नए साल में शुरू होंगी बनी में मंजूर केंद्रीय विद्यालय की कक्षाएं

जागरण संवाददाता कठुआ जिले के अब तक पिछड़े पहाड़ी बनी क्षेत्र में नए वर्ष 2021 में उच्च एव

By JagranEdited By: Publish:Sat, 02 Jan 2021 06:17 AM (IST) Updated:Sat, 02 Jan 2021 06:17 AM (IST)
नए साल में शुरू होंगी बनी में मंजूर केंद्रीय विद्यालय की कक्षाएं
नए साल में शुरू होंगी बनी में मंजूर केंद्रीय विद्यालय की कक्षाएं

जागरण संवाददाता, कठुआ : जिले के अब तक पिछड़े पहाड़ी बनी क्षेत्र में नए वर्ष 2021 में उच्च एवं गुणवत्ता की शिक्षा का संचार होने की उम्मीद जगी है। इस क्षेत्र में अभी तक सरकारी स्कूलों के अलावा निजी स्कूलों की भी इतनी संख्या नहीं है, जहां पर शहरों की तरह अच्छी सुविधाओं एवं गुणवत्ता वाली शिक्षा लेकर छात्र अपना भविष्य चमका सकें, लेकिन केंद्र सरकार के प्रयास से आजादी के केंद्रीय विद्यालय की मंजूरी गत वर्ष दी गई थी। हालांकि कोरोना महामारी के कारण गत वर्ष विद्यालय की कक्षाएं शुरू नहीं की जा सकीं, लेकिन इस वर्ष उम्मीद की जा रही है कि कोरोना महामारी का प्रकोप कम होने पर कक्षाएं शुरू हो सकेंगी।

बनी प्रशासन ने चांदल में विद्यालय के निर्माण के लिए 20 कनाल भूमि का भी चयन कर दिया है, लेकिन गत वर्ष बनी के छात्रों के लिए शिक्षा की महत्वपूर्ण परियोजना सिरे नहीं चढ़ पाई, अब इस वर्ष उम्मीद की जा रही है। बनी जैसे पिछड़े पहाड़ी क्षेत्र में केंद्रीय विद्यालय खुलना शिक्षा के क्षेत्र में बड़ी उपलब्धि होगी। अभी तक जिले में मात्र तीन ही केंद्रीय विद्यालय हैं। यह कठुआ, लखनपुर और हीरानगर में है। बिलावर, बसोहली में अभी तक विद्यार्थियों के लिए केवी की सुविधा नहीं है। ऐसे में बनी के विद्यार्थियों के लिए केवी की सुविधा मिलना बड़ी सौगात हो सकती है। बता दें कि बनी के विद्यार्थियों को अगर केवी जैसे स्कूल में शिक्षा ग्रहण करनी हो तो उन्हें 200 किलोमीटर दूर कठुआ आना पड़ता है। इसी कारण जिले के तीनों विद्यालयों में बनी के छात्र नहीं पहुंच पाते हैं।

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13 साल बाद बनी डिग्री कॉलेज को मिलेगा अपना भवन

बनी में डिग्री कॉलेज खुले हुए 13 साल हो गए हैं, लेकिन आज तक कॉलेज को अपनी इमारत नसीब नहीं हो पाई। अब इसी नए वर्ष में मिलने जा रही है। लंबे इंतजार के बाद बनी डिग्री कॉलेज की इमारत इसी माह के अंत तक निर्माण एजेंसी द्वारा कॉलेज प्रशासन को सौंप दी जाएगी, जो यहां के विद्यार्थियों के लिए बड़ी सौगात होगी। इसके लिए उन्हें लंबा इंतजार करना पड़ा। इमारत के अभाव में कॉलेज पिछड़े वर्ग के एक हॉस्टल की इमारत में चलाया जा रहा है, जहां पर विद्यार्थी असुविधा में शिक्षा ग्रहण कर रहे हैं। इमारत के अभाव में कॉलेज में आज तक साइंस विषय शुरू नहीं किया जा सका है, लेकिन अब अपनी इमारत बनने से विद्यार्थियों को पहली बार उच्च शिक्षा का लाभ अपने क्षेत्र में ही मिलेगा और वो शहरी क्षेत्र जैसी सुविधाएं पा सकेंगे।

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