Jammu Kashmir: क्यों गुलाम नबी आजाद राजनीति से लेना चाहते थे संन्यास, बोले- पार्टी हाईकमान आलोचना को चुनौती नहीं सलाह समझें

आजाद ने कहा कि जिन वरिष्ठ नेताओं ने पार्टी के लिए इतना कुछ किया है उन्हें नजरअंदाज नहीं करना चाहिए। उन्होंने दावा किया कि वह भी राजनीति से संन्यास लेना चाहते थे लेकिन लाखों समर्थकों की वजह से सक्रिय राजनीति में रहकर जनसेवा करना चाहते हैं।

By Vikas AbrolEdited By: Publish:Tue, 07 Dec 2021 01:42 PM (IST) Updated:Tue, 07 Dec 2021 04:07 PM (IST)
Jammu Kashmir: क्यों गुलाम नबी आजाद राजनीति से लेना चाहते थे संन्यास, बोले- पार्टी हाईकमान आलोचना को चुनौती नहीं सलाह समझें
गुलाम नबी आजाद ने कहा कि जम्मू कश्मीर में पार्टी गतिविधियों को तेजी दी जा रही है।

जम्मू, राज्य ब्यूरो। कांग्रेस के वरिष्ठ नेता व पूर्व मुख्यमंत्री गुलाम नबी आजाद ने कहा कि राजनीति में किसी भी समय कुछ भी संभव है। उनकी मंशा कोई नई पार्टी बनाने की नहीं है लेकिन राजनीति के भविष्य पर कुछ कहा नहीं जा सकता। पिछले करीब दो महीनों से जम्मू कश्मीर में सक्रिय आजाद ने कश्मीर व जम्मू संभाग के विभिन्न इलाकों में जनसभाएं की।

पत्रकारों से बातचीत में गुलाम नबी आजाद ने कहा कि जम्मू कश्मीर में पार्टी गतिविधियों को तेजी दी जा रही है। पहले अनुच्छेद 370 समाप्त होने और फिर कोरोना आने से पार्टी की गतिविधियां थम गई थी। राजनीति के भविष्य बारे में कुछ नहीं कहा जा सकता। फिलहाल मेरा कोई इरादा पार्टी बनाने का नहीं है। कोई भी पार्टी नेतृत्व को चुनौती नहीं दे रहा है। इंदिरा गांधी और राजीव गांधी ने मुझे पार्टी में अपनी बात कहने को पूरी छूट दी थी। वे आलोचना को गलत नहीं मानते थे। पार्टी नेतृत्व को अपने वरिष्ठ नेताओं पर विश्वास रखना चाहिए।

आजाद ने इशारों ही इशारों में एक बार फिर से पार्टी हाईकमान पर निशाना साधा है। उन्होंने कहा कि पार्टी के वरिष्ठ नेताओं की तरफ से दी जाने वाली सलाह व सुझावों को बगावत के रूप में देखा जाता है। जब राजीव गांधी राजनीति में आए तो उस समय इंदिरा गांधी ने उन्हें व मुझे बुलाया, कहा कि आजाद उन्हें भी न कह सकते हैं मगर इसका अर्थ आदेश नहीं मानना होगा, क्योंकि यह पार्टी को बेहतर करने के लिए होगा। उन्होंने कहा कि आज कोई भी ना सुनने को राजी नहीं है। हम तो पार्टी की बेहतरी के लिए ही सलाह देते हैं ताकि पार्टी मजबूत हो।

आजाद ने कहा कि जिन वरिष्ठ नेताओं ने पार्टी के लिए इतना कुछ किया है, उन्हें नजरअंदाज नहीं करना चाहिए। उन्होंने दावा किया कि वह भी राजनीति से संन्यास लेना चाहते थे लेकिन लाखों समर्थकों की वजह से सक्रिय राजनीति में रहकर जनसेवा करना चाहते हैं। जम्मू कश्मीर का राज्य का दर्जा बहाल करके विधानसभा चुनाव करवाने चाहिए। नौकरशाही से लोगों की समस्याओं का समाधान नहीं हो सकता है। सरकार को लोकप्रिय सरकार गठित करनी चाहिए। लोग महंगाई से परेशान है। बेरोजगारी से युवा मुश्किल में हैं। बेरोजगारी व महंगाई सही मायनों में चुनौतियां हैं। किसी धर्म के खिलाफ लड़ाई नहीं होनी चाहिए बल्कि महंगाई व बेरोजगारी जैसे दुश्मनों के खिलाफ लड़ना चाहिए।

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