तक 34 किसानों का पांच हजार बोरी धान खरीदा जा चुका है। मंडी में इस बार अनाज साफ करने की व्यवस्था की गई है। वहीं किसानों का कहना है कि मंढीन जोन में अधिकतर किसान बासमती की खेती करते हैं। उन्होंने कहा कि जिस तरह सरकार ने परमल वैरायटी का धान खरीदने के लिए मंडियां खोल रखी हैं, वैसे ही बासमती धान की खरीद के लिए भी मंडी खोलनी चाहिए, ताकि किसान बासमती धान भी बेच सकें। पहाड़ पुर के किसान फकीर चंद, प्रदीप कुमार, सूरज प्रकाश का कहना है कि हरिया चक क्षेत्र में दूसरी मंडी खोलने की माग की गई थी, लेकिन अभी तक मंडी नहीं खोली गई। उन्होंने कहा कि मौसम बदल रहा है। अगर बारिश हो गई तो फसल को नुकसान हो सकता है। दूसरी मंडी भी जल्द खोलनी चाहिए ताकि किसान जल्द फसल समेट सकें।

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जिले में किडिया और हरिया चक के कूंदा चक के लिए दो मंडियों को मंजूरी मिली है। कूंदा चक में मंडी खोलने के लिए जगह का चयन हो रहा है। जल्द ही वहा भी खरीद शुरू हो जाएगी। बासमती की एफसीआई खरीद नहीं करती है।

प्रदीप शर्मा, एसडीओ, कृषि विभाग

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