आजादी के 70 साल बाद भी पानी के लिए नाले का सहारा
संवाद सहयोगी बसोहली जल शक्ति विभाग द्वारा की जाने वाली पानी की कम सप्लाई के कारण लोगा
संवाद सहयोगी, बसोहली : जल शक्ति विभाग द्वारा की जाने वाली पानी की कम सप्लाई के कारण लोगों को आज के युग में भी नाले पर कपड़े धोते देखा जा सकता है। बरसात के दिनों में कपड़े धोना खतरनाक भी हो सकता है। कभी भी नाले में बाढ़ आ सकती है। नाले के बीच में पानी के तेज बहाव के चलते बाढ़ अपने साथ ले जा सकती है।
ऐसा ही नजारा देखने को मिलता है घगरोड़ गांव के नाले में। यहां पर बाढ़ की परवाह किए बगैर लोगों को हर रोज नाले में लोगों को नहाते, कपड़े धोते और माल मवेशियों को पानी पिलाते देखा जा सकता है। गांव के सरपंच राजेंद्र सिंह का कहना है कि हर गांव में पानी, बिजली आदि कई सुविधाओं को प्रदान करने के लिये कई योजनाएं बनाई जाती हैं मगर यहां पर योजनाएं आधी अधूरी देखने को मिल रही हैं। गांव में पंपिंग स्टेशन तो बना, लेकिन लोगों की समस्या पर विराम नहीं लग पाया। आज भी पानी की सप्लाई इतनी अच्छी नहीं है कि हर घर की जरूरत पूरा हो पाए। गांव की बाबलियों, नालों पर हर समय भीड़ इस बात की गवाह है कि पानी की कमी है।
उन्होंने बताया कि गर्मियों में गांव के लोगों को ज्यादा मुश्किलों का सामना करना पड़ता है जब नाले में पानी कम हो जाता है, प्राकृतिक पानी के स्रोत जवाब दे जाते हैं। प्रशासन को घगरोड़ गांव में पानी की सुविधा को सुचारु करने की दिशा में काम करना चाहिए।
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हर घर नल योजना पर काम शुरू हो गया है। गांव में योजना के शुरू होते ही पानी की कमी पर विराम लग पाएगा।
-हरीश शर्मा, एईई, जल शक्ति विभाग