यासीन मलिक हत्या, अपहरण मामले में टाडा कोर्ट में हुए पेश, वीडियो कांफ्रेंसिंग से हुई पूछताछ

सीबीआइ ने जांच पूरी करने के बाद यासीन व अन्य के खिलाफ टाडा कोर्ट जम्मू में चालान पेश किया। इन दोनों मामलों में बहस होनी है।

By Rahul SharmaEdited By: Publish:Thu, 24 Oct 2019 01:47 PM (IST) Updated:Thu, 24 Oct 2019 01:47 PM (IST)
यासीन मलिक हत्या, अपहरण मामले में टाडा कोर्ट में हुए पेश, वीडियो कांफ्रेंसिंग से हुई पूछताछ
यासीन मलिक हत्या, अपहरण मामले में टाडा कोर्ट में हुए पेश, वीडियो कांफ्रेंसिंग से हुई पूछताछ

जम्मू, जागरण संवाददाता। एयरफोर्स के पांच अधिकारियों की हत्या और पूर्व केंद्रीय गृहमंत्री मुफ्ती मुहम्मद सईद की बेटी रूबिया सईद के अपहरण में मुख्य आरोपित यासीन मलिक दिल्ली की तिहाड़ जेल से वीडियो कांफ्रेंसिंग के जरिए बुधवार को टाडा कोर्ट में पेश हुए।

पीठासीन अधिकारी ने आतंकी संगठन जम्मू कश्मीर लिबरेशन फ्रंट (जेकेएलएफ) के प्रमुख यासीन मलिक से उन पर लगे हत्याओं और अपहरण के अरोपों के बारे में पूछा। इस पर उसने कहा कि मेरा वकील जवाब देगा। सीबीआइ की ओर से वरिष्ठ अधिवक्ता पवित्र सिंह कोर्ट में पेश हुए। कोर्ट में शौकत बक्शी को छोड़ सभी आरोपित मौजूद थे। सीबीआइ के वकील ने कोर्ट को बताया कि शौकत बक्शी जन सुरक्षा अधिनियम के तहत श्रीनगर सेंट्रल जेल में है। कोर्ट ने श्रीनगर जेल के सुपरिंटेंडेंट को निर्देश दिए कि अगली सुनवाई पर शौकत को कोर्ट में पेश किया जाए या फिर वीडियो कांफ्रेंसिंग के जरिए पेश किया जाए। अदालत ने आरोपित शौकत बक्शी के खिलाफ वारंट जारी कर मामले की अगली सुनवाई पांच नवंबर तय की।

एयरफोर्स अधिकारियों पर आतंकियों ने की थी फायरिंग : सीबीआइ के दूसरे चालान के मुताबिक 25 जनवरी 1990 की सुबह करीब साढ़े सात बजे रावलपोरा में किराये पर रह रहे एयरफोर्स अधिकारी एयरफोर्स की गाड़ी के लिए सनत नगर क्रॉसिंग पर खड़े थे। तभी आतंकियों ने उन पर अंधाधुंध फायरिंग कर दी। उस समय वहां एक महिला समेत करीब 40 एयरफोर्स अधिकारी मौजूद थे, जो गंभीर रूप से घायल हो गए। दो अधिकारियों की मौके पर ही मौत हो गई, जबकि तीन अन्य ने बाद में दम तोड़ दिया। सीबीआइ ने जांच पूरी करने के बाद यासीन व अन्य के खिलाफ टाडा कोर्ट जम्मू में चालान पेश किया। इन दोनों मामलों में बहस होनी है।

यासीन मलिक के खिलाफ आरोपपत्र पर लिया संज्ञान

पटियाला हाउस कोर्ट ने टेरर फंडिंग के मामले में यासीन मलिक सहित पांच अलगाववादियों के खिलाफ दायर पूरक आरोपपत्र पर संज्ञान ले लिया है। अगली सुनवाई 7 नवंबर को होगी। अदालत ने तब तक के लिए आरोपितों की न्यायिक हिरासत अवधि बढ़ा दी है। राष्ट्रीय जांच एजेंसी) ने मामले में पूरक आरोपपत्र दायर किया था, जिसमें अलगाववादी नेता यासीन मलिक, आसिया अंद्राबी, मशरत आलम, इंजीनियर राशिद और शब्बीर अहमद शाह को आरोपित बनाया गया है।

रूबिया की रिहाई के बदले छोड़ना पड़ा था कई आतंकियों को

सीबीआइ के चालान के मुताबिक यासीन मलिक पर यह भी आरोप है कि उसने कुछ बंदूकधारियों के साथ मिलकर डॉ. रूबिया सईद का 8 दिसंबर 1989 में श्रीनगर के ललदेह इलाके से अपहरण कर लिया था। बाद में रूबिया की रिहाई के बदले केंद्र सरकार को कई खूंखार आतंकियों को छोड़ना पड़ा था। उस समय रूबिया के पिता केंद्र में गृह मंत्री पद पर थे। सीबीआइ ने जांच पूरी करने के बाद 18 सितंबर 1990 को जम्मू की टाडा कोर्ट में आरोपितों के खिलाफ चालान पेश किया था।

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