नई ग्रामीण आर्थिक क्रांति की ओर जम्मू कश्मीर : मनोज सिन्हा

बागवानी कृषि एवं डेयरी उद्योग को बढ़ावा देने के लिए कई योजनाएं लागू की जा रहीं। इससे जम्मू कश्मीर का कायाकल्प होगा। इससे किसान समृद्ध होंगे कृषि उद्यमिता को बढ़ावा मिलेगा और रोजगार के अवसर बढ़ेंगे। साथ ही प्रदेश की जीडीपी बढ़ेगी। इ

By JagranEdited By: Publish:Fri, 30 Jul 2021 08:56 AM (IST) Updated:Fri, 30 Jul 2021 08:56 AM (IST)
नई ग्रामीण आर्थिक क्रांति की ओर जम्मू कश्मीर : मनोज सिन्हा
नई ग्रामीण आर्थिक क्रांति की ओर जम्मू कश्मीर : मनोज सिन्हा

जागरण संवाददाता, कठुआ : बागवानी, कृषि एवं डेयरी उद्योग को बढ़ावा देने के लिए कई योजनाएं लागू की जा रहीं। इससे जम्मू कश्मीर का कायाकल्प होगा। इससे किसान समृद्ध होंगे, कृषि उद्यमिता को बढ़ावा मिलेगा और रोजगार के अवसर बढ़ेंगे। साथ ही प्रदेश की जीडीपी बढ़ेगी। इसके जरिये हम देश को भी सहयोग दे सकते हैं। ये बात राज्यपाल मनोज सिन्हा ने वीरवार को कठुआ जिले के हीरानगर में आयोजित पशुधन एवं व्यापार मेले में कहीं।

उपराज्यपाल ने कहा कि जारी प्रयासों के परिणाम तेजी से सामने आने लगे हैं। इससे जम्मू कश्मीर एक नई ग्रामीण आर्थिक क्रांति की ओर बढ़ने लगा है, जो पिछले 70 साल में नहीं देखी गई। पहले किसान एक हेक्टेयर में 2 किलोग्राम केसर पैदा करता था, लेकिन अब 5 किलो करता है। लैब टेक्नोलाजी को खेतों में ले जाते हुए हमारे कृषि विज्ञानी, शोधकर्ता मेहनत से नई ऊंचाई छू रहे हैं। डोडा जिले के लगभग 500 किसानों ने नई तकनीक अपनाया और लैवेंडर की खेती के लिए मक्के की पारंपरिक खेती को छोड़ दिया। डोडा में पहली बार 500 किसान लैवेंडर के फूलों की खेती से जुडे़ हैं। सरकार प्रदेश में बागवानी, कृषि और डेयरी को बढ़ावा देने के हर संभव प्रयास कर रही है। इसी प्रयास में प्रदेश में पहला पशुधन मेला यहां आयोजित किया गया है, ताकि डेयरी उद्योग को बढ़ावा मिले। डेयरी उद्योग में किसानों की आर्थिक स्थिति बेहतर होने की अपार संभावना है। इसमें दुग्ध व्यापार के साथ उससे बनने वाले खाद्य पदार्थो की फैक्ट्रियां लग सकती हैं। इससे प्रदेश अन्य राज्यों से प्रतिस्पर्धा कर सकेगा। हालांकि पिछले कुछ समय से पशु एवं भेड़ पालन विभाग ने इस दिशा में अच्छे प्रयास किए हैं, जिसके सार्थक परिणाम दिखने लगे हैं। इसी के चलते पशुओं की मंडियां लगने लगी हैं, जो पहले दूसरे राज्यों में लगती रहीं। सरकार की इस साल 26 मोबाइल पशु चिकित्सा क्लीनिक स्थापित करने के अलावा 800 नई डेयरी इकाइयां स्थापित करने की योजना है। सिन्हा ने कहा कि हमारी 70 फीसद आबादी, लगभग 76 लाख लोग कृषि पर निर्भर हैं।

कृषि क्षेत्र के लिए 2008 करोड़ रुपये का बजट

2008 करोड़ रुपये का बजट कृषि क्षेत्र के लिए रखा गया है, जो कई अन्य राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों की तुलना में प्रति व्यक्ति बजट से कहीं अधिक है। बागबानी, कृषि एवं डेयरी को बढ़ावा देने का उद्देश्य प्रदेश को इस क्षेत्र में आत्मनिर्भर बनाकर किसानों की आय दोगुना करना है। उपराज्यपाल ने कहा कि प्रदेश में उच्च घनत्व वृक्षारोपण मिशन मोड में शुरू किया गया है। उच्च घनत्व वृक्षारोपण के लिए सामग्री किसानों को रियायती दरों पर उपलब्ध कराई जा रही है। हालांकि आज भी डाक्टर का बेटा डाक्टर, अधिकारी का बेटा अधिकारी बनना चाहता है, लेकिन किसान अपने बेटे को किसान बनाने के लिए तैयार नहीं हैं। इस तरह की सोच को जब तक बदला नहीं जाता, कृषि में बड़ा बदलाव नहीं ला सकते। हमें ऐसे प्रयास करने हैं, जिसमें किसान का बेटा भी किसान बनने के लिए तैयार हो। कृषि विभाग के प्रयासों की सराहना करते हुए उपराज्यपाल ने कहा कि सरकारी तंत्र किसानों को उनके सामाजिक-आर्थिक विकास को सुविधाजनक बनाने के लिए हर संभव सहायता प्रदान कर रहा है। संयुक्त राज्य अमेरिका की विज्ञान पत्रिका 'हेलियन' में प्रकाशित जम्मू और कश्मीर की बदलती कृषि और बागवानी प्रणाली पर एक शोध पत्र का हवाला भी दिया।

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प्रदेश में 8 हजार सरकारी पदों पर भर्ती प्रकिया जारी

उपराज्यपाल ने कहा कि सरकारी नौकरी में भी युवाओं को मौका देने के लिए इस समय 8 हजार के करीब पदों को भरने के लिए प्रक्रिया जारी है। हालांकि प्रदेश में पहले से ही सरकारी नौकरियों में ज्यादा लोग हैं। यहां पर करीब 4 लाख स्थायी और 90 हजार डेलीवेजर हैं, जबकि आबादी 1.35 करोड़ है। इसके मुकाबले में अगर बिहार जैसे प्रदेश की बात की जाए तो वहां की आबादी 16 करोड़ हैं, वहां 5 लाख ही कर्मचारी हैं। ऐसे में उसकी तुलना यहां सरकारी नौकरियां पाने में लोग कहीं ज्यादा हैं। उन्होंने इस दौरान चेतावनी दी कि डेलीवेजरों ने अगर हड़ताल के दौरान सड़क जाम करने के प्रयास किए तो अब उनसे सख्ती से निपटा जाएगा।

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