सरकार गिरने पर चारों ओर राहत व खुशी का माहौल

- गवर्नर शासन के पक्ष में आम लोग, आतंकियों के खिलाफ अब चाहते हैं लोग सख्त कार्रवाई -विभिन्न संगठन

By JagranEdited By: Publish:Tue, 19 Jun 2018 09:41 PM (IST) Updated:Tue, 19 Jun 2018 09:41 PM (IST)
सरकार गिरने पर चारों ओर राहत व खुशी का माहौल
सरकार गिरने पर चारों ओर राहत व खुशी का माहौल

- गवर्नर शासन के पक्ष में आम लोग, आतंकियों के खिलाफ अब चाहते हैं लोग सख्त कार्रवाई

-विभिन्न संगठनों ने भी सरकार गिरने का किया स्वागत

फोटो सहित-17 से 23 तक

जागरण संवाददाता, कठुआ : जम्मू-कश्मीर में पीडीपी-भाजपा गठबंधन टूटने और सरकार गिरने पर चारों ओर लोग राहत एवं खुश नजर आए। लोगों का कहना है कि प्रदेश में बदतर हुए हालात को काबू करने में असफल रही सरकार को सत्ता से हटना ही समय की मांग थी। विरोधी दलों के अलावा आम लोग भी सरकार गिरने से खुश नजर आए और मंगलवार दिन भर शहर के चौक चौराहों पर सरकार गिरने की चर्चा रही। सरकार गिरने पर विभिन्न दलों ने अपनी प्रतिक्रिया में इसे आम लोगों को बड़ी राहत मिलने का कदम बताया।

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असमय और अवसरवादी गठबंधन का यहीं इंजाम होना था। ये तो तीन साल पहले सरकार बनने के दौरान ही लग रहा था। ए और बी का गठजोड़ भले ही भाजपा और पीडीपी के मंत्रियों के लिए निजी फायदेमंद रहा, लेकिन जनता के लिए ये गठबंधन ठगबंधन साबित हुआ। अब गर्वनर राज लागू हो गया है, हालांकि यह भी लोकतंत्र के हित में नहीं है, गर्वनर हालात जल्द ठीक करें और जल्द नए सिरे से प्रदेश में चुनाव हों।

-ठाकुर बलवीर सिंह, एमएलसी कांग्रेस

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तीन सालों में भाजपा-पीडीपी का गठबंधन हर मोर्चे पर फेल साबित हुआ है। सत्ता की भूखी भाजपा ने एक ऐसी पार्टी से समझौता कर प्रदेश की जनता को लूटा और अब अवसरवादी गठबंधन को समय पर तोड़ लिया, लेकिन इससे प्रदेश की तरक्की पर जो प्रभाव पड़ा है, उसे आने वाले कई सालों तक पूरा नहीं किया जा सकता है। इस गठबंधन से प्रदेश के हालात और बिगड़े हैं।

-सुभाष गुप्ता, प्रधान जिला कांग्रेस कमेटी कठुआ एवं पूर्व एमएलसी

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तीन साल भाजपा के मंत्रियों ने राज्य को खूब लूटा और अपने घर बाहर भर लिए अब लोगों में गिरती साख को बचाने के लिए समर्थन वापस लेकर नौटंकी की जा रही है। क्षेत्र के लोग पहले से ही भाजपा द्वारा पीडीपी के आगे घुटने टेकने से न खुश थे। चाहे रसाना कांड हो चाहे रमजान में संघर्ष विराम सबमें यह सरकार फेल हुई और खासकर भाजपा की नीतियां तो जम्मू के लिए आज तक स्पष्ट नहीं हो सकी। अलगाव वादियों की भाषा मुख्यमंत्री बोलती रही। सरकार का टूटना तय था मगर इससे पहले के पीडीपी समर्थन वापस लेती भाजपा ने पहल कर दी।

-जगदीश राज सपोलिया, पूर्व विधायक बसोहली

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सरकार गिरने पर आम लोग इतने खुश नजर आ रहे हैं, जैसे उन्हें कोई राहत मिली हो। इस गठबंधन में शामिल विशेषकर भाजपा के मंत्रियों ने रिश्वत के रिकॉर्ड तोड़ दिए, आम लोगों से भी तबादलों के नाम पर पैसे लूटे, जो कि राज्य की राजनीति में एक नया इतिहास बनाया है। पीडीपी से भाजपा का गठबंधन पहले से ही नार्थ साउथ पोल लग रहा था, लेकिन भाजपा ने अपने मंत्रियों को सत्ता का सुख भोगने का मौका दिया, लेकिन प्रदेश की जनता के लिए अगले कई सालों तक कई समस्याएं खड़ी कर दी हैं।

-नरेश शर्मा, पूर्व अध्यक्ष नप कठुआ।

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ऐसा पहली बार हुआ है, जब किसी सरकार के गिरने से आम व्यक्ति खुश नजर आया। जिससे साफ है कि प्रदेश की जनता इस सरकार से कितनी परेशान थीं। हर कोई अपने हक के लिए सड़कों पर उतरा था। उनकी कोई सुनवाई नहीं हो रही थी। लोगों के साथ किए वादे ये सरकार पूरा नहीं कर पाई है। भाजपा ने एक ऐसे दल से सत्ता की खातिर गठबंधन किया, जो पहले भी राज्य में सांप्रदायिक माहौल पैदा कर चुकी थी।

-एडवोकेट सुशील गुप्ता इस गठबंधन सरकार के दौरान राज्य के किसी भी समुदाय के लंबित मसले हल नहीं हुए। सिर्फ आश्वासन ही मिले है। आश्वासन देकर सरकार के मंत्रियों और जनप्रतिनिधियों ने अपना समय निकाला, लेकिन अपने घर भर लिए। भाजपा का यह गठबंधन अब तक का सबसे असफल साबित हुआ।

-केवल शर्मा, पूर्व उपप्रधान नप कठुआ

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केंद्र सरकार का राज्य में पीडीपी के साथ गठबंधन तोड़ने का फैसला सराहनीय है। समय पर लिया फैसला प्रदेश व जनता के हित में है। आम जनता पीडीपी की नीतियों से परेशान थी। भाजपा की केंद्र सरकार ने प्रदेश की जनता को हित को सर्वोपरि रखते हुए अपनी सरकार की कुर्बानी दी है। -डॉ. नरेंद्र सिंह जसरोटिया, सदस्य प्रदेश भाजपा कार्यकारिणी

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