जीएमसी कठुआ में हर दो दिन में आ रहे दो कैंसर पीड़ित

जीएमसी कठुआ के कैंसर रोग विशेषज्ञ डॉ. दीपक अबरोल ने कहा कि नौ महीने के अंतराल में कठुआ जिले में 350 के करीब कैंसर पीड़ित सामने आए हैं। यह ओपीडी मार्च 2019 से लेकर दिसबंर 2019 तक की है।

By JagranEdited By: Publish:Wed, 05 Feb 2020 10:30 AM (IST) Updated:Wed, 05 Feb 2020 10:30 AM (IST)
जीएमसी कठुआ में हर दो दिन में आ रहे दो कैंसर पीड़ित
जीएमसी कठुआ में हर दो दिन में आ रहे दो कैंसर पीड़ित

जागरण संवाददाता, कठुआ : राजकीय मेडिकल कॉलेज कठुआ की ओपीडी में हर दिन एक कैंसर के पीडित मरीज आ रहा हैं। नौ महीने के अंतराल में कठुआ जिले में 350 के करीब कैंसर पीड़ित सामने आए हैं। यह ओपीडी मार्च 2019 से लेकर दिसबंर 2019 तक की है। इसका खुलासा जीएमसी कठुआ के कैंसर रोग विशेषज्ञ डॉ. दीपक अबरोल ने मंगलवार को विश्व कैंसर दिवस पर आयोजित कार्यक्रम में किया। हालांकि उन्होंने कहा कि इनके अलावा कई मरीज कठुआ में जांच व उपचार करवाने के बजाय दूसरे राज्यों अथवा स्वास्थ्य संस्थानों का रूख करते हैं, नहीं तो यह आंकड़ा और भी बढ़ सकता है। उनका कहना है कि कई लोग तो जागरूकता के अभाव में उपचार के लिए ही नहीं आते हैं, लेकिन अभी कुछ लोग उपचार के लिए आगे आने लगे हैं। अभी कठुआ में जागरूकता की काफी जरूरत है।

डॉ. दीपक अबरोल ने कहा कि कैंसर पीड़ितों को अब जागरूक होना है। बीमारी पर जीत हासिल करनी है। कैंसर पीड़ित लगातार कैंसर विशेषज्ञ से फालोअप करवा अपनी उपचार करवाएं। जीएमसी कठुआ में कैंसर पीड़ितों की जांच, उपचार के अलावा दवाइयां भी मौजदू हैं। ऐसे में अब इस प्रकार की बीमारी का लक्षण दिखते ही पीड़ित स्वयं आगे आएं और उपचार करवाएं। पहली, दूसरी और तीसरी स्टेज के पीड़ितों का इलाज संभव है। इस खतरनाक बीमारी का उपचार करवाकर पीड़ित स्वस्थ जीवन जी सकता है। इस दौरान डॉ. दीपक अबरोल से फालोअप एवं उपचार करवा रहे कैंसर पीड़ितों को सम्मानित भी दिया। इसके साथ ही पीड़ितों को उपचार के लिए प्रेरित करने वालों को भी सम्मानित किया गया। कठुआ में कैंसर का उपचार संभव

डॉ. दीपक अबरोल ने कहा कि कैंसर पीड़ित नियमित ओपीडी जांच करवाएं और उपचार से इस बीमारी से छुटकारा पा सकते हैं। कई रोगी इस पर जीत हासिल कर चुके हैं। उन्होंने बताया कि जीएमसी कठुआ में पहली स्टेज के कैंसर पीड़ितों के लिए सर्जरी एवं कीमोथरैपी की सुविधा है। अगर कोई दूसरी या तीसरी स्टेज में है तो भी उसका इलाज है। इसके लिए कठुआ से ही मेदांता, टाटा, फोर्टिस, शेर-ए-कश्मीर इंस्टीट्यूट कश्मीर और जीएमसी जम्मू में तैनात ऑन्कोलाजिस्ट से संपर्क कर उपचार की सुविधा और सलाह दी जाती है। इससे पहले जागरूकता कार्यक्रम की शुरूआत जीएमसी कठुआ के प्रिसिपल डॉ. सुलेमान चौधरी ने कैंसर की बीमारी पर जीत हासिल कर चुके तीन रोगियों को सम्मान देकर की।

इसके बाद मनोराग विशेषज्ञ डॉ. तपन शर्मा ने भी उपस्थित कैंसर पीड़ितों की काउंसिलिंग की। डॉ. यंगचिन ने भी कैंसर रोग के रोकथाम पर विचार रखे। इस दौरान रोग के प्रति जागरूकता एवं रोगी को इलाज में सहायता के लिए हस्ताक्षर अभियान चलाने सहित कैंसर रोग की रोकथाम से संबंधित प्रचार सामग्री भी वितरित की गई।

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