जम्मू यूनिवर्सिटी में ‘डोगरा संस्कृति के पुनरुद्धार’ पर वेबिनार आयोजित, डोगरा पहचान को पुनर्जीवित करने पर जोर

प्रो. नीरू ने आगे छात्रों को अपने राज्य की खोज करके डोगरा संस्कृति के पुनरुद्धार के लिए आगे आने के लिए प्रेरित किया और अतीत में आयोजित विभिन्न ऑनलाइन गतिविधियों पर ध्यान केंद्रित किया। उन्होंने महिलाओं के लिए एनआरएलएम द्वारा की जा रही गतिविधियों पर भी ध्यान केंद्रित किया।

By Vikas AbrolEdited By: Publish:Mon, 16 Aug 2021 02:45 PM (IST) Updated:Mon, 16 Aug 2021 02:45 PM (IST)
जम्मू यूनिवर्सिटी में ‘डोगरा संस्कृति के पुनरुद्धार’ पर वेबिनार आयोजित, डोगरा पहचान को पुनर्जीवित करने पर जोर
एनएसएस कैंपस यूनिट्स के संयोजक प्रो. नीरू शर्मा ने कार्यक्रम में स्वयंसेवकों और विभिन्न संकाय सदस्यों का स्वागत किया।

जम्मू, जागरण संवाददाता : जम्मू यूनिवर्सिटी ने आजादी का अमृत महोत्सव के तहत ‘डोगरा संस्कृति का पुनरुद्वार’ विषय पर वेबिनार का आयोजन किया। इससे पहले एनएसएस कैंपस यूनिट्स के संयोजक प्रो. नीरू शर्मा ने कार्यक्रम में स्वयंसेवकों और विभिन्न संकाय सदस्यों का स्वागत किया और हमारी डोगरा पहचान को पुनर्जीवित करने की आवश्यकता पर प्रकाश डाला।

छात्रों को डोगरा संस्कृति के पुनरुद्धार के लिए आगे आने के लिए प्रेरित किया

प्रो. नीरू ने आगे छात्रों को अपने राज्य की खोज करके डोगरा संस्कृति के पुनरुद्धार के लिए आगे आने के लिए प्रेरित किया और अतीत में आयोजित विभिन्न ऑनलाइन गतिविधियों पर ध्यान केंद्रित किया।डा. हेमा गंडोत्रा, एनएसएस कार्यक्रम अधिकारी और कार्यक्रम के समन्वयक ने अध्यक्ष अनिल शर्मा, ब्लॉक कार्यक्रम प्रबंधक जम्मू- कश्मीर आजीविका मिशन, ब्लॉक पौनी, जिला रियासी और मिशन उम्मीद और राष्ट्रीय ग्रामीण आजीविका मिशन। उन्होंने महिलाओं के लिए एनआरएलएम द्वारा की जा रही गतिविधियों पर भी ध्यान केंद्रित किया।

सूक्ष्म वित्तीय सहायता की मदद से जिला रियासी की महिलाओं ने एसएचजी बनाया

अनिल शर्मा ने वीडियो और विभिन्न चित्रों के माध्यम से उम्मीद और एनआरएलएम के तहत की जा रही गतिविधियों की विस्तृत प्रस्तुति दी। शर्मा ने विभिन्न सांस्कृतिक विशेषताओं जैसे भोजन, शिल्पकला, अचार आदि पर ध्यान केंद्रित किया जो डोगरा संस्कृति का एक हिस्सा हैं और कैसे सूक्ष्म वित्तीय सहायता की मदद से जिला रियासी की महिलाओं ने एसएचजी बनाया और डोगरा हाट शुरू किया। जो न केवल डोगरा पहचान का एक मील का पत्थर है बल्कि जम्मू के पर्यटकों के लिए एक आकर्षण है।

उन्होंने आगे रियासी जिले में लोगों द्वारा लोगों के लिए किए जा रहे अतीत, वर्तमान और भविष्य की परियोजनाओं के बारे में बात की। कार्यक्रम में प्रो. विश्व रक्षा, पूर्व समन्वयक एनएसएस डा. अंजू थप्पा, एनएसएस समन्वयक डा. मेघना धर, डा. अमित शर्मा, एनएसएस कार्यक्रम अधिकारी और अन्य ने भाग लिया। कार्यक्रम का संचालन नेहा शर्मा ने किया।

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