वकीलों ने वर्क सस्पेंड रखकर दी वाजपेयी को श्रद्धांजलि

जागरण संवाददाता, जम्मू : पूर्व प्रधानमंत्री, भारत रत्न अटल बिहारी वाजपेयी को श्रद्धांजलि देने के लिए

By JagranEdited By: Publish:Sat, 18 Aug 2018 08:18 PM (IST) Updated:Sun, 19 Aug 2018 02:18 AM (IST)
वकीलों ने वर्क सस्पेंड रखकर दी वाजपेयी को श्रद्धांजलि
वकीलों ने वर्क सस्पेंड रखकर दी वाजपेयी को श्रद्धांजलि

जागरण संवाददाता, जम्मू : पूर्व प्रधानमंत्री, भारत रत्न अटल बिहारी वाजपेयी को श्रद्धांजलि देने के लिए वकीलों ने शनिवार को वर्क सस्पेंड रखा। शुक्रवार को सरकारी अवकाश के चलते कोर्ट बंद थे। आज जेएंडके हाईकोर्ट बार एसोसिएशन के आह्वान पर वाजपेयी जी को श्रद्धांजलि के तौर पर वर्क सस्पेंड रखा गया। वकील अपने केसों की सुनवाई के दौरान पेश नहीं हुए। अदालतों में केवल इमरजेंसी केसों पर ही सुनवाई हुई और अधिकतर केसों में अगली तारीख निर्धारित हुई।

वाजपेयी की याद में जानीपुर स्थित हाईकोर्ट परिसर में शनिवार सुबह श्रद्धांजलि समारोह का आयोजन किया गया। इसमें वकीलों ने दो मिनट का मौन धारण कर वाजपेयी को श्रद्धांजलि दी।

बार एसोसिएशन के प्रधान सीनियर एडवोकेट बीएस सलाथिया के अलावा सीनियर एडवोकेट लीला करण शर्मा, सीनियर एडवोकेट सुनील सेठी, एडवोकेट एचसी जलमेरिया, चन्द्र मोहन शर्मा, रंजीत ¨सह जम्वाल, बार एसोसिएशन के महासचिव प्रेम सदोत्रा, एडवोकेट चौधरी जुल्कार नैन व मुश्ताक सलारिया ने वाजपेयी को श्रद्धांजलि दी। उन्होंने भारत समेत पूरे विश्व को वाजपेयी जी से मिली सौगातों का जिक्र किया। वक्ताओं ने कहा कि वह राजनीति, धर्म व क्षेत्र से ऊपर उठकर सोचते थे। उनके संसद में पहुंचने से संसद में लोकतंत्र मजबूत हुआ। साहित्य के प्रति उनका प्रेम ही था कि उनके कार्यकाल में डोगरी को भारतीय संविधान के आठवें अनुच्छेद में स्थान मिला। देश का विदेश मंत्री रहते वह यूएनओ गए और वहां देश का प्रतिनिधित्व करते हुए हिन्दी में अनुवाद किया। वह एकमात्र ऐसे नेता थे जिन्हें विपक्ष में होते हुए भी केन्द्र सरकार ने अंतरराष्ट्रीय स्तर पर भारत का प्रतिनिधित्व करने की जिम्मेदारी सौंपी थी। वक्ताओं ने वाजपेयी के कई एतिहासिक फैसलों का जिक्र करते हुए कहा कि उनके जाने से जो शून्य पैदा हुआ है, उसकी कभी भरपाई नहीं हो सकती।

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