सर्दियों में भी पानी की बूंद-बूंद को तरस रहे ग्रामीण
अखूनर के सुंगल सुमाह, थाती पंगेड़ी, राजे चक्क के ट्यूबवेल में लगी पानी की मोटरों को खराब हुए एक सप्ताह से अधिक समय हो गया है।
अखनूर, जेएनएन। सर्दियों में जब पानी की खपत कम हो जाती है, ऐसे में भी लोगों को पानी की बूंद-बूंद को तरसना पड़ रहा है। इसकी वजह पानी की कमी नहीं बल्कि पीएचई विभाग के मैकेनिकल विंग की अनदेखी है। अखूनर के सुंगल सुमाह, थाती पंगेड़ी, राजे चक्क के ट्यूबवेल में लगी पानी की मोटरों को खराब हुए एक सप्ताह से अधिक समय हो गया है। परंतु उसे ठीक करने के लिए अभी तक कोई कदम नहीं उठाए गए हैं। ग्रामीणों को अब यह चिंता सता रही है कि इस कर्मियों की इस लापरवाही के कारण न जाने उन्हें और कितने दिन इसी तरह पानी के लिए तरसना पड़ेगा।
सुंगल सुमाह के निवासी कृष्ण कांत ने बताया कि ट्यूबवेल पर तैनात कर्मी कभी भी गंभीरता से काम नहीं करते। अकसर लोगों को पानी से संबंधित कोई न कोई परेशानी का सामना करना पड़ता है। एक सप्ताह पहले ट्यूबवेल में लगी पानी की मोटर जल गई। कर्मियों का कहना है कि उनका काम मैकेनिकल विंग को सूचित करना है। वह उन्होंने कर दिया है। मोटर की मरम्मत कब होती है, उसे कब बदला जाएगा, इसका कोई स्पष्ट उत्तर नहीं दिया गया। थाती पंगेड़ी के गोविंद राम और राजे चक्क के मद्दी की भी यही शिकायत थी।
इन लोगों ने बताया कि सुबह सर्द मौसम में लोगों को घरों से बाहर प्राकृतिक स्रोतों या फिर हैंडपंप से पानी भरने को जाना पड़ता है। पीने के पानी से लेकर घर में अन्य कार्यों के लिए पानी एकत्र करने के लिए घंटों समय लग जाता है। इससे उनके रोजमर्रा के कामकाज प्रभावित हो रहे हैं। नौकरी पर जाने वाले बड़ों व स्कूलों में जाने वाले बच्चों को अधिक दिक्कत हो रही है। लोगों ने चेतावनी दी कि यदि सोमवार तक ट्यूबवेल में लगी मोटरें ठीक नहीं हुई। सप्लाई को फिर से बहाल नहीं किया तो वे सड़कों पर उतरने को मजबूर हो जाएंगे।