जम्‍मू-कश्‍मीर: नाबालिग की हथियारों संग तस्वीर हो रही वायरल

उत्तरी कश्मीर के एक नाबालिग की हथियारों संग तस्वीर के सोशल मीडिया पर वायरल होने से सुरक्षा एजेंसियां सकते में आ गई हैं।

By Preeti jhaEdited By: Publish:Thu, 06 Dec 2018 09:50 AM (IST) Updated:Thu, 06 Dec 2018 09:59 AM (IST)
जम्‍मू-कश्‍मीर: नाबालिग की हथियारों संग तस्वीर हो रही वायरल
जम्‍मू-कश्‍मीर: नाबालिग की हथियारों संग तस्वीर हो रही वायरल

राज्य ब्यूरो, जम्मू । वादी में युवकों की आतंकी संगठनों में भर्ती में कमी के दावों के बीच उत्तरी कश्मीर के एक नाबालिग की हथियारों संग तस्वीर के सोशल मीडिया पर वायरल होने से सुरक्षा एजेंसियां सकते में आ गई हैं। यह किशोर अपने एक अन्य साथी संग गत अगस्त के अंत में लापता हो गया था।

दावा किया जा रहा है कि यह किशोर वादी में इस समय सक्रिय आतंकियों में सबसे कम उम्र का है। फिलहाल, उसे मुख्यधारा में लाने के लिए सभी संभव प्रयास किए जा रहे हैं। सुरक्षा एजेंसियों की नींद उड़ाने वाले इस छोटे आतंकी की उम्र करीब 14 साल और नाम मुदस्सर राशिद पर्रे बताया जाता है। वह अपने एक पड़ोसी किशोर बिलाल अहमद के साथ 31 अगस्त को घर से गायब हो गया था।

बिलाल भी उस समय नाबालिग था, लेकिन अब बालिग हो चुका है। यह दोनों उत्तरी कश्मीर में जिला बांडीपोर के अंतर्गत हाजिन कस्बे में पर्रे मोहल्ला के रहने वाले हैं।सूत्रों ने बताया कि यह दोनों जिस दिन गायब हुए, उससे पहले हाजिन में हुई मुठभेड़ में लश्कर के आतंकी मारे गए थे। इनके लापता होने के बाद परिजनों ने पुलिस में रपट भी दर्ज कराई। सोशल मीडिया का सहारा लेते हुए कई बार अपील भी की, लेकिन न पुलिस को यह दोनों लड़के मिले और न ही इन लड़कों पर अपने परिजनों की अपील का कोई असर हुआ। अब सोशल मीडिया पर मुदस्सर की तस्वीर लगातार वायरल हो रही है।

इसमें वह एसाल्ट राइफल लिए नजर आ रहा है। दावा किया जा रहा है कि वह और बिलाल अब लश्कर-ए-तैयबा के स्थानीय मॉड्यूल का एक अहम हिस्सा बन चुके हैं।एसएसपी बांडीपोर शेख जुल्फिकार आजाद ने कहा कि यह दोनों लापता लड़के राष्ट्रविरोधी तत्वों के हाथों गुमराह होकर उनकी चंगुल में फंस चुके हैं। यह तीन माह से आतंकियों के साथ हैं। हम इन्हें जिंदा पकड़ मुख्यधारा में वापस लाने के लिए हर संभव प्रयास कर रहे हैं।

गौरतलब है कि राज्यपाल सत्यपाल मलिक ने बीते माह दावा किया था कि राज्य में बीते तीन चार माह में सिर्फ नाममात्र स्थानीय लड़के ही आतंकी बने हैं। इसके बाद राज्य पुलिस महानिदेशक दिलबाग और कश्मीर में स्थित सेना की 15 कोर के कमांडर लेफ्टिनेंट जनरल एके बट ने भी कहा था कि घाटी में बीते तीन चार महीने के दौरान आतंकी बनने वाले युवकों की संख्या न के बराबर हो चुकी है। 

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