संघर्ष विराम से राहत महसूस कर रहे सीमावर्ती लोग, पाक से आशंकित भी

संवाद सहयोगी हीरानगर भारत-पाकिस्तान के बीच हुए संघर्ष विराम समझौते का सीमावर्ती लोगों ने स्वागत

By JagranEdited By: Publish:Sat, 27 Feb 2021 06:10 AM (IST) Updated:Sat, 27 Feb 2021 06:10 AM (IST)
संघर्ष विराम से राहत महसूस कर रहे सीमावर्ती लोग, पाक से आशंकित भी
संघर्ष विराम से राहत महसूस कर रहे सीमावर्ती लोग, पाक से आशंकित भी

संवाद सहयोगी, हीरानगर : भारत-पाकिस्तान के बीच हुए संघर्ष विराम समझौते का सीमावर्ती लोगों ने स्वागत किया है। वीरवार की रात को हीरानगर सेक्टर के बोबिया लोंडी गावों के बीच पाक रेंजरों द्वारा गोलीबारी नहीं होने से लोग राहत महसूस कर रहे हैं, लेकिन अभी भी आशंकित हैं।

सीमावर्ती लोगों का कहना है कि इस बार संघर्ष विराम कायम करने के लिए सिर्फ दोनों देशों के डीजीएमओ के बीच बातचीत हुई है। पाकिस्तान पर भरोसा नहीं किया जा सकता। वह कब संघर्ष विराम का उल्लंघन कर दे। आगे भी बातचीत जारी रहनी चाहिए। शुक्रवार को बोबिया लोंडी गावों के बीच लोगों को सीमा के नजदीक पशुओं को चराते हुए देखा गया। किसान खेतों में दवा का छिड़काव करते, घास काटते भी देखे, लेकिन वह पूरी तरह से सतर्क थे। बोबिया गाव के निवासी और सीमा जन कल्याण समिति के पूर्व जिलाध्यक्ष सुभाष सिंह, प्रमोद सिंह, रशपाल सिंह, देव राज का कहना है कि संघर्ष विराम समझौता यदि सीमा पर कायम रहता है तो यह सीमावर्ती लोगों के लिए बड़ी राहत देने वाली बात होगी। लोग तारबंदी के पीछे बेखौफ काम करवाएंगे। पहले वर्ष 2003 में हुआ था संघर्ष विराम

उन्होंने कहा कि वर्ष 2003 में हुए संघर्ष विराम समझौते के बाद 2015 तक सीमा पर शाति बनी रही थी। उसके बाद पाकिस्तान ने 2018 तक फिर से संघर्ष विराम का उल्लंघन कर अंतरराष्ट्रीय सीमा पर गोलीबारी शुरू कर दी थी। अब भी दो साल से पाकिस्तान हीरानगर सेक्टर में गोलाबारी करता आ रहा है। इससे सीमावर्ती लोगों को काफी नुकसान उठाना पड़ा। लोग इस दौरान नींद भर कर सो न सके। उन्होंने कहा कि अगर पाकिस्तान संघर्ष विराम समझौते पर कायम रहता है तो यह बड़ी खुशी की बात है। बोबिया में पाक रेंजर हर रोज गोलाबारी करते थे। दो दिन से गोलीबारी नहीं हुई है। अगर आगे इसी तरह शाति बनी रहती है तो सीमावर्ती लोग दोबारा पहले की तरह बेखौफ होकर काम कर सकेंगे।

chat bot
आपका साथी